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पुस्तक समीक्षा

अंतिम हिंदू

“अन्तिम हिन्दू”

हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी द्वारा ‘अन्तिम हिन्दू’ नाम की एक लघु पुस्तक प्रकाशित की गई है। पुस्तक का मुद्रित मूल्य है रुपये 14.00 है।

पुस्तक के आवरण पृष्ठ के अन्दर के पृष्ठ पर विचारक ओर राजनेता मधु लिमये जी की चेतावनी प्रकाशित की गई है। उन्होंने कहा है ‘‘जैसा कि 50 वर्ष पहले स्वामी श्रद्धानन्द ने कहा था (प्रतीत होता है कि पुस्तक सन् 1976 व उससे पूर्व लिखी गई है) लगता है हिन्दू जाति मृत्यु की ओर अग्रसर हो रही है। कदाचित 2300 ई0 तक भारत में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जायेंगे उसके पश्चात् उनकी संख्या में तीव्र ह्रास होगा और हमारी इस प्राचीन भूमि से हिन्दू विलुप्त हो जायेगा। हो सकता है हिन्दू धर्म में कुछ त्रुटियां भी हों परन्तु उसमें कुछ ‘बहुमूल्य’ भी है। पिछले एक सहस्र वर्षों में हिन्दुओं की कुछ वज्र मूर्खता, सामाजिक गैर-मिलनसारी और कायरता के कारण वह ‘बहुमूल्य’ भी जो समस्त मानवता की विरासत है लुप्त हो जायेगा और मुझे यही कष्ट सालता है। – मधु लिमये’’

पुस्तक छोटे आकार की 80 पृष्ठों की है। पुस्तक के लेखक एवं संकलनकर्ता हैं श्री पुरुषोत्तम। पुस्तक का सैकड़ा मूल्य 700 रुपये है। पुस्तक आर्यों व हिन्दुओं सभी के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है।

पुस्तक प्राप्ति के लिए प्रकाशक महोदय को मोबाइल न. 9414034072 पर संपर्क किया जा सकता है।

 

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