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संपादकीय

सर्वधर्म-समभाव का भ्रम-4

राजनेताओं से जनता निराश आज राजा और उसके चाटुकार सभी घोटालों में फंसे पड़े हैं। जनसेवा जीवन का उद्देश्य नहीं रह गयी है। जब राजा इस प्रकार का आचरण कर रहा हो तो प्रजा तो उसका अनुकरण करेगी ही। फलस्वरूप– चराजा की देखा–देखी जनता अपने राजधर्म से विमुख है, अपने राष्टरधर्म से विमुख है। चदेश […]

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विशेष संपादकीय

लोकतंत्र तेरी जय हो

विशेष सम्पादकीय :  महाभारत में आया है कि ऐसा राजा जो प्रजा की रक्षा करने में असमर्थ है और केवल जनता के धन को लूटना ही जिसका लक्ष्य होता है और जिसके पास कोई नेतृत्व करने वाला मंत्री नहीं होता वह राजा नहीं कलियुग है। समस्त प्रजा को चाहिए कि ऐसे निर्दयी राजा को बांध कर […]

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संपादकीय

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और विधायकों की वेतन वृद्घि

अरविंद केजरीवाल ने जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है, तब से ही वह किसी न किसी प्रकार के विवादों में रहे हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से उन्होंने ‘जंग’ छेड़ी जो अब भी जारी है। इसी प्रकार उन्होंने दिल्ली पुलिस से भी दो-दो हाथ करने चाहे। वह जो कुछ भी करते […]

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