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इतिहास के पन्नों से

कोच साम्राज्य की भव्यता की प्रति राजबाड़ी

हेमंत कुमार पाण्डेय चौंकाने या सम्मोहित करने के अलावा ऐतिहासिक राजनिवासों की यह विशेषता होती है कि वे आप को अतीत में ले जाकर खुद से आपकी जान-पहचान करवाते हैं. ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में स्थित राजबाड़ी की गोद में आकर आप महसूस कर सकते हैं. ब्रिटेन स्थित बकिंघम पैलेस की डिजाइन […]

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आतंकवाद

गजवा ए हिंद की इस सच्चाई की आपको भी होनी चाहिए जानकारी

अनुराग शुक्ला खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक पुलवामा हमले से करीब एक साल पहले हुई जैश-ए-मोहम्मद की बैठक में भारत के खिलाफ गजवा-ए-हिंद जारी रखने का फैसला किया गया था पुलवामा हमले के बाद चरम पर पहुंचा भारत-पाकिस्तान तनाव विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के बाद से घटता लग रहा है. लेकिन यह बात अभी भी […]

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Uncategorised

सृष्टि का सबसे सुंदर शब्द है मां

डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र माँ शब्दकोश का ही नहीं अपितु जीवन के वाड्मय का भी सबसे प्यारा शब्द है। शिशु के मुख से सबसे पहले यही एकाक्षरी शब्द फूटता है। यद्यपि माँ के अतिरिक्त माता, माई, अम्मा, जननी, मैया आदि कितने ही शब्द इस अर्थ में प्राप्त होते हैं, किंतु माँ शब्द में जो महिमा है […]

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देश विदेश

थाईलैंड के राजा का हुआ था वैदिक विधि से राज्याभिषेक

उगता भारत ब्यूरो आल्प्स पर्वतों की गोद में बसा बवेरिया जर्मनी का सबसे दक्षिणवर्ती राज्य है।उसके ऊंचे-ऊंचे पर्वतों और हरी-भरी रमणीय घाटियों के बीच बहुत-सी मनोरम झीलें भी हैं। उन्हीं में से एक है, मात्र 10 हज़ार की जनसंख्या वाले शहर टुत्सिंगन से सटी स्टार्नबेर्गर झील।शहर की इसी झील के तट पर, झाड़ियों वाले एक […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

17 दिसम्बर- बलिदान दिवस, काकोरी के क्रांतिदूत राजेन्द्र लाहिड़ी

17 दिसम्बर 1927 को गोण्डा के जिला कारागार में अपने साथियों से दो दिन पहले उन्हें फाँसी दे दी गयी। पठन पाठन की अत्यधिक रूचि तथा बाँग्ला साहित्य के प्रति स्वाभाविक प्रेम के कारण लाहिड़ी अपने भाइयों के साथ मिलकर अपनी माता की स्मृति में बसंतकुमारी नाम का एक पारिवारिक पुस्तकालय स्थापित कर लिया था। […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कबीर दास की चिंतन शैली और दार्शनिक बुद्धि

संदीप सृजन भारतीय लोक परंपरा के जनकवियों में संत कबीर का नाम सबसे अग्रणी है । कबीर गृहस्थ संत थे, भक्त थे ,कवि थे जीवन चर्या के लिए जुलाहे थे । पर इन सबसे अलग वे चिंतक थे, स्पस्टवादी थे ,युग दृष्टा थे और तर्क की कसौटी पर हर बात को कसने वाले थे । […]

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व्यक्तित्व

प्रधानमंत्री मोदी : शून्य से शिखर तक

भवदीप कांग कुछ लोग नरेंद्र मोदी से प्यार करते हैं तो कुछ लोग नफरत। कुछ उनसे सहमत है तो कुछ असहमत। कुछ उनके विचारों को साझा करते हैं तो कुछ नकार देते हैं। इन सबके बावजूद उनके आलोचक भी उनके उद्देश्य की ताकत, दृढ़ विश्वास, मेहनत और साहस के लिए उन्हें स्वीकार करते हैं। इन्हीं […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी गॉडसे के बीच की खाई

उगता भारत ब्यूरो नाथूराम गोडसे के नाम और उनके एक काम के अतिरिक्त लोग उन के बारे में कुछ नहीं जानते। एक लोकतांत्रिक देश में यह कुछ रहस्यमय बात है। रहस्य का आरंभ 8 नवंबर 1948 को ही हो गया था, जब गाँधीजी की हत्या के लिए चले मुकदमे में गोडसे द्वारा दिए गए बयान […]

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पुस्तक समीक्षा

सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते  ‘दीमक लगे गुलाब’

(प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है) ‘दीमक लगे गुलाब’ युवा कवयित्री प्रियंका ‘सौरभ’ का ‘निर्भयाएं’ के बाद दूसरा संग्रह है, साहित्य सृजन के क्षेत्र में वे लंबे समय से सक्रिय है। साहित्य और समसामयिक लेखन में प्रियंका ‘सौरभ’ आधुनिक तकनीकी युग की […]

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आओ कुछ जाने

कॉन्वेंट स्कूल का अर्थ समझोगे तो चौंक जाओगे आप भी

उगता भारत ब्यूरो सबसे पहले तो यह जानना आवश्यक है कि ये शब्द आखिर आया कहाँ से है, तो आइये प्रकाश डालते हैं। ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना। जब साथ में रहते थे तो शारीरिक संबंध भी बन […]

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