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मुद्दा

राजनैतिक दल स्पष्ट करें डिलिस्टिंग के पक्ष में हैं या विरोध में ?

जनजातीय मुद्दों पर प्रतिदिन अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने वाले विभिन्न संगठन व राजनैतिक दल डिलिस्टिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुप क्यों हैं? स्पष्ट है कि वे कथित धर्मान्तरित होकर जनजातीय समाज के साथ छलावा और धोखा देनें वाले लोगों के साथ खड़े हैं. ये कथित दल, संगठन और एनजीओ भोले भाले वनवासी जनजातीय समाज […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

छत्रपति शिवाजी के शिल्पी समर्थ रामदास 

समर्थ रामदास जयंती रामनवमी पर विशेष –                                                                       हमारे सनातनी संत केवल संत होकर तपस्या, धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ व मोक्षप्राप्ति के हेतु ही कार्य ही नहीं करते हैं अपितु समय समय पर देश समाज की राजनीति को राजदरबार (संसद) से लेकर, समाज के चौक चौबारों तक व युद्ध की भूमि में जाकर रणभेरी बजाने […]

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महत्वपूर्ण लेख

क्या है ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ?

प्रवीण गुगनानी डॉ. हेडगेवार जी की जयंती पर विशेष आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार […]

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Uncategorised

संत रविदास: भारत में धर्मांतरण के प्रारंभिक विरोधी

— भारतीय समाज में आजकल धर्मांतरण और हिन्दू धर्म में घर वापसी एक बड़ा विषय चर्चित और उल्लेखनीय हो चला है. यह विषय राजनैतिक कारणों से चर्चित भले ही अब हो रहा हो, किन्तु सामाजिक स्तर पर धर्मांतरण हिन्दुस्थान में सदियों से एक चिंतनीय विषय रहा है. इस देश में धर्मांतरण की चर्चा और चिंता […]

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कृषि जगत

मोदीजी ला रहे प्राकृतिक कृषि का गुजरात माडल 

प्रवीण गुगनानी उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी, भीख निदान, वाली कहावत वाले हमारे देश में कृषि और कृषक दोनों ही पिछले ७  दशकों से अपनाई जा रही गलत नीतियों का शिकार हो चुकें हैं। ऋषि पराशर व अन्य कई प्राचीन कृषि वैज्ञानिकों वाले हमारे देश में, घाघ व भड्डरी की विज्ञानसम्मत कृषि कहावतों व […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू जनित विषाद का परिणाम थी बाबासाहेब अंबेडकर की मृत्यु

प्रवीण गुगनानी कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है। […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बाबासाहेब के निर्वाणकाल की व्यथा:  नेहरुजनित विषाद का परिणाम  

  कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव  इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति  कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति  बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है. बाबा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बिरसा मुंडा की उलगुलान परंपरा का नया वाहक: जनजातीय गौरव दिवस 

आज जब देश के प्रधानमंत्री श्रीयुत नरेंद्र मोदी देश में भगवान् बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की परंपरा का शुभारंभ कर रहे हैं तब स्वाभाविक ही विदेशी परंपरा व विघ्नसंतोषियों के “मूलनिवासी दिवस” का विचार हृदय में आता है। भारत में मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस […]

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पर्व – त्यौहार

संघ का दशहरा प्रबोधन: जनसंख्या असंतुलन पर तेज हो विमर्श  ———

विश्व के प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, राजनयिक, व ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि “यदि अपने देश की दीर्घकालिक समस्याओं को सुलझाना है तो, इतिहास  पढ़िए ,इतिहास  पढ़िए, इतिहास पढ़िए; इतिहास  में  ही राज्य  चलाने  के सारे  रहस्य छिपे हैं”. भारत के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि यदि देश चलाना […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

25 सितम्बर- दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर विशेष  ———–   शासकीय तंत्र में मानवीय मंत्र की स्थापना का सिद्धांत – एकात्म मानववाद

———–  महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु अरस्तु ने कहा था – “विषमता का सबसे बुरा रूप है विषम चीजों को एक समान बनाने का प्रयत्न करना।”   The worst form of inequality is to try to make unequal things equal. एकात्म मानववाद, विषमता को इससे बहुत आगे के स्तर पर जाकर हमें […]

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