ओ३म् “शिवरात्रि मूलशंकर के लिये मोक्षदायिनी बोधरात्रि बनी थी” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सनातन धर्म सृष्टि के आरम्भ से प्रवृत्त धर्म है। इसका आधार वेद और वैदिक शिक्षायें हैं जो ईश्वर प्रदत्त होने से पूर्णतः सत्य पर आधारित हैं। वेद संसार में सबसे पुराने ग्रन्थ हैं इस कारण इन्हें पुराण भी कहा जाता है। वास्तविक […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् =========== आर्यसमाज का अस्तित्व वेद के अस्तित्व पर विद्यमान है। वेद के बाद ऋषि मुनियों के ग्रन्थ व उनकी ईश्वर, जीव व प्रकृति सहित मानव जीवन के सभी पक्षों पर मार्गदर्शन करने वाली सत्य मान्यताओं पर है। यदि किसी को शास्त्र वा शास्त्र ज्ञान उपलब्ध न हो तो उसे तर्क व युक्ति का सहारा […]
ओ३म् ========= हम प्रतिदिन मनुष्य व पशुओं आदि को जन्म लेते हुए देखते हैं। यदि हम इन प्राणियों के जन्मों पर विचार करें तो अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनके उत्तर हमें साधारणतः नहीं मिलते। मनुष्य व उसके बच्चे का जो शरीर एवं उसमें चेतन जीवात्मा होता है, वह माता के शरीर में कैसे आता […]
ओ३म् ========= ऋषि दयानन्द के प्रादुर्भाव के समय देश विदेश के लोग ईश्वर की सच्ची उपासना के ज्ञान व विधि से अपरिचित थे। यदि कुछ परिचित थे तो वह योगी व कुछ विद्वान धार्मिकजन ही रहे हो सकते हैं। वह लोग उपासना व अग्निहोत्र यज्ञों का प्रचार न कर उसे अपने तक ही सीमित किये […]
ओ३म् ऋषि दयानन्द के प्रादुर्भाव के समय देश विदेश के लोग ईश्वर की सच्ची उपासना के ज्ञान व विधि से अपरिचित थे। यदि कुछ परिचित थे तो वह योगी व कुछ विद्वान धार्मिकजन ही रहे हो सकते हैं। वह लोग उपासना व अग्निहोत्र यज्ञों का प्रचार न कर उसे अपने तक ही सीमित किये हुए […]
ओ३म् ऋषि दयानन्द (1825-1883) सच्चे ऋषि, योगी, वेदों के पारदर्शी विद्वान, ईश्वरभक्त, वेदभक्त, देशभक्त, सच्चे समाज सुधारक, वेदोद्धारक, वैदिकधर्म व संस्कृति के अपूर्व प्रचारक आदि अनेकानेक गुणों से सम्पन्न थे। 21 वर्ष की अवस्था होने पर वह सुख सुविधाओं से परिपूर्ण अपने माता-पिता का घर छोड़कर सच्चे शिव वा ईश्वर, आत्मज्ञान व मोक्ष के उपाय […]
ओ३म् ’ मनुष्यों के अनेक कर्तव्यों में से एक कर्तव्य वेदों के सत्यस्वरूप को जानना व उनका नियमित स्वाध्याय करना है। वेदों का स्वाध्याय मनुष्य का कर्तव्य इसलिये है कि वेद संसार का सबसे पुराना व प्रथम ज्ञान है। यह वेदज्ञान मनुष्यों द्वारा अपने पुरुषार्थ से अर्जित ज्ञान नहीं है अपितु सृष्टि के आरम्भ में […]
======== ऋषि दयानन्द महाभारत के बाद विगत लगभग पांच हजार वर्षों में वेदों के मंत्रों के सत्य अर्थों को जानने वाले व उनके आर्ष व्याकरणानुसार सत्य, यथार्थ तथा व्यवहारिक अर्थ करने वाले ऋषि हुए हैं। महाभारत के बाद ऐसा कोई विद्वान नहीं हुआ है जिसने वेदों के सत्य, यथार्थ तथा महर्षि यास्क के निरुक्त ग्रन्थ […]
ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वैदिक साधन आश्रम की स्थापना सन् 1949 में हुई थी। इसके संस्थापक बावा गुरुमुख सिंह जी और उनके श्रद्धास्पद आर्यसंन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी थे। आश्रम में सभी प्रकार व श्रेणियों के साधक-साधिकायें आते रहे हैं। आश्रम में वर्ष में दो बार ग्रीष्मोत्सव एवं शरदुत्सव आयोजित किये जाते हैं। हम वर्ष […]
–मनमोहन कुमार आर्य वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी ने अपने निवास पर 5 दिवसीय ऋग्वेद यज्ञ एवं वेदकथा का आयोजन किया है। यह कार्यक्रम दिनांक 7-9-2022 को आरम्भ हुआ। इससे पूर्व देहरादून में जाखन स्थित दून विहार कालोनी में दिनांक 4-9-2022 को एक शोभायात्रा भी निकाली जा चुकी है जिससे सभी कालोनी निवासी इस आयोजन में उपस्थित होकर इसका लाभ ले सकें। आज दिनांक 7-9-2022 को प्रातः 8.00 बजे ऋग्वेद यज्ञ आरम्भ हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा ऋषिभक्त आर्य विद्वान श्री शैलेश मुनि सत्यार्थी जी, हरिद्वार हैं। यज्ञ मे मंत्रोच्चार द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल, देहरादून की छात्रायें एवं आचार्यायें कर रही हैं। यज्ञ के यजमान श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी व उनके पारिवारिकजन हैं। शर्मा जी प्रत्येक वर्ष अपने निवास पर सितम्बर महीने में वृहद यज्ञ एवं सत्संग का आयोजन करते हैं। इसी श्रृंखला में इस वर्ष का आयोजन किया गया है। यज्ञ की पूर्णाहुति आगामी रविवार दिनांक 11-7-2022 को दिन में लगभग 12.00 बजे […]