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महत्वपूर्ण लेख

देश में राष्ट्रवादी विचारधारा का होना एकता व अखंडता के लिए अनिवार्य है

ओ३म् =====xxx======= हमारा देश भारत संसार का सबसे प्राचीनतम देश है। सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने मनुष्य जीवन की उन्नति व मनुष्यों के सर्वविध कल्याण के लिए वेदों का सर्वोत्तम ज्ञान एवं संस्कृत भाषा प्रदान की थी। संस्कृत विश्व की सर्वोत्तम भाषा है। मनुष्य का कर्तव्य है कि वह जिस में जन्म लेता व […]

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व्यक्तित्व

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह हुए स्मृतिशेष

डॉ अवधेश कुमार अवध विश्वविख्यात वैज्ञानिक/ गणितज्ञ आइंस्टीन और गौस के सिद्धांतों को चुनौती देकर प्रसिद्धि पाने वाले महान गणितज्ञ नहीं रहे। नासा में अपोलो मिशन लांचिंग के दौरान तीस कम्प्यूटर अचानक फेल हो गए, उसी क्षण पेन से सटीक कैलकुलेशन देकर अभियान सफल कराने वाले महान गणितज्ञ हमें छोड़कर चले गए। चक्रीय सदिश समष्टि […]

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आज का चिंतन

हमारी वैदिक इतिहास परंपरा में हिंसा निषेध और गाय

वेद ने मनुष्य से अन्य प्राणियों के प्रति मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे-अर्थात प्रत्येक प्राणी को अपना मित्र समझो, ऐसा व्यवहार करने का निर्देश दिया है। इसलिए अपने मित्रों के बीच रहकर कोई अनपेक्षित और अवांछित प्रतियोगिता वेद ने आयोजित नही की, अपितु सबको अपने अपने मर्यादा पथ में जीवन जीने के लिए स्वतंत्र छोड़ा। एक मनुष्य […]

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आज का चिंतन

क्या थी भारत की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा ?

भारत में लोकतंत्र की बहुत स्वस्थ प्रणाली प्राचीन काल से कार्य करती रही है । लोकतांत्रिक स्वस्थ प्रणाली के अंतर्गत समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुयोग्यतम संतान को राष्ट्र के लिए प्रदान करता आया है । विज्ञान की मान्यता है कि हर पिता की पहली संतान उसके अधिकतम गुणों को लेकर उत्पन्न होती है। यही […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर की उपासना दुखों के निवारण एवं सद्गुणों की प्राप्ति के लिए करते हैं

======xx======xx====== अधिकांश मनुष्य प्रायः ईश्वर की भक्ति व उपासना करते हैं। संसार में अनेक प्रकार की उपासना पद्धतियां प्रचलित हैं। कुछ तो ऐसी हैं जो मनुष्य को मंजिल वा लक्ष्य से दूर भी करती हैं। उपासना करने का कारण भी अवश्य कुछ है? वह क्या है, इसका उत्तर वेद एवं वैदिक साहित्य पढ़ने के बाद […]

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आज का चिंतन

भारत में लोकतंत्र सर्वथा एक निरीह और असहाय प्राणी का नाम है

यूं कहने को तो भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है परंतु वास्तविकता यह है कि भारत में लोकतंत्र कहीं पर भी नहीं है । जी हां , जो राजनीतिक पार्टियां लोकतंत्र लोकतंत्र का शोर मचाती हैं यदि उनकी भी चीर फाड़ की जाए तो पता चलता है कि लोकतंत्र तो उनके […]

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इतिहास के पन्नों से

वीतराग सन्यासी की भांति जीवन जीने वाली राजधानी माता पन्ना गुजरी

राजा का रमणीय भवन एक सम्राट ने अपनी राजधानी के मध्य में एक बहुत बड़ा भवन बनवाया। वह भवन बहुत ही सुदृढ़ विशाल और सुंदर था। जो कोई भी राजा के पास आता वह उस भव्य भवन की प्रशंसा किये बिना नही रहता था। इससे राजा को बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति होती थी। एक बार […]

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इतिहास के पन्नों से

मातृभूमि की स्वतंत्रता के हितार्थ किया पन्ना ने अपने पुत्र चंदन का बलिदान

मैं संन्यासी हूं तो क्या हुआ? बात 1957 की है। आर्य समाजी नेता महाशय कृष्ण धर्मशाला की कारागार में बंदी का जीवन यापन कर रहे थे। उनके सुपुत्र वीरेन्द्र और महात्मा आनंद स्वामीजी भी उन्हीं के साथ बंदी बनाकर रखे गये थे। महाशय कृष्ण अब वृद्घ हो चले थे, इसलिए कोई न कोई व्याधि उनका […]

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आज का चिंतन

विश्व गुरु के रूप में भारत खोदता था आकाश में कुंआ

तालाबों को प्राचीन काल में हमारे पूर्वज लोग बड़ा स्वच्छ रखा करते थे। पर आजकल तो इनमें कूड़ा कचरा और गंदी नालियों का गंदा पानी भरा जाता है। यही स्थिति नदियों की है। जो वस्तु हमारे जीवन का उद्घार करने में सहायक थी उन्हें ही हमने अपने लिए विनाश का कारण बना लिया है। हमें […]

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आज का चिंतन

भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि के अवसर पर

आज पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि है ।आजीवन मां भारती की सेवा में रत रहे ‘ भारत रत्न ‘ उदारमना महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी स्वतंत्रता मिलने से लगभग 10 महीने पहले इस असार संसार से चले गए थे । उनके जीवन पर जितना भी लिखा जाए उतना कम है । उन्होंने प्रत्येक […]

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