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समान नागरिक संहिता: मुस्लिम महिला दृष्टिकोण से

Praveen Gugnani, guni.pra@gmail.com विदेश मंत्रालय, भारत सरकार मे राजभाषा सलाहकार मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक। पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक॥ भारतीय मुस्लिम समाज के साथ एक बहुत बड़ी दिक्कत है की उसे इस भाव का नेतृत्व कभी नहीं मिल पाता। भारतीय मे मुस्लिम नेतृत्व कभी भी मुखिया मुख सो चाहिए […]

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Uncategorised महत्वपूर्ण लेख विश्वगुरू के रूप में भारत

हिंदू बौद्ध संयुक्त रूप मे आज भी विश्वगुरु ही हैं हम

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार मे राजभाषा सलाहकार 9425002270 बुद्ध जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, वेसाक या हनमतसूरी समूचे भारत वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण, आस्था जन्य और उल्लासपूर्वक मनाया जाने वाला पर्व है। विश्व के अनेक भागों में फैले हुए हिंदू, बौद्ध इस पर्व को वेसाक (हिंदू कैलेंडर के वैशाख का अप्रभंश) के नाम से […]

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इतिहास के पन्नों से

क्षत्रियों के कुलनाशक नहीं समाज संगठक थे परशुराम

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में राजभाषा सलाहकार 9425002270 —– ——- वैशाख शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया सनातन हिंदू समाज की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिवस केवल हमारे सकल हिंदू समाज के आराध्य भगवान् परशुराम के अवतरण का ही नहीं अपितु इसी दिन परमात्मा के हयग्रीव, नर नारायण और महाविद्या मातंगी […]

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महत्वपूर्ण लेख

संदर्भ: 6 अप्रेल, भाजपा स्थापना दिवस भाजपा: वैचारिक धुंधकाल के निराकरण का तंत्र

गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में राजभाषा सलाहकार विमर्श या नैरेटिव के नाम पर भारत में एक अघोषित युद्द चला हुआ है। इन दिनों भारत में चल रहा विमर्श शुद्ध राजनैतिक है। राजनीति और कुछ नहीं समाज का एक संक्षिप्त प्रतिबिंब ही है। विमर्श में यह प्रतिबिंब विषय व समयानुसार कुछ छोटा या बड़ा होता […]

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भारतीय संस्कृति

उज्जैन से उपजी हिंदू कालगणना का वैश्विक महत्व

नववर्ष प्रतिपदा या हिंदू नववर्ष के विषय में बात करते समय हमें इसकी वैज्ञानिकता का पूर्ण आभास होना चाहिए। हमारी सनातनी कालगणना आज समूचे विश्व को हमें आदर देने को विवश करती है। उज्जैन में महाकाल की मूर्ति या विग्रह केवल धार्मिक चिन्ह नहीं अपितु समय की वैज्ञानिक गणना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। महाकाल […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

डीलिस्टिंग: सामाजिक न्याय के मार्ग मे मील का पत्थर

जनजातीय मुद्दों पर प्रतिदिन अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने वाले विभिन्न संगठन व राजनैतिक दल डिलिस्टिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुप क्यों हैं? स्पष्ट है कि वे कथित धर्मान्तरित होकर जनजातीय समाज के साथ छलावा और धोखा देनें वाले लोगों के साथ खड़े हैं. ये कथित दल, संगठन और एनजीओ भोले भाले वनवासी जनजातीय समाज […]

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मप्र मे धर्मांतरण कानून और समाज दोनों को और सख्त होने की आवश्यकता

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार मे राजभाषा सलाहकार यदि मध्यप्रदेश के सामाजिक ताने बाने, अर्थव्यवस्था, राजनैतिक वातावरण, व्यापार वयवसाय के पिछड़े होने की और इन सबसे धर्मांतरण के संबंध की चर्चा करें तो एक जनजातीय कहावत स्मरण मे आती है – तेंदू के अंगरा बरे के न बुताय के अर्थात दुष्ट व्यक्ति न स्वयं […]

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महत्वपूर्ण लेख

संघप्रमुख का कहा सज्जन राष्ट्रवादी मुस्लिमों को तो सदा से स्वीकार है

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार मे राजभाषा सलाहकार   “तोड़ दूंगा ये सारे बुत ए खुदा पहले यह तो बता तुझको इनसे इतनी जलन क्यों है।  आए हैं कहां से ये बुत तेरे ही बनाए हुए पत्थरों और मिट्टियों से  पहले यह तो बता की उन पत्थरों और मिट्टियों में क्या तू नही है?” किसी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

धर्मांतरण से उबलता छत्तीसगढ़ का शांत जनजातीय समाज

प्रवीण गुगनानी, —————– छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर संभाग विशेषतः नारायणपुर जिला पुनः अस्थिर, अशांत और अनमना सा है। सदा की तरह कारण वही है, धर्मांतरण! वैसे तो समूचा छत्तीसगढ़ ही धर्मांतरण और मसीही आतंक से पीड़ित है किंतु बस्तर संभाग में यह दंश कुछ अधिक है। सदा की तरह कारण स्थानीय जनजातीय समाज की परम्पराओं, […]

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कृषि जगत हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सुपर कृषक बनने का मार्ग: सुपर फ़ूड मोटे अनाज की प्राकृतिक कृषि

23 दिसंबर: राष्ट्रीय किसान दिवस पर विशेष प्रवीण गुगनानी देश में मोटे अनाजों की कृषि, उत्पादन व उपभोग को पर केंद्रित इस लेख के पूर्व यह कविता पढ़िए – यह रागी हुई अभागी क्यों? चावल की किस्मत जागी क्यों? जो ‘ज्वार’ जमी जन-मानस में, गेहूँ के डर से यह भागी क्यों? यूँ होता श्वेत ‘झंगोरा’ […]

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