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आज का चिंतन

धर्म रहित राजनीति से होता है सर्वत्र पतन

🔥 ओ३म् भूपेश आर्य प्राचीन काल में हमने देखा कि जितने भी धर्म का पालन करनेवाले राजा हुए, उनका राज्य काफी समय तक चला और सुदृढ़ता युक्त चला। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, योगीराज श्रीकृष्णजी, महाराज दशरथ, महाराज अश्वपति, राजा विक्रमादित्य, महाराज युधिष्ठिर आदि अनेक धार्मिक राजाओं ने अपने राज्य को धर्म की मर्यादा में रहकर चलाया […]

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आज का चिंतन

वेदों में मानव अधिकारों की अवधारणा

-संजय कुमार आज विश्व मानवाधिकार दिवस है। विश्व के प्रथम/सर्वश्रेष्ठ ज्ञान वेदों में मानवाधिकारों विषय में अत्यंत सुन्दर सन्देश दिया गया हैं। वेदों का सन्देश न केवल सार्वकालिक है अपितु सार्वभौमिक, सर्वग्राह्य, सर्वहितकारी, सर्वकल्याणकारी, भी है। वेदों का यह मंत्र देखिये समानी प्रपा सहवोऽन्भागः समाने योषत्रे सहवो युनाज्मि। सम्यंचोऽग्नि सपर्य्यतारा नाभिमिवा भितः। अथर्व 3।30।6 ईश्वर […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि अरविंद क्रांतिकारी परंपरा से बने महामानव थे

ललित गर्ग देश को आजादी दिलाने में जिन महान क्रांतिकारियों का योगदान रहा है, उनमें महर्षि अरविन्द शीर्ष पर है, इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी एवं दार्शनिक बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वे देश की राजनीतिक […]

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भारतीय संस्कृति

अंतिम ऋण चिता की लकड़ी…

क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए हैं देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण, भूत ऋण और लोक ऋण। इनमें से प्रथम चार ऋण तो मनुष्य के इस जन्म के कर्म के आधार […]

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मुद्दा

प्रायोजित सम्मान और हमारा जीवन

डॉ.चन्द्रकुमार जैन विचारों के अनुसार ही मनुष्य का जीवन बनता-बिगड़ता रहता है। बहुत बार देखा जाता है कि अनेक लोग और कई परिवार बहुत समय तक लोकप्रिय रहने के बाद बहिष्कृत हो जाया करते हैं, बहुत से व्यापारी पहले तो उन्नति करते रहते हैं, फिर बाद में उनका पतन हो जाता है। इसका मुख्य कारण […]

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महत्वपूर्ण लेख

लोकपथ से कांग्रेस को दूर धकेलता जनपथ …!

डॉ. अजय खेमरिया कांग्रेस में कभी थिंक टैंक काम किया करता था जिसमें पढ़ने लिखने वाले नेता हुआ करते थे जो पार्टी और सरकार के लिये प्रमाणिकता के साथ मुद्दों की समझ विकसित करने के लिये इनपुट उपलब्ध कराते थे।आमतौर पर इस थिंक टैंक की सोच राष्ट्रीय हितों पर आधारित हुआ करती थी।तुष्टीकरण की राजनीति […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

सावरकर के बारे में हमें पढ़ाया जाता रहा है झूठा इतिहास

तवलीन सिंह ”मैं यह कहते हुए शर्मिंदा हूं कि पिछले सप्ताह वीर सावरकर पर लिखी गई दो किताबों को पढ़ने से पहले तक मुझे उनके बारे में कुछ मालूम नहीं था। स्कूल और कॉलेज में मैंने बड़े शौक से इतिहास की पढ़ाई की थी। लेकिन जिन किताबों से मुझे इतिहास पढ़ाया गया था, उनमें आजादी […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

जम्मू कश्मीर ,लद्दाख और गिलगित बालटिस्तान के वे तथ्य जो आज तक हमारे सामने नहीं लाए गए

चन्द्रकांत जोशी जम्मू कश्मीर में धारी 370 और 35 ए की आड़ मे किस तरह से संवैधानिक फ्राड कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के नागरिक अधिकारों का हनन कर वहाँ के नेता अपने घर भरते रहे और लोगों को गुमराह करते रहे इसको जानना हो तो दिल्ली के जाने माने वकील दिलीप दुबे […]

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भाषा

हिंदी से जुड़ी है हमारी अस्मिता और हमारा अस्तित्व

गुर्रमकोंड नीरजा हिंदी दिवस के अवसर पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ! हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं, इसके पीछे निहित कारण हम सब जानते ही हैं। मैं तो बस यही कहना चाहूँगी कि इसे केवल एक औपचारिकता न समझा जाए। वैसे भी, हम दूसरे तमाम त्यौहार क्यों मनाते हैं? हर त्यौहार के साथ कोई न […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

आज की पांडिचेरी कभी रही है वेदपुरी

मोहन कोठियाल विश्व पर्यटन मानचित्र में पुडुचेर्री भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में एक है| यहाँ का फ़्रांसिसी स्थापत्य लोगों को भारत में फ्रांस का अनुभव देता है |श्री अरविन्द के ऑरोविले ने इससे एक आध्यात्मिक स्थल के रूप मैं पहचान दी हैं | दक्षिण भारत में बंगाल की खाड़ी से लगा तटीय शहर पुडुचेर्री […]

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