Categories
धर्म-अध्यात्म

क्या हमारा अगला जन्म मनुष्य योनि में होगा ?

ओ३म् ======== संसार में हम चेतन जीवात्माओं के अनेक योनियों में जन्मों को देखते हैं। मनुष्य जन्म में उत्पन्न दो जीवात्माओं की भी सुख व दुःख की अवस्थायें समान नहीं होती। मनुष्य योनि तथा पशु-पक्षी की सहस्रों जाति प्रजातियों में जीवात्मायें एक समान हैं जिनके सुख दुःख अलग-अलग हैं। इसका कोई तो कारण होगा? वैदिक […]

Categories
आज का चिंतन

महर्षि दयानंद का गृहस्थ आश्रम पर पठनीय महत्वपूर्ण उपदेश

ओ३म् ========== ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चौथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम इस अध्याय […]

Categories
आज का चिंतन

मनुष्य वेदविहित कर्तव्यों का पालन करने से ही सच्चा मानव बन सकता है

ओ३म् =========== हम मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्य कहलाने का कारण परमात्मा द्वारा हमें बुद्धि व ज्ञान का दिया जाना तथा हमें उस ज्ञान को प्राप्त होकर मननपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्धारणकर उन्हें करना होता है। सभी मनुष्य ऐसा नहीं करते। देश व विश्व की अधिकांश जनता को यही नही पता कि मनुष्य, मनुष्य क्यों कहलाता […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

हर्षप्रद समाचार : सुप्रसिद्ध विद्वान पंडित शिवपूजन सिंह कुशवाह के 50 से अधिक ग्रंथों का तीन खंडों में प्रकाशन

ओ३म् ======== वर्तमान कोरोना काल में आर्यसमाज के सत्संग बन्द हैं। जिन आर्यसमाजों व आर्य-संस्थाओं के वार्षिकोत्सव व समारोह होने थे वह भी मार्च के महीने से बन्द चल रहे हैं। सभी लोग घर पर रहने के लिये विवश हैं। भय है कि कहीं किसी के सम्पर्क में आकर कोरोना रोग न हो जाये और […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

हमारा यह संसार 3 अनादि सत्ताओं की देन है

ओ३म् ========== हमारा यह जगत सूर्य, चन्द्र, पृथिवी सहित अनेकों ग्रह व उपग्रहों से युक्त है। इस समस्त सृष्टि में हमारे सौर्य मण्डल के समान अनेक व अनन्त सौर्य मण्डल हैं। इतने विशाल जगत् को देखकर जिज्ञासा होती है कि यह संसार किससे, क्यों, कैसे व कब अस्तित्व में आया और इसका भविष्य क्या है? […]

Categories
आज का चिंतन

मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धांत पुनर्जन्म के विरुद्ध

ओ३म् ======== महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध में यह […]

Categories
भाषा

महर्षि दयानंद द्वारा हिंदी अपनाए जाने पर इसका देश देशांतर में प्रचार हुआ

ओ३म् ========= आज हम जिस हिन्दी भाषा का प्रयोग करते हैं उसका उद्भव एवं विकास विगत लगभग दो सौ वर्षों में उत्तरोत्तर हुआ दृष्टिगोचर होता है। ऋषि दयानन्द (1825-1883) के काल में हिन्दी की उन्नति हो रही थी। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी को हिन्दी की उन्नति करने वाले पुरुषों में प्रमुख स्थान प्राप्त है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन आदर्शों और स्मृति को सादर नमन

ओ३म् “मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन आदर्शों एवं पावन स्मृति को सादर नमन” ========= मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम वैदिक धर्म एवं संस्कृति के आदर्श हैं। उनका जीवन एवं कार्य वैदिक धर्म की मर्यादाओं के अनुरूप हैं एवं संसार के सभी लोगों के लिए अनुकरणीय हैं। भगवान राम ने अपने आदर्श जीवन एवं व्यवहार से संसार […]

Categories
समाज

ऋषि दयानंद कृत सत्यार्थ प्रकाश मनुष्य को सन्मार्ग दिखाता है

ओ३म् =========== परमात्मा ने जीवात्मा को उसके पूर्वजन्म के कर्मानुसार मनुष्य जीवन एवं प्राणी योनियां प्रदान की हैं। हमारा सौभाग्य हैं कि हम मनुष्य बनाये गये हैं। मनुष्य के रूप में हम एक जीवात्मा हैं जिसे परमात्मा ने मनुष्य व अन्य अनेक प्रकार के शरीर प्रदान किये हैं। विचार करने पर ज्ञान होता है कि […]

Categories
पर्व – त्यौहार

स्वाध्याय एवं यज्ञ से जीवन की उन्नति व सुखों की प्राप्ति होती है

ओ३म् -श्रावणी एवं रक्षाबन्धन पर्व पर- ========= परमात्मा ने मनुष्य की जीवात्मा को मानव शरीर किसी विशेष प्रयोजन से दिया है। पहला कारण हमें अपना अपना मानव शरीर व मानव जीवन अपने पूर्वजन्मों के कर्मों के आधार पर आत्मा की उन्नति व दुःखों की निवृत्ति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति के लिये जीवन […]

Exit mobile version