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विशेष संपादकीय

मोदी के प्रति अपेक्षाएं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने थे तो उनको प्रधानमंत्री बनाने में उनके चमत्कारिक व्यक्तित्व की विशेष भूमिका रही थी, उन्होंने उस समय लोगों से कुछ विशेष वायदे किये थे और जब राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण संसद में प्रस्तुत किया तो उन्होंने नरेन्द्र मोदी द्वारा लोगों से किये गये वायदों को मोदी सरकार […]

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विशेष संपादकीय

लेखकों की असहिष्णुता

बिसाहड़ा की घटना को लेकर कुछ लेखकों ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का सिलसिला आरंभ किया है, उसके पीछे इन लेखकों का तर्क है कि बिसाहड़ा में जो कुछ हुआ है वह लोगों के भीतर की सहनशीलता की कमी को दर्शाता है, आजादी के 68 वर्ष पश्चात भी ऐसी असहिष्णुता का प्रदर्शन करना उचित नही […]

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विशेष संपादकीय

आजम खान और ‘सिविल वार’

अपने आलोचकों की दृष्टि में आजम खान इस समय देश में एक साम्प्रदायिक नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। उनके आलोचकों के पास ऐसे बहुत से तर्क हैं जिनसे उन्हें एक साम्प्रदायिक नेता सिद्घ किया जा सकता है। जैसे मुजफ्फरनगर के दंगों के बारे में ऐसे लोगों का मानना है कि यदि पहली […]

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विशेष संपादकीय

21वीं सदी में 14वीं सदी की सोच

21वीं सदी का मानव अपने आपको सुसभ्य मानता है, इसलिए अन्याय, अत्याचार, शोषण और दमन को बहुत से भ्रांतिवश 14वीं शताब्दी की बात मानते हैं, परंतु आज भी इस धरती से अन्याय और अत्याचार, शोषण और दमन समाप्त नही हुए हैं, अपितु कहीं-कहीं तो बहुत ही भयावह रूप में हमारे बीच खड़े हैं। इनकी उपस्थिति […]

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विशेष संपादकीय

लालू,नीतीश, मोदी और बिहार के चुनाव

बिहार का चुनाव ज्यों-ज्यों तेजी पकड़ रहा है त्यों-त्यों नेताओं की या तो जुबान फिसल रही है या फिर त्यौरियां चढ़ती जा रही हैं। चुनाव परिणाम आने से पहले किसी भी गठबंधन के बारे में हार-जीत को लेकर कुछ नही कहा जा सकता, परंतु फिर भी एग्जिट पोल के रूझान हमें जो कुछ बता रहे […]

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विशेष संपादकीय

पीएम मोदी पर राहुल के आरोप

अपनी खामोश विदेश यात्रा के बाद लौटे राहुल गांधी फिर कुछ जोश में आ रहे हैं। बिहार में चुनावी दौड़ में तो बेचारे कहीं दिखाई नही दे रहे और पहली बार देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस के इस युवा नेता ने इस पार्टी को चुनाव से पहले ही हाशिये पर ला खड़ा किया […]

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विशेष संपादकीय

व्यापार में दूसरों का साथ

आज का दौर ‘ग्लोबल विलेज’ का दौर है जिसमें संपूर्ण विश्व एक ग्राम ईकाई के रूप में परिवर्तित हो चुका है। कुछ लोगों की क्षमताएं रहती हैं कि विदेशी कंपनियों को बुलाने का अर्थ फिर भारत को गुलाम कराने की तैयारी करना है। ऐसे लोग ईस्ट इंडिया  कंपनी का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि […]

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विशेष संपादकीय

अब ट्विटर पर छिड़ी कश्मीर की जंग

पाकिस्तान इस समय कश्मीर के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है। यहां तक कि उसके अपने लोग भी पाकिस्तानी नीति नियामकों की कश्मीर संबंधी नीति से असहमत हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर भारत के पक्ष में आवाजें उठने […]

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विशेष संपादकीय

क्या केन्द्र का दखल राज्य सरकारों को कमजोर करता है?

केंद्र के साथ अपनी सरकार की खींचतान के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत के संघवाद को मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह विकेंद्रीकरण की मांग की है । दिल्ली के मुख्यमंत्री ने  आरोप लगाया है कि मोदी सरकार राज्यों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है और न्यायपालिका को भी कमजोर कर […]

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विशेष संपादकीय

भारत मां का अमर सपूत शहीदे आजम सरदार भगत सिंह

अभी संपूर्ण देश ने अपने महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह को विनम्र श्रद्घांजलि अर्पित की है। उस शहीद सम्राट, शहीद शिरोमणि, बलिदानी एवं देशभक्ति की अनुपम मिसाल सरदार भगत सिंह के विषय में विचार आते ही उनकी ये पंक्तियां अनायास ही मेरे मानस में गुदगुदी करने लगती हैं-दिल से न निकलेगी मरकर भी वतन की […]

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