भवदीप कांग कुछ लोग नरेंद्र मोदी से प्यार करते हैं तो कुछ लोग नफरत। कुछ उनसे सहमत है तो कुछ असहमत। कुछ उनके विचारों को साझा करते हैं तो कुछ नकार देते हैं। इन सबके बावजूद उनके आलोचक भी उनके उद्देश्य की ताकत, दृढ़ विश्वास, मेहनत और साहस के लिए उन्हें स्वीकार करते हैं। इन्हीं […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
उगता भारत ब्यूरो नाथूराम गोडसे के नाम और उनके एक काम के अतिरिक्त लोग उन के बारे में कुछ नहीं जानते। एक लोकतांत्रिक देश में यह कुछ रहस्यमय बात है। रहस्य का आरंभ 8 नवंबर 1948 को ही हो गया था, जब गाँधीजी की हत्या के लिए चले मुकदमे में गोडसे द्वारा दिए गए बयान […]
(प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है) ‘दीमक लगे गुलाब’ युवा कवयित्री प्रियंका ‘सौरभ’ का ‘निर्भयाएं’ के बाद दूसरा संग्रह है, साहित्य सृजन के क्षेत्र में वे लंबे समय से सक्रिय है। साहित्य और समसामयिक लेखन में प्रियंका ‘सौरभ’ आधुनिक तकनीकी युग की […]
उगता भारत ब्यूरो सबसे पहले तो यह जानना आवश्यक है कि ये शब्द आखिर आया कहाँ से है, तो आइये प्रकाश डालते हैं। ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना। जब साथ में रहते थे तो शारीरिक संबंध भी बन […]
उगता भारत ब्यूरो जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला और जवाहरलाल नेहरु की जुगलबंदी ने जम्मू कश्मीर को एक ऐसी अंधी खाई में धकेल दिया, जिसका परिणाम हम आज अलगाववाद और आतंकवाद के रूप में देखते है. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो देसी रियासतों के सामने दो विकल्प थे, या तो वो पाकिस्तानी डोमिनियन […]
डॉ. राजीव मिश्रा अगर आप कभी भी हिन्दू समाज के संकट की चर्चा करेंगे तो आपको अक्सर ऐसे हिन्दू मिलेंगे जो आकर कहते हैं कि “कोई संकट नहीं है” या “माहौल खराब मत करो”। मुझे शायद ही कभी कोई मुस्लिम मिला होगा जो मेरी बात का विरोध करे। हमेशा हिन्दू ही मिलते हैं जो आपकी […]
संदीप सृजन वर्तमान में विश्व की जनसंख्या साढ़े सात अरब के आंकड़े को पार कर चुकी हैं । और जिस रफ़्तार से जनसंख्या बढ़ रही हैं वह आने वाले समय में पुरे विश्व में भयावह स्थिती का निर्माण करेगी। कारण जनसंख्या वृद्धि की रफ़्तार के सामने प्राकृतिक संसाधन पुरे विश्व में सिमित है। बेलियात के […]
संदीप सृजन “जिस दिन हमारे सिग्नेचर, ऑटोग्राफ में बदल जाएं मान लिजिए आप कामयाब हो गये” इस दिव्य मंत्र से भारत के युवाओं में नई चेतना का संचार करने वाले भारत के सच्चे रत्न थे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वह व्यक्ति थे जो बनना तो पायलट चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों […]
-प्रो. कुसुमलता केडिया जब मैं 8 या 9 वर्ष की थी तो मुझे टायफाइड हो गया। उस समय घरवालों ने हमारे नगर के एक प्रसिद्ध पंडित जी को बुलाया और 18 दिनों तक उन्होंने महाभारत की कथा के कई अंश कहे। मैं कुछ समझी कुछ नहीं समझी। बाद में, जब मैं 18 वर्ष की हुई […]
चीन के लिए क्यो थे बिपिन रावत सबसे बड़ा खतरा, क्यो बिपिन रावत और मोदी ने मिलके चीन की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी* 👆पूरी वीडियो देख के समझिए, क्यो सबसे बड़ा शक चीन के ऊपर ही इस पूरी शाजिश का चीन अपने दो पड़ोसी देशों को अपना निकटतम दुश्मन मानता है। एक है […]