ओ३म् ========== हम मनुष्य कहलाते हैं। हमारी पहचान दो पैर वाले पशु के रूप में होती है। परमात्मा ने पशुओं को चार पैर वाला बनाया है। उन पशुओं से हम भिन्न प्राणी हैं। हमारे पास दो पैरों पर आसानी से खड़ा होने की सामर्थ्य होती है। हम दो पैरों से चल सकते हैं। हम अपने […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् ========= मनुष्य जन्म व मरण भोग एवं अपवर्ग की प्राप्ति के लिए प्राप्त एक सुअवसर होता है। यह अवसर सनातन, शाश्वत, अनादि व नित्य आत्मा को परमात्मा प्रदान करते हैं। मनुष्य योनि में जन्म लेकर चेतन व अल्पज्ञ जीवात्मा को अपने माता, पिता, आचार्यों सहित परमात्मा के अपौरुषेय ज्ञान चार वेदों की सहायता तथा […]
ओ३म् =========== मनुष्य जीवन में सबसे अधिक महत्व ज्ञान का बताया जाता है और यह बात है भी सत्य। हम चेतन आत्मा हैं। हमारा शरीर जड़ है। जड़ वस्तु में ज्ञान प्राप्ति व उसकी वृद्धि की सम्भावना नहीं होती। जड़ वा निर्जीव वस्तुयें सभी ज्ञानशून्य होती हैं। इनको किसी भी प्रकार की सुख व दुःख […]
–मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक संस्थायें एवं संगठन हैं। सब संस्थाओं एवं संगठनों के अपने अपने उद्देश्य एवं उसकी पूर्ति की कार्य-पद्धतियां है। सभी संगठन अपने अपने उद्देश्यों को पूरा करने के किये कार्य करते हैं। आर्यसमाज भी विश्व का अपनी ही तरह का एकमात्र अनूठा संगठन है। हमें लगता है कि आर्यसमाज के समान संसार […]
ओ३म् ========== मनुष्य मननशील प्राणी है। वह अपनी रक्षा एवं हित के कार्यों में संलग्न रहता है। अपनी रक्षा के लिए वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देता है तथा सज्जन पुरुषों से मित्रता करता है जिससे असुरक्षा एवं विपरीत परिस्थितियों में वह उसके सहायक हो सकें। मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं का भी ध्यान रखता है। […]
ओ३म् ========== मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मननशील होने से ही दो पाये प्राणी की मनुष्य संज्ञा है। मननशीलता का गुण जीवात्मा के चेतन होने से मनुष्य रूपी प्राणी को प्राप्त हुआ है। जड़ पदार्थों को सुख व दुख तथा शीत व ग्रीष्म का ज्ञान नहीं होता। मनुष्य का आत्मा ज्ञान प्राप्ति तथा कर्म […]
ओ३म ========== वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे सुख व सुविधाओं का भोग बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त अविद्यायुक्त मत-मतान्तर अपने प्रसार की योजनायें बनाकर भारत जैसे देश की सत्ता […]
ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। धर्म के विषय में तरह तरह की बातें की जाती हैं परन्तु धर्म सत्याचरण वा सत्य कर्तव्यों के धारण व पालन का नाम है। यह विचार व सिद्धान्त हमें वेदाध्ययन करने पर प्राप्त होते हंै। महाराज मनु ने कहा है कि धर्म की जिज्ञासा होने पर उनका वेदों से जो […]
ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारा यह संसार स्वयं नहीं बना अपितु एक सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, नित्य, न्यायकारी तथा दयालु सत्ता जिसे ईश्वर कहते हैं, के द्वारा बनाया गया है। इस संसार में एक त्रिगुणात्मक अर्थात् सत्व, रज तथा तम तीन गुणों वाली सूक्ष्म प्रकृति का अस्तित्व भी है जो प्रलयावस्था में सर्वत्र […]
ओ३म् -जन्म दिवस 1 जनवरी पर शुभकामनायें ========= आचार्य चन्द्र शेखर शास्त्री जी का जीवन साहित्य, समाज एवं संस्कृति के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं। वेदकथा के साथ श्रीमद्भगवद् गीता, रामायण, उपनिषद् आदि में भी उनकी गहरी पैठ है। अपने इसी गुण के कारण उन्हें देश विदेश में प्रवचनों के लिए आमंत्रित किया जाता है। आचार्य […]