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आज का चिंतन

ऋषि दयानंद की एक प्रमुख देन, सृष्टि का प्रवाह से अनादि होने का सिद्धांत

ओ३म् ऋषि दयानन्द ने देश और संसार को अनेक सत्य सिद्धान्त व मान्यतायें प्रदान की है। उन्होंने ही अज्ञान तथा अन्धविश्वासों से त्रस्त विश्व व सभी मतान्तरों को ईश्वर के सत्यस्वरूप से अवगत कराने के साथ ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना तथा उपासना एवं अग्निहोत्र यज्ञ का महत्व बताया तथा इनके क्रियात्मक स्वरूप को पूर्ण बुद्धि […]

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धर्म-अध्यात्म

वेदों से ही हमें ऋषि मुनि और राम,कृष्ण ,दयानंद आदि महान पुरुष मिले

ओ३म् मनुष्य का निर्माण माता-पिता के पालन पोषण सहित उनके द्वारा दिये जाने वाले संस्कारों से होता है। माता-पिता हमें जो संस्कार देते हैं उन्हें वह विरासत में अपने माता-पिता व आचार्यों से प्राप्त होते हैं। हमारी यह सृष्टि 1.96 अरब वर्ष पुरानी है। इतने ही वर्ष पूर्व भारत वा आर्यावर्त के वर्तमान स्थान तिब्बत […]

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व्यक्तित्व

आज 20वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि : वैदिक धर्म के अनन्य प्रेमी एवं ऋषि भक्त श्री शिवनाथ आर्य

ओ३म् ============= श्री शिवनाथ आर्य हमारी युवावस्था के दिनों के निकटस्थ मित्र थे। उनसे हमारा परिचय आर्यसमाज धामावाला देहरादून में सन् 1970 से 1975 के बीच हुआ था। दोनों की उम्र में अधिक अन्तर नहीं था। वह अद्भुत प्रकृति, स्वभाव व व्यवहार वाले आर्यसमाजी थे। उनके विलक्षण व्यक्तित्व के कारण मैं उनकी ओर खिंचा और […]

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आज का चिंतन

मनुष्य की चहुँमुखी उन्नति का आधार विद्या की निवृत्ति और विद्या की वृद्धि

ओ३म् =========== मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा कि उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका सरल उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर […]

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व्यक्तित्व

स्वामी दयानंद के विचारों की देन थे हमारे प्रेरणा स्रोत आर्य विद्वान अनूप सिंह

ओ३म् दिनांक 21 जून 2021 को 20वीं पुण्य तिथि पर –ऋषि दयानन्द जिनके मन व वाणी में वसते थे– ============= लेख की भूमिका- हम सन् 1970 व उसके एक दो वर्ष बाद आर्यसमाज के सम्पर्क में आये और सदस्य बने। हमारे सदस्य बनने में मुख्य भूमिका हमारे एक पड़ोसी मित्र श्री धर्मपाल सिंह तथा आर्यसमाज […]

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आज का चिंतन धर्म-अध्यात्म

ऋषि दयानंद वेद ज्ञान द्वारा सब मनुष्यों को परमात्मा से मिलाना चाहते थे

ओ३म् ========== महाभारत के बाद ऋषि दयानन्द ने भारत ही नहीं अपितु विश्व के इतिहास में वह कार्य किया है जो संसार में अन्य किसी महापुरुष ने नहीं किया। अन्य महापुरुषों ने कौन सा कार्य नहीं किया जो ऋषि ने किया? इसका उत्तर है कि ऋषि दयानन्द ने अपने कठोर तप व पुरुषार्थ से सृष्टि […]

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धर्म-अध्यात्म

सर्व प्राचीन वैदिक धर्म का आधार ईश्वर और उसका निज ज्ञान वेद

ओ३म् =========== संसार में अनेक मत-मतान्तर प्रचलित हैं जो अपने आप को धर्म बताते हैं। क्या वह सब धर्म हैं? यह मत-मतान्तर इसलिये धर्म नहीं हो सकते क्योंकि धर्म श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने को कहते हैं। मनुष्य का कर्तव्य है कि श्रेष्ठ व अनिन्दित गुण, कर्म व स्वभावों को जाने व […]

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Uncategorised

विश्व को वेदों से मिला आत्मा की अमरता और पुनर्जन्म का सिद्धांत

ओ३म् मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार करना व उसे अपने आचरण में लाना है। सबसे पहला कार्य जो मनुष्य को करना है वह स्वयं को व इस संसार को अधिक सूक्ष्मता से न सही, सार रूप में जानना तो है ही। […]

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धर्म-अध्यात्म

जीवात्मा के भीतर और बाहर व्यापक परमात्मा को जानना हमारा मुख्य कर्तव्य

ओ३म् ========== संसार में अनेक आश्चर्य हैं। कोई ताजमहल को आश्चर्य कहता है तो कोई लोगों को मरते हुए देख कर भी विचलित न होने और यह समझने कि वह कभी नहीं मरेगा, इस प्रकार के विचारों को आश्चर्य मानते हैं। हमें इनसे भी बड़ा आश्चर्य यह प्रतीत होता है कि मनुष्य स्वयं को यथार्थ […]

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समाज

वार्षिकोत्सव का गूगल मीट एवं फेसबुक पर प्रसारण : गुरुकुल पौंधा देहरादून का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव 5 जून 6 जून 2021 को आयोजित

ओ३म् =========== गुरुकुल पौंधा-देहरादून देश में बालकों के प्रमुख गुरुकुलों में से एक है। इसकी स्थापना 21 वर्ष पूर्व जून, 2000 में हुई थी। हम इस स्थापना के अवसर पर उपस्थित थे और उसके बाद से गुरुकुल के सभी उत्सवों एवं अन्य कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं। बीच में भी जब मन करता है […]

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