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इतिहास के पन्नों से

भौतिकवेता अल्बर्ट आइंस्टीन और भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति*

आर्य सागर खारी🖋️ आधुनिक भौतिकी के संस्थापकों में से एक महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का साक्षात्कार ले रहे विज्ञान संवादाता पत्रकार ने जब आइंस्टाइन से पूछा———–। सर क्या आप ध्वनि का वेग जानते हैं कितना है? आइंस्टाइन ने कुछ देर मौन होकर जो जवाब दिया वह आधुनिक विश्वविद्यालयी शिक्षा को आईना दिखाने के लिए काफी […]

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कृषि जगत

आचार्य कौटिल्य (चाणक्य) की गोचर भूमि , खुले छूटे हुए पशुओं को लेकर व्यवस्था* _____________________

आर्य सागर खारी🖋️ आज उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में खुला छुटे हुए पशु एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं खेत खलियान से लेकर राजमार्गों तक स्वच्छंद घूमते पशुओं के समूह आपको दिख जाएंगे| गोवंश की बदहाली इसमें किसी से छुपी नहीं है गौमाता राजमार्गों पर चोटिल हो रही है तो कहीं ट्रेन की […]

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इतिहास के पन्नों से

प्राचीन भारत में राज व्यवस्था से किसानों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए गांवों को मिलता था ,अनुग्रह व परिहार धन*

आर्य सागर खारी 🖋️ आचार्य कौटिल्य ने अर्थशास्त्र ग्रंथ के दूसरे अधिकरण अध्यक्ष प्रचार में…. भारतवर्ष के अन्नदाता किसान के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए लिए ग्राम स्तर पर दो व्यवस्थाएं स्थापित की थी आज से हजारों वर्ष पहले| आचार्य चाणक्य की मान्यता यह थी राजा (प्रधानमंत्री) किसानों के कुशल क्षेम उनकी फसल की उपज […]

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इतिहास के पन्नों से

आचार्य कौटिल्य (चाणक्य) ,की अंतर्देशीय गुप्तचर व्यवस्था*|

आचार्य कौटिल्य ने राष्ट्र की अंदरूनी व्यवस्था के लिए आंतरिक गुप्तचर व्यवस्था को बहुत जरूरी बताया है| आचार्य कौटिल्य की मान्यता यह है कि किसी राष्ट्र को शत्रु देश के साथ-साथ उस देश की आंतरिक नागरिक वर्ग से भी खतरा होता है…| ऐसे नागरिकों को उन्होंने राष्ट्र कंटक से उच्चारित किया है.. जो राष्ट्र के […]

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इतिहास के पन्नों से

*आचार्य कौटिल्य का अर्थशास्त्र ग्रंथ*

आर्य सागर खारी 🖋️ भारत के इतिहास को अंग्रेजों के गज में ही यदि हम नापे तो आज से लगभग 2300 वर्ष पहले… आचार्य कौटिल्य जो चाणक्य के नाम से प्रसिद्ध है उन्होंने अर्थशास्त्र नामक ग्रंथ का सृजन किया| इस ग्रंथ में आचार्य ने एक राष्ट्र की लोक व्यवस्था अर्थात पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ,न्याय व्यवस्था, आर्थिक […]

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इतिहास के पन्नों से

यह पुस्तक इतिहास की पुस्तक नहीं, स्वयं में इतिहास है* ————————-

आर्य सागर खारी🖋️ यह उपरोक्त वाक्य विनायक दामोदर सावरकर लिखित “18 57 का स्वतंत्रता समर” पुस्तक के विषय में एकदम सटीक है| एक मराठी युवक विनायक कानून की पढ़ाई के लिए विलायत जाता है… इंग्लैंड में उसका परिचय महर्षि दयानंद के अनन्य शिष्य, संस्कृत के विद्वान महान देशभक्त श्यामजी कृष्ण वर्मा से होता है… उस […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्रांतिकारी ही नहीं महान लेखक भी थे लाला जी*

* आर्य सागर खारी🖋️ 1927 में ब्रिटेन तथा साम्राज्यवादी शक्तियों ने पराधीन भारत की छवि को बदनाम करने के लिए… कुख्यात अमेरिकी पत्रकार लेखक कैथरीन मेओ को भारत के विषय में दुष्प्रचार करने के लिए किताब लिखने के लिए प्रोत्साहित किया… यह महिला पत्रकार भारत में 6 महीने रही मात्र 6 महीने में भारत जैसे […]

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पर्व – त्यौहार

१ जनवरी पर विशेष… ईसवी सन् और ई.पूर्व की शरुआत कैसे और क्यों हुई?

■ ईसाईयत का इतिहास दर्शन लेखक : राजेश आर्य, गुजरात ई.स. 410 में गोथिक नेता अलारिक (Alaric) ने रोम शहर पर अचानक हमला कर दिया। उसने आसानी से कब्जा कर, उसने पूरे शहर को लूट लिया। पूरा सभ्य संसार स्तब्ध रह गया। बर्बर लोगों ने पहले भी रोमन साम्राज्य में उत्पात मचाया था और खुद […]

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विविधा

प्रत्यरोहण कर्म*___________ शीत ऋतु के स्वागत का पर्व।

* लेखक आर्य सागर खारी भारत की प्राचीन वैदिक संस्कृति पर्व उत्सव प्रधान रही है,मनोयोग से इसे जाने समझे तो आज भी यहां हर एक दिन पर्व है। भारत की संस्कृति को यदि समझना है तो हमें भारतीय संस्कृति के नियामक ग्रंथों ग्रहृया सूत्रों का अवलोकन करना होगा। जिनमें प्राचीन भारतीय घरेलू पर्व, जीवन के […]

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पर्व – त्यौहार

क्रिसमस से जुड़े आयोजन पर्व नहीं गंभीर वैश्विक प्रदूषक मानवीय क्रियाकलाप है*”

लेखक आर्य सागर खारी🖋️ दुनिया की 240 करोड ईसाई आबादी 50 से अधिक क्रिस्चियन कंट्री अर्थात जो संवैधानिक तौर पर ईसाई स्टेट घोषित हैं में दिसंबर का महीना आते आते वर्ष के सबसे बड़े प्रदूषक सामूहिक क्रियाकलाप प्रकृति पर्यावरण इकोलॉजी के लिए दूरस्थ क्षति क्रिसमस फेस्टिवल कृत्रिम क्रिसमस ट्री को तैयार करने मैं जुट जाते […]

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