इतिहास में कोई भी घटना अपने समकालीन इतिहास को अवश्य प्रभावित करती है । यदि उस घटना के समकालीन घटना चक्र पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि एक घटना दूसरी को और दूसरी घटना तीसरी को प्रभावित करके चली जाती है । इससे एक घटना का प्रभाव बहुत आगे तक भी पड़ना […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
भारत के संबंध में मैथिलीशरण गुप्त की ये पंक्तियां बड़ी सार्थक हैं :— ” गौतम वशिष्ट समान मुनिवर ज्ञान दायक थे यहां , मनु याज्ञवल्क्य समान उत्तम विधि विधायक थे यहां । वाल्मीकि वेद व्यास से गुणगान गायक थे यहां , पृथु , पुरु ,भरत , रघु से अलौकिक लोकनायक थे यहां।। ” हमारे महान […]
गाजियाबाद । ( एलएस तिवारी ) जब से किसी गहरी साजिश को समय से पहले ही मसलने के लिए भारतीय सैन्य बल कश्मीर में पहुंचे हैं , तब से ही पाकिस्तान और उसके समर्थक भारतीय तत्व बौखलाए हुए हैं । अभी तक जो कुछ हो रहा है उससे यह तो स्पष्ट है कि वहां पर […]
मित्रो ! 3 अगस्त 1492 को कोलंबस ने भारत की खोज का अभियान आरंभ करने के लिए अपने देश से यात्रा आरंभ की थी । यह अलग बात है कि वह भारत ने पहुंचकर अमेरिका पहुंच गया था और उसके द्वारा भारत की खोज न होकर अमेरिका की खोज हो गई। जिस धरती पर वह […]
गंगा अवतरण की घटना से हम सभी परीचित हैं। पुराणों में उल्लेखित यह घटना पुरातन इतिहास की एक बहुत महत्वपूर्ण घटना है। वास्तव में पुराण पुरातन इतिहास के ही दस्तावेज हैं, जिनमें बहुत सी ऐतिहासिक घटनाओं को पुराणकारों ने अपनी शैली में लिखा है। पौराणिक वृत्तों से यह सिद्घ हो चुका है कि गंगा प्राचीनकाल […]
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले दिनों कश्मीर के संबंध में अपना यह बयान देकर कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कश्मीर समस्या का समाधान कराने के लिए मध्यस्थ होने के लिए कहा था , अपनी स्थिति को खराब कर लिया है । भारत में बड़ी तेजी से ट्रंप के प्रति एक […]
मित्रो ! आज 1 अगस्त है । आज ही के दिन 1920 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन आरंभ किया था । इस आंदोलन के संदर्भ में हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि 1857 की क्रांति के पश्चात भारत में अनेकों ऐसे क्रांतिकारी आंदोलन हुए थे , जिनसे भारत का जनमानस बहुत अधिक आंदोलित […]
मोदी सरकार की अब तक की उपलब्धियों में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में तीन तलाक पर लाया गया कानून देखा जा रहा है । वास्तव में मुस्लिम समाज में नारियों के साथ पिछली कई शताब्दियों के काल में जो कुछ होता रहा उसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता । यह […]
क्रान्तदर्शी होना कवि का स्वाभाविक गुण है , उसकी प्रकृति है , उसे नैसर्गिक रूप से मिला हुआ एक वरदान है । कहने का अभिप्राय है कि क्रांतदर्शिता के अभाव में कोई व्यक्ति कवि नहीं हो सकता । जैसे विधाता की रचना और सृष्टा की सृष्टि का होना तभी संभव है , जब रचना और […]
आज के दिन ही दी गई थी 1940 में फांसी आज ही के दिन 1974 में ब्रिटेन ने सौंपे थे उनकी अस्थियों के अवशेष दुखद है कि आज तक भी नहीं मिला इतिहास में उचित सम्मान पंजाब के ऐतिहासिक नगर अमृतसर का जलियांवाला (जलियां नामक एक माली का) बाग भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता आंदोलन का […]