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आज का चिंतन

सर्वांतर्यामी ओम ही सर्वोपरि है

स्वामी विद्यानंद सरस्वती (पूर्व नाम प्रिंसिपल लक्ष्मी दत्त दीक्षित जी हैं ), ने अपनी पुस्तक “खट्टी मीठी यादें” में पृष्ठ 95 से 97 तक इस विषय पर लिखा है, “मेरे प्रिंसिपल बनने के बाद सन 1959 ईस्वी में कॉलेज का पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया । परंपरा के अनुसार उस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराया […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मातृभूमि के लिए स्वतः बलिदान देकर अमर हो गए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-14 नरेन्द्र सहगल मां भारती के हाथों और पांवों में पड़ी हुई गुलामी की जंजीरों को तोड़ डालने के लिए देश में दो प्रयास चल रहे थे। एक सशस्त्र क्रांति द्वारा क्रूरता की सारी हदें पार करने वाले अंग्रेजों को भारत से भगाना और दूसरा अहिंसा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

असेंबली में बम के धमाके से देश-विदेश में गूंजी सशस्त्र क्रांति की आवाज

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-13 नरेन्द्र सहगल सरदार भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने लाहौर के भरे हुए खुले स्थान पर दिनदहाड़े अत्याचारी अंग्रेज अफसर सांडर्स को गोलियों से उड़ा दिया। हत्या करने के पश्चात चारों क्रांतिकारी चारों ओर की चाकचौबंद घेराबंदी को धता बताकर प्रशासन की आंखों में […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

“फॉरेस्ट गंप” : यह फिल्म “पीके” से कहीं अधिक खतरनाक

साभार…”फॉरेस्ट गंप” फिल्म में जब बच्चे की माँ अपने मंदबुद्धि बच्चे का एडमिशन सामान्य स्कूल में ही करवाने की जिद्द पकड़ती है तो उससे स्कूल का प्रिंसिपल क्रिस्चियन फॉदर इसकी कीमत उसका यौन शोषण करके वसूलता है। लेकिन “लाल सिंह चढ्ढा” फिल्म का क्रिस्चियन फॉदर तो बड़ा महान निकला। वह न तो बच्चे की माँ […]

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कविता

देश का झण्डा दिव्य तिरंगा

देश का झण्डा दिव्य तिरंगा,आन-बान और शान है । हर भारतवासी का तन मन धन और उसकी जान है ।। ऊपर ‘भगवा’ रंग भारत की संस्कृति को दर्शाता है, ‘श्वेत’ मध्य में सत्य,अहिंसा,शान्ति,प्रेम सिखलाता है । ‘हरित’ वर्ण यह सस्य-श्यामला धरती की पहचान है ।। तीन रंग का अपना झण्डा विश्वविजय का परिचायक, भारत का […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी का एक कारनामा— हुतात्मा महाशय राजपाल की बलिदान-गाथा एवं रंगीला रसूल

सन १९२३ में मुसलमानों की ओर से दो पुस्तकें “१९ वीं सदी का महर्षि” और “कृष्ण,तेरी गीता जलानी पड़ेगी ” प्रकाशित हुई थी। पहली पुस्तक में आर्यसमाज का संस्थापक स्वामी दयानंद का सत्यार्थ प्रकाश के १४ सम्मुलास में कुरान की समीक्षा से खीज कर उनके विरुद्ध आपतिजनक एवं घिनोना चित्रण प्रकाशित किया था। जबकि दूसरी […]

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भाषा

संस्कृत सीखने हेतु दुनिया भर में होगी भाषा क्रान्ति

लेखक:- डॉ. जीतराम भट्ट, (निदेशक, डॉ. गो.गि.ला.शा. प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान) कुछ लोगों का कहना है कि संस्कृत केवल पूजा-पाठ की ही भाषा है। किन्तु यह सत्य नहीं है। संस्कृत-साहित्य के केवल पॉच प्रतिशत में धर्म की चर्चा है। बाकी में तो दर्शन, न्याय, विज्ञान, व्याकरण, साहित्य आदि विषयों का प्रतिपादन हुआ है। संस्कृत पूर्ण रूप से […]

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इतिहास के पन्नों से

ओ३म् “देश में जन्मना जाति व्यवस्था लगभग 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई”

ओ३म् ========= वेद मनुष्य के गुण, कर्म व स्वभाव को महत्व देते हैं। जो मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव वाला है वह द्विज और गुण रहित व अल्पगुणों वाला है उसे शूद्र कहा जाता है। द्विज ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य को कहते हैं जो गुण, कर्म व स्वभाव की उत्तमता से होते हैं। ब्राह्मण […]

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इतिहास के पन्नों से

सांडर्स के खून से दी शेरे पंजाब लाला लाजपत राय को श्रद्धांजलि

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-12 नरेन्द्र सहगल यद्यपि प्रथम विश्व युद्ध के समय लड़खड़ाते ब्रिटिश साम्राज्यवाद के सीने पर भारतीय सशस्त्र क्रांतिकारियों द्वारा लगने वाला प्रचंड प्रहार मात्र एक अंग्रेज भक्त की गद्दारी के कारण विफल हो गया परंतु इस विफलता से सरफरोशी देशभक्त क्रांतिकारियों के मन में अपने वतन […]

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पर्व – त्यौहार

श्रावणी का वैदिक स्वरूप

श्रावण माह अज्ञानियों के लिए ज्ञान का संदेशवाहक बनकर आता है और जनसामान्य को कल्याणपथ पर चलने की ओर प्रेरित करता है। गर्मी के बाद जब वर्षा होती है, तो मानव चित्त वातावरण के अनुकूल होने से शान्त रहता है तथा मन प्रसन्न रहता है। श्रावणी का उत्सव इसी वर्षा के साथ आता है और […]

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