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राजनीति

कन्हैया कुमार: कांग्रेस के कंधो पर बेताल 

विक्रम और बेताल की कथा अब आधी अधूरी दोहराई जा रही है. किंतु इस कथा में अब विक्रम तो है नहीं मात्र बेताल है जो अब विपन्न और विस्थापित कांग्रेस के कंधों पर सवार है. बेताल और कोई नहीं वामपंथ है जिसने बौद्धिक, वैचारिक और सेद्धान्तिक रूप से कांग्रेस को खोखला कर दिया है. भाजपा […]

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आतंकवाद

आजादी के बाद से ही कांग्रेस और मार्क्सवाद का गहरा संबंध रहा है

प्रवीण गुगनानी  कम्युनिज्म के प्रणेता व पुरोधा कार्ल मार्क्स थे। वही कार्ल मार्क्स, जिन्होंने अपने मृत्यु समय में प्रसन्नता पूर्वक कहा था- “अच्छा हुआ मैं मार्क्सिस्ट न हुआ”। कांग्रेस का वामपंथ व मार्क्सिज्म से स्वातंत्र्योत्तर समय के प्रारंभ से गहरा नाता रहा है। विक्रम और बेताल की कथा अब आधी अधूरी दोहराई जा रही है। […]

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इतिहास के पन्नों से

                        13 अगस्त जयंती पर विशेष    :       माई एहों पूत जण जेंहो दुर्गादास

माई एहों पूत जण जेंहो दुर्गादास भारतीय इतिहास में वीर शिरोमणि दुर्गादास के नाम को कभी परिचय की आवश्यकता नहीं रही. मारवाड़ के इस वीरपुत्र और मातृभूमि पर अपने सम्पूर्ण जीवन को न्यौछावर कर देने वाले जुझारू यौद्धा को केवल मारवाड़ की धरती और सम्पूर्ण देश में फैले राठौर बंधू ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण हिंदू […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मूलनिवासी दिवस एक भ्रामक और विभाजनकारी अभियान

भारतीय दलित व जनजातीय समाज में इन दिनों एक नया शब्द चलाया जा रहा है व साथ ही एक नया दिवस मनाने का अभियान भी चलाया जा रहा है; वह है मूलनिवासी दिवस. 9 अगस्त जो की मूलतः पश्चिम के तथाकथित बुद्धिजीवी व प्रगतिशील समाज द्वारा किये गए बड़े, बर्बर नरसंहार का दिन है, उसे […]

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धर्म-अध्यात्म

शुभ गुरु पूर्णिमा

भगवा ध्वज केवल एक वर्ग विशेष, दल विशेष, विचार विशेष का ध्वज नहीं है। #खयाल_आया की यह वही ध्वज है जो वेदों ने पुराणों ने उपनिषदों ने हमें दिया है। यही वह ध्वज है जिसे श्रीराम, श्रीकृष्ण जैसे क्षत्रियों सहित परशुराम जी जैसे सभी ब्राह्मण कुलों ने अपने युद्ध रथों पर भी लहराया और इसे […]

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महत्वपूर्ण लेख

किसान वर्ग ही अर्थव्यवस्था को दे सकता है सहारा : सरकार को दिखानी होगी किसान के प्रति पूरी हमदर्दी

  गाजियाबाद। ( ब्यूरो डेस्क ) अब जबकि गाँव गांव, गली गली और खेतोखेत खरीफ फसल बुआई की तैयारी हो रही है और देश में लाकडाऊन का दौर ढलान पर है तब सभी को खरीफ कृषि के संदर्भ यह कहावत स्मरण कर लेना चाहिए – असाड़ साउन करी गमतरी, कातिक खाये, मालपुआ। मांय बहिनियां पूछन […]

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Uncategorised

मोदी के सात वर्ष ….

मोदी_के_सात_वर्ष -कविता- मोदी तुम सात वर्ष  में इक आस भरी कविता से लगते हो। बस कमी यही कि नही लगते हो शासक से कुछ संत संत से लगते हो। माँ भारती के आराधक भ्रष्टाचारों के संहारक तुम इस घुटन भरे वातावरण मे वातायन से लगते हो मोदी तुम श्वांस श्वांस से लगते हो। ऐसा नहीं […]

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महत्वपूर्ण लेख

बंगाल : राम पंथ या वामपंथ या खेला होबे

बंगाली में एक कहावत है – डूबे डूबे झोल खाबा इसी भावार्थ की एक हिंदी कहावत है – ऊँट की चोरी नेवड़े नेवड़े नहीं हो सकती. दोनों ही कहावतो का एक सा अर्थ है कि बड़ी चोरी आज नहीं तो कल पकड़ी ही जायेगी. पश्चिम बंगाल में हिंदू हितों की चोरी भी ममता दीदी का […]

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व्यक्तित्व

प्रकृति की हानि कोरोना जैसी आपदा को जन्म देगी यह जानते थे – अनिल दवे

अनिल माधव दवे, एक ऐसा नाम जो गड्ढा खोदकर पौधा लगाने से लेकर वायुयान उड़ाने तक के कार्य को पूर्ण विशेषज्ञता के साथ ही नहीं अपितु नवाचार के साथ करने में सक्षम हो! एक ऐसा नाम जो सादगी को भी फैशन बना देने में सक्षम हो!! और सबसे बड़ी बात जो वैदिक काल के नायकों […]

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आतंकवाद महत्वपूर्ण लेख

तुष्टीकरण की राजधानी में अब भाजपा सशक्त विपक्ष

  पिछले वर्षों में संपूर्ण भारत में तुष्टिकरण की राजनीति की राजधानी बनकर कोई राज्य उभरकर आया है तो वह राज्य है पश्चिम बंगाल! तुष्टिकरण की राजनीति की प्रयोगशाला या राजधानी बनकर उभरा पश्चिम बंगाल इस घृणित राजनीति की एक बड़ी कीमत चुका बैठा है व आगामी दिनों में भी चुकाएगा यह स्पष्ट दिख गया […]

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