ललित गर्ग देश को आजादी दिलाने में जिन महान क्रांतिकारियों का योगदान रहा है, उनमें महर्षि अरविन्द शीर्ष पर है, इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी एवं दार्शनिक बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वे देश की राजनीतिक […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए हैं देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण, भूत ऋण और लोक ऋण। इनमें से प्रथम चार ऋण तो मनुष्य के इस जन्म के कर्म के आधार […]
डॉ.चन्द्रकुमार जैन विचारों के अनुसार ही मनुष्य का जीवन बनता-बिगड़ता रहता है। बहुत बार देखा जाता है कि अनेक लोग और कई परिवार बहुत समय तक लोकप्रिय रहने के बाद बहिष्कृत हो जाया करते हैं, बहुत से व्यापारी पहले तो उन्नति करते रहते हैं, फिर बाद में उनका पतन हो जाता है। इसका मुख्य कारण […]
डॉ. अजय खेमरिया कांग्रेस में कभी थिंक टैंक काम किया करता था जिसमें पढ़ने लिखने वाले नेता हुआ करते थे जो पार्टी और सरकार के लिये प्रमाणिकता के साथ मुद्दों की समझ विकसित करने के लिये इनपुट उपलब्ध कराते थे।आमतौर पर इस थिंक टैंक की सोच राष्ट्रीय हितों पर आधारित हुआ करती थी।तुष्टीकरण की राजनीति […]
तवलीन सिंह ”मैं यह कहते हुए शर्मिंदा हूं कि पिछले सप्ताह वीर सावरकर पर लिखी गई दो किताबों को पढ़ने से पहले तक मुझे उनके बारे में कुछ मालूम नहीं था। स्कूल और कॉलेज में मैंने बड़े शौक से इतिहास की पढ़ाई की थी। लेकिन जिन किताबों से मुझे इतिहास पढ़ाया गया था, उनमें आजादी […]
चन्द्रकांत जोशी जम्मू कश्मीर में धारी 370 और 35 ए की आड़ मे किस तरह से संवैधानिक फ्राड कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के नागरिक अधिकारों का हनन कर वहाँ के नेता अपने घर भरते रहे और लोगों को गुमराह करते रहे इसको जानना हो तो दिल्ली के जाने माने वकील दिलीप दुबे […]
गुर्रमकोंड नीरजा हिंदी दिवस के अवसर पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ! हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं, इसके पीछे निहित कारण हम सब जानते ही हैं। मैं तो बस यही कहना चाहूँगी कि इसे केवल एक औपचारिकता न समझा जाए। वैसे भी, हम दूसरे तमाम त्यौहार क्यों मनाते हैं? हर त्यौहार के साथ कोई न […]
मोहन कोठियाल विश्व पर्यटन मानचित्र में पुडुचेर्री भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में एक है| यहाँ का फ़्रांसिसी स्थापत्य लोगों को भारत में फ्रांस का अनुभव देता है |श्री अरविन्द के ऑरोविले ने इससे एक आध्यात्मिक स्थल के रूप मैं पहचान दी हैं | दक्षिण भारत में बंगाल की खाड़ी से लगा तटीय शहर पुडुचेर्री […]
संजीव नायर अगर किसी से हिंदुत्व के बारे में पूछेंगे तो अधिकांश लोग बता नहीं पाएंगे और कुछ इससे राम मंदिर का निर्माण से जोड़ेंगे| इस आलेख के दो भाग हैं, पहला सावरकर के अनुसार हिंदुत्व का अर्थ जो उन्होंने ने १९२३ में दिया था और दूसरा आज के सन्दर्भ में आठ बिंदुओं में इसका […]
गुरु तेग बहादुर के साथ ही बलिदान देने वाले भाई मतिदास, जिन्हें मुस्लिम ना बनने पर औरंगजेब के आदेश से आरे से बीच से चीर दिया गया था और जिनके बलिदान से भाव विह्वल हो गुरु ने उन्हें भाई की उपाधि से विभूषित किया था, के वंश में जन्मे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी भाई परमानन्द […]