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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत का महान क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फड़के

(जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित) अगर बात करे भारतीय स्वतंत्रता की क्रांति और उन क्रांतिकारियों की जिनकी वजह से देश को आजादी मिली तो इतिहास की रेत में शायद हज़ारों नाम दबे मिले। पर हम सिर्फ कुछ नामों से ही रु-ब-रु हुए हैं। वैसे तो भारत माँ के इन सभी सपूतों के बारे में […]

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आज का चिंतन

ईश्वर और उसकी कर्म फल व्यवस्था

वेदों का पुराना प्रसिद्ध सिद्धांत है, दंड के बिना कोई सुधरता नहीं है | आज संसार के लोग बिगड़े हुए दिखाई देते हैं । इसके कारण है कि लोग दंड व्यवस्था को भूल चुके हैं । कुछ ही अपवाद रूप लोगों को छोड़कर शेष सभी लोग दंड व्यवस्था को समझ नहीं रहे । उन्हें ना […]

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पर्व – त्यौहार

क्या है श्री कृष्ण जी महाराज का गोवर्धन पर्वत उठाना ?

रावण के राष्ट्र में नीति थी, धर्म नहीं था ।नीति भी अधर्म की नीति थी। यदि उसके साथ धर्म भी होता तो निश्चित था कि रावण की पताका संसार में सबसे ऊंची कहलाती। आज संसार में प्रत्येक मनुष्य यह कह देता है कि यह तो पाखंडी है, लेकिन पाखंड कहते किसको हैं ?  इसको देखें […]

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आज का चिंतन उगता भारत न्यूज़

*”मकान में तो सब रहते ही हैं। दूसरों के हृदय में रहने का आनंद कुछ और ही है।”*

मनुष्य को अपने जीवन की रक्षा के लिए ईंट पत्थर से बने भौतिक मकान की आवश्यकता तो होती ही है। और प्रायः लोग अपने अपने मकान में रहते भी हैं। संसार में कुछ निर्धन व्यक्ति भी हैं, जिनके पास अपना मकान नहीं है। वे भी कहीं-न-कहीं सिर छुपाने की जगह ढूंढ लेते हैं, और जैसे […]

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आज का चिंतन

भारतीय ज्ञान परंपरा की उद्गाता ‘वैदिक संपत्ति’

प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) भारत पर सभ्यतागत आक्रमणों में एक बडा आक्रमण यहां की ज्ञान परंपरा पर किया गया था। भारतीय ज्ञान परंपरा का सबसे बडा आधार थे वेद और इसलिए अंग्रेजों सहित समस्त यूरोपीय बौद्धिक जगत ने वेदों को निरर्थक साबित करने के लिए एडी-चोटी एक कर दिया […]

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भारतीय संस्कृति

लोकहित ही रहा भारतीय धातु परंपरा का उद्देश्य

आर.के.त्रिवेदी विश्व के कल्याण का भाव लेकर ही भारत में धातुकर्म विकसित हुआ था। धातुकर्म के कारण ही भारत में बड़ी संख्या में विभिन्न धातुओं के बर्तन बना करते थे जो पूरी दुनिया में निर्यात किए जाते थे। धातुकर्म विशेषकर लोहे पर भारत में काफी काम हुआ था। उस परम्परा के अवशेष आज भी देश […]

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Uncategorised आओ कुछ जाने

भारत की प्राचीन परंपरा रही है ‘घर वापसी’ या अशुद्धि अभियान

प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) पिछले दिनों देश में घर वापसी की काफी चर्चा हुई है। यह चर्चा शुरू हुई आगरा में कुछ मुस्लिम परिवारों को वापस सनातन मत में लाने के एक कार्यक्रम से। घर वापसी किए एक व्यक्ति ने लालच दिए जाने की बात कह दी और हंगामा […]

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खेल/मनोरंजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आलेख : ‘टीम इंडिया’ की ताकत से हासिल कामयाबी

नरेंद्र मोदी भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 9 महीनों बाद ही 21 अक्तूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कोविड-19 से मुकाबला करने में यह यात्रा अद्भुत रही है, विशेषकर जब हम याद करते हैं कि 2020 की शुरुआत में परिस्थितियां कैसी थीं। मानवता 100 साल […]

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आज का चिंतन

क्या दिया गया है मनुस्मृति में आर्थिक चिंतन ?

प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) प्राचीन भारतीय अर्थशास्त्रियों के आर्थिक विचारों से आधुनिक युग के अर्थशास्त्री सर्वथा अपरिचित से प्रतीत होते हैं। जिस एक ‘श्रम सिद्धान्त’के कारण ही ‘एडमस्मिथ’को अर्थशास्त्र का पिता कहा जाता है, वह श्रम विभाजन भी प्राचीन भारतीय आर्थिक विचारकों के लिए कोई नवीन विचार एवं नवीन […]

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आज का चिंतन वैदिक संपत्ति

दो प्रकार की विद्याएं हैं,एक परा दूसरी अपरा…

वैदिक संपत्ति गतांक से आगे… दो प्रकार की विद्याएं हैं,एक परा दूसरी अपरा। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष आदि अपरा विद्याए हैं और जिससे वह अक्षर प्राप्त होता है, वह परा विद्या है। इस वर्णन से ज्ञात होता है कि, वेदों में परा विद्या का वर्णन नहीं है, अर्थात वेद […]

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