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व्यक्तित्व

प्रेरक जीवन के धनी ऋषि भक्त श्री दौलत सिंह राणा

ओ३म् =============== श्री दौलत सिह राणा जी देहरादून के अग्रणीय ऋषि दयानन्द जी के भक्तों में से एक हैं। आप देहरादून के रैफल होम की कालोनी ‘शिव-सदन’ में अपनी पत्नी श्रीमती उषा राणा जी के साथ निवास करते हैं। आपकी एक पुत्री है जो पीएनबी बैंक में अधिकारी है। वह देहरादून से लगभग100 किमी. दूर […]

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आज का चिंतन

यह सृष्टि ईश्वर ने जीवों के सुख तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए बनाई है

ओ३म् ============ एक अदृश्य सत्ता से यह जगत बना है। उसी सत्ता ने हम जीवात्माओं के शरीर भी बनायें हैं और इस सृष्टि को देखने व भोग करने में सहायक हमें दो आंखे प्रदान की हैं। इस सृष्टि को देखकर विचारशील मनुष्यों के मन, मस्तिष्क तथा बुद्धि में इस सृष्टि के कर्ता वा रचयिता को […]

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धर्म-अध्यात्म

सद्धर्म वेद के प्रचार में मत मतान्तरों की अविद्या युक्त बातें बाधक

ओ३म् ========= संसार में अनेक मत-मतान्तर हैं। विचार करने पर यह विदित होता है कि ऐसा मनुष्यों व आचार्यों की अल्पज्ञता व अविद्या के कारण हुआ करता है। संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों वा सत्ताओं का अस्तित्व है। ये सत्तायें हैं ईश्वर, जीव व प्रकृति। ईश्वर व जीव चेतन सत्तायें हैं तथा प्रकृति […]

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इतिहास के पन्नों से

काशी शास्त्रार्थ की 151 वीं वर्षगांठ 16 नवंबर के अवसर पर विशेष : विद्वानों से एक साथ सफल शास्त्रार्थ

——————————————— “मूर्तिपूजा पर ऋषि दयानन्द का अकेले काशी के 40 विद्वानों से एक साथ सफल शास्त्रार्थ” …………. ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन में जो महान् कार्य किए उनमें से एक काशी के दुर्गाकुण्ड स्थित आनन्द बाग में लगभग 50-60 हजार लोगों की उपस्थिति में ‘मूर्तिपूजा वेदसम्मत नहीं है’, विषय पर उनका शास्त्रार्थ भी था जिसमें […]

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Uncategorised आज का चिंतन

महर्षि दयानंद के तप त्याग और भावनाओं को ध्यान में रखकर हमें वेद भाष्य सहित उनके सभी ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए

ओ३म् ========== ऋषि दयानन्द संसार के महापुरुषों में अन्यतम थे। उन्होंने जो कार्य किया वह अन्य महापुरुषों ने नहीं किया। उन्होंने ही हमें ईश्वर के सत्यस्वरूप से परिचित कराया है। उनसे पूर्व ईश्वर का सत्यस्वरूप वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थों में उपलब्ध था परन्तु देश के न केवल सामान्य जन अपितु विद्वानों को भी उसका ज्ञान […]

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आज का चिंतन

सत्य का ग्रहण व धारण तथा असत्य का त्याग ही मनुष्य का धर्म एवं कर्तव्य

ओ३म् ========= परमात्मा ने मनुष्य को बुद्धि दी है जो ज्ञान प्राप्ति तथा सत्य व असत्य के विवेचन में मनुष्य की आत्मा की सहायक होती है। मनुष्य को सत्य व असत्य के स्वरूप को जानने का प्रयत्न करना चाहिये। सत्य को जानकर ही मनुष्य व उसकी आत्मा की उन्नति व सत्य को न जानने से […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद के विषपान द्वारा निधन से वैदिक धर्म प्रचार की अवर्णनीय हानि हुई

ओ३म् ===================== महाभारत के बाद उत्पन्न प्रथम वेद ऋषि दयानन्द ने विलुप्त वेदों का पुनरुद्धार किया था। उन्होंने केवल वेद संहिताओं का ही उद्धार नही नहीं किया अपितु वेदों के बीस हजार से अधिक मन्त्रों के सत्य अर्थ जानने की प्रक्रिया व पद्धति का भी पुनरुद्धार किया था। वह स्वात्म प्रेरणा एवं लोगों के आग्रह […]

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आज का चिंतन

वेदाध्ययन से नास्तिक मनुष्य भी ईश्वर विश्वासी व आस्तिक बन जाता है

ओ३म् ========= हमारा संसार नास्तिक और आस्तिक विचारों के लोगों में बंटा हुआ है। अधिकांश लोग ईश्वर की सत्ता वा अस्तित्व में विश्वास रखते हैं और अन्य मनुष्य जिनकी संख्या करोड़ों व अरबों में है, विश्वास नहीं भी करते। मनुष्य का विश्वास सत्य ज्ञान व सत्य तर्कों पर आधारित हो तो वह मान्य होता है, […]

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पर्व – त्यौहार

वैदिक पर्व दीपावली एवं ऋषि दयानंद का महाप्रस्थान दिवस

ओ३म् ========== स्वभाव से मनुष्य सुख प्राप्ति का इच्छुक रहता है। वह नहीं चाहता कि उसके जीवन में कभी किसी भी प्रकार का दुःख आये। सुख प्राप्ति के लिये सद्कर्म व धर्म के कार्य करने होेते हैं। अतः सत्कर्मों से युक्त प्राचीन वेदों पर आधारित वैदिक धर्म का पालन करते हुए मनुष्य अपने जीवन में […]

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आज का चिंतन

हमारा मनुष्य होना तभी सार्थक है जब हमने ईश्वर को जान लिया हो

ओ३म् ============ मनुष्य को पता नहीं कि उसका इस संसार में जन्म क्यों हुआ है? उसको कोई इस बात का ज्ञान कराता भी नहीं है। मनुष्य जीवनभर संसार के कार्यों में उलझा रहता है, अतः अधिकांश मनुष्यों को तो कभी इस विषय में विचार करने का अवसर तक नही मिलता। यदि कोई इन विषयों पर […]

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