ओ३म् ========= आज रविवार दिनांक 28-3-2021 को हमें वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून में 7 मार्च 2021 से चल रहे चतुर्वेद पारायण यज्ञ, गायत्री यज्ञ एवं योग साधना शिविर में यज्ञ की पूर्णाहुति के आयोजन में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यज्ञ स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी द्वारा आयोजित किया गया। वह पूरे समय सभी आयोजनों […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् -वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून में चतुर्वेद पारायण यज्ञ, पूर्णाहुति हमें आज दिनांक 27-3-2021 को सायं वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में दिनांक 7-3-2021 से चल रहे चतुर्वेद पारायण यज्ञ में सम्मिलित होने का सुअवसर मिला। यज्ञ अपरान्ह 3.00 बजे से आरम्भ एवं सायं 5.00 बजे समाप्त हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा सोनीपत से पधारे […]
ओ३म् महर्षि दयानन्द ने अपने वैदिक, योग एवं उपासना ज्ञान सहित तदनुरूप कार्यों से विश्व के धार्मिक व सामाजिक जगत में अपना सर्वोपरि स्थान बनाया है। उन्होंने सप्रमाण सिद्ध किया है कि ज्ञान-विज्ञान का स्रोत ईश्वर व वेद हैं। आर्यसमाज के दस नियमों में उन्होंने पहला ही नियम बनाया है कि सब सत्य विद्या और […]
ओ३म आजकल विज्ञान की उन्नति ने सबको आश्चर्यान्वित कर रखा है। दिन प्रतिदिन नये नये बहुपयोगी उत्पाद हमारे ज्ञान व दृष्टि में आते रहते हैं। बहुत कम लोग जानते होंगे कि उनकी अनेक समस्याओं का कारण भी विज्ञान व इसका दुरुपयोग ही है। इसका मुख्य उदाहरण तो वायु, जल और पर्यावरण प्रदुषण का है। यह […]
ओ३म् ========== मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा कि उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका सरल उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर […]
ओ३म् ========= सभी प्राणी योनियों में मनुष्य सबसे श्रेष्ठ प्राणी है। मनुष्य ज्ञान अर्जित कर सकता है परन्तु अन्य प्राणी, पशु व पक्षी आदि, ज्ञान प्राप्त कर उसके विश्लेषण द्वारा वह लाभ प्राप्त नहीं कर सकते जो कि मनुष्य करता है। इसलिये मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी माना जाता है। मनुष्य संसार में आया है तो इसका […]
ओ३म् =========== महाभारत के बाद वैदिक धर्म का सत्यस्वरूप विलुप्त हो गया था और इसमें अनेक अन्धविश्वास, पाखण्ड एवं मिथ्या परम्परायें सम्मिलित हो गई थी जिससे आर्य जाति का नानाविध पतन व पराभव हुआ। ऋषि दयानन्द ने वेदों का पुनरुद्धार करने सहित वेद प्रचार करते हुए आर्यसमाज की स्थापना कर वैदिक धर्म को देश देशान्तर […]
ओ३म् ============ लगभग 23-24 सौ वर्ष पूर्व सनातन धर्म लुप्त प्रायः होकर देश में सर्वत्र नास्तिक मत छा गया था। इस अवधि में देश में स्वामी शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव होता है। वह वेद ज्ञान व विद्या से सम्पन्न थे। उन्होंने जैनमत के आचार्यों से उनकी अविद्यायुक्त मान्यताओं और वैदिक मत की सत्य मान्यताओं पर […]
ओ३म् “छात्रों को वेदज्ञान देने का काम कर रहा है गुरुकुल पौंधा-देहरादून” वैदिक धर्म एवं संस्कृति ज्ञान-विज्ञान, सत्य, तर्क एवं युक्तियों पर आधारित है। वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीनम धर्म होने सहित प्राणी मात्र के लिये हितकर एवं कल्याणकारी धर्म है। कोई भी मत-मतान्तर इससे स्पर्धा नहीं कर सकता। संसार की समस्त सत्य मान्यतायें […]
“अन्तिम हिन्दू” हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी द्वारा ‘अन्तिम हिन्दू’ नाम की एक लघु पुस्तक प्रकाशित की गई है। पुस्तक का मुद्रित मूल्य है रुपये 14.00 है। पुस्तक के आवरण पृष्ठ के अन्दर के पृष्ठ पर विचारक ओर राजनेता मधु लिमये जी की चेतावनी प्रकाशित की गई है। उन्होंने कहा है ‘‘जैसा कि 50 वर्ष […]