ओ३म् ========== ऋषि दयानन्द ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप की खोज एवं मृत्यु पर विजय पाने के उपायों को जानने के लिये देश के अनेक स्थानों पर जाकर विद्वानों की संगति व दुर्लभ पुस्तकों के अध्ययन में बिताया था। इस प्रयोजन के लिये ही उन्होंने अपने माता-पिता सहित बन्धु-बान्धवों, कुटुम्बियों व जीवन के सभी […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् ========= संसार में जड़ व चेतन अथवा भौतिक एवं अभौतिक दो प्रकार के पदार्थ हैं। भौतिक पदार्थों का ज्ञान विज्ञान के अध्ययन के अन्तर्गत आता़ है। अभौतिक पदार्थों में दो चेतन सत्ताओं ईश्वर एवं जीवात्मा का अध्ययन आता है। दोनों ही सूक्ष्म पदार्थ होने से हमें आंखों से दिखाई नहीं देते। जीवात्मा के अस्तित्व […]
ओ३म् =============== हमारी जीवात्माओं को मनुष्य जीवन ईश्वर की देन है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान होने के साथ सर्वज्ञ भी है। उससे दान में मिली मानव जीवन रूपी सर्वोत्तम वस्तु का सदुपयोग कर हम उसकी कृपा व सहाय को प्राप्त कर सकते हैं और इसके विपरीत मानव शरीर का सदुपयोग न करने के कारण हमें […]
ओ३म् ‘ हमने एक सप्ताह पूर्व श्री दर्शन कुमार अग्निहोत्री जी (कीर्तिशेष दिनांक 16-5-2021) के मामा जी से बात की थी। वह दिल्ली में रहते हैं और लगभग उन्हीं की आयु के आर्य सत्पुरुष हैं। वह भी श्री दर्शन कुमार अग्निहोत्री की तरह आर्यसमाज की विचारधारा और महात्मा प्रभु आश्रित के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने […]
ओ३म् ========== [निवेदन- मई, 2017 में गुरुकुल पौंधा देहरादून में ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका स्वाध्याय शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर में वैदिक विद्वान डा. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई ने ऋषि दयानन्द कृत चारों वेदों की भूमिका ग्रन्थ का अध्ययन कराया था। इस शिविर के तीसरे दिन के अपरान्ह के सत्र का विवरण इस लेख में प्रस्तुत कर […]
ओ३म् ====== परमात्मा ने संसार में जीवात्माओं के कर्मों के अनुसार अनेक प्राणी-योनियों को बनाया है। हमने अपने पिछले जन्म में आधे से अधिक शुभ व पुण्य कर्म किये थे, इसलिये ईश्वर की व्यवस्था से इस जन्म में हमें मनुष्य जन्म मिला है। जिन जीवात्माओं के हमसे अधिक अच्छे कर्म थे, उन्हें अच्छे माता-पिता व […]
ओ३म् =========== [निवेदन- आज हम आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान पं. उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ जी, आगरा का वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के वर्ष 2019 में अक्टूबर मास में आयोजित शरदुत्सव में दिया गया एक महत्वपूर्ण उपदेश प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे पाठकों को वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित वेद के सिद्धान्तों का ज्ञान होगा। यह एक […]
ओ३म् ========== हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी मनुष्येतर योनियां पशु, पक्षी, कीट-पतंग व जीव-जन्तु आदि हैं, उन सबमें हमारी आत्मा के समान ही एक जैसी जीवात्मा विद्यमान है। यह जीवात्मा शरीर से पृथक एक सत्य, सनातन एवं चेतन सत्ता है। जीवात्मा […]
ओ३म् =========== स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी (जन्म दिवस 7-7-1947) आर्यजगत् के विख्यात संन्यासी है। आपने अपना पूरा जीवन वैदिक धर्म और आर्यसमाज की सेवा में लगाया है। आप ने आर्ष पाठविधि से गुरुकुल झज्जर तथा गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार में अध्ययन किया है। स्वामी ओमानन्द सरस्वती तथा डा. रामनाथ वेदालंकार जी आपके आचार्य रहे हैं। डा. […]
ओ३म् ========= (आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय जी आर्यजगत् के शीर्षस्थ विद्वान एवं प्रभावशाली वक्ता है। 3 वर्ष पूर्व दिनांक 2-6-2018 को उन्होंने गुरुकुल पौन्धा-देहरादून के उत्सव में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली व्याख्यान दिया था। उनका यह व्याख्यान आज भी प्रासंगिक एवं उपयोगी है। हम उनके उसी व्याख्यान को प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे व्याख्यान बहुत […]