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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत की प्राचीन कलाएं -1

लेखक:- प्रशांत पोळ विश्व के किसी भी भूभाग में यदि किसी संस्कृति को टिकी रहना हैं, जीवंत रहना है, तो उसे परिपूर्ण होना आवश्यक है. ‘परिपूर्ण’ का अर्थ यह है कि उस संस्कृति को मानवीय मन का सर्वांगीण विचार करना चाहिए, समाज की इच्छाओं का विचार करना चाहिए. इस कसौटी पर हमारी भारतीय संस्कृति एकदम […]

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खगोल शास्त्र : भारत की दुनिया को देन

  लेखक:- प्रशांत पोळ कुछ वर्ष पहले, अर्थात एकदम सटीक कहे तो अप्रैल २०१६ से, मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में सिंहस्थ कुम्भ मेले का आयोजन हुआ. उज्जैन जैसे छोटे से शहर में लगभग २ से ३ करोड़ लोग मात्र महीना / डेढ़ महीना की कालावधि में आए, उन्होंने क्षिप्रा नदी में स्नान किया और पुण्य […]

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भारतीय संस्कृति के वैश्विक पदचिन्ह – 2

  लेखक :- प्रशांत पोळ पिछले लेख में हमने भारत के पश्चिमी दिशा में भारतीय संस्कृति के पदचिन्ह खोजने का प्रयास किया था. ‘बेरेनाईक परियोजना’’ जैसे पुरातात्विक उत्खनन के माध्यम से, केल्टिक एवं यजीदी संस्कृति के प्रदर्शन एवं पश्चिम के अनेक संग्रहालयों में रखी हुई भारतीय वस्तुओं, अवशेषों इत्यादि के माध्यम से भारतीयों के पदचिन्ह […]

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भारतीय संस्कृति के वैश्विक पद चिन्ह

  लेखक:- प्रशांत पोळ गुजरात के सोमनाथ मंदिर के बाण-स्तंभ पर एक श्लोक उकेरा हुआ (लिखा हुआ) है – “आसमुद्रांत दक्षिण ध्रुव पर्यंत अबाधित ज्योतिर्मार्ग…!” [‘इस मंदिर से दक्षिण ध्रुव तक सीधे रास्ते में एक भी बाधा (जमीन) नहीं है. यहाँ से ज्योति (अर्थात प्रकाश) का मार्ग सीधा वहाँ तक पहुँच सकता है]. अर्थात डेढ़-दो […]

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अंग्रेजों ने नष्ट की भारत की उन्नत चिकित्सा व्यवस्था

विनाश पर्व लेखक:- प्रशांत पोळ पिछले एक वर्ष से पूरा विश्व ‘कोरोना’ की महामारी से जूझ रहा हैं. इस महामारी पर वैक्सिन बनाना कितना कठीन हैं, यह हम सब देख रहे हैं. पश्चिमी जगत ने तो अभी २०० वर्ष पहले ही महामारी पर वैक्सिन का इलाज खोजा हैं. किन्तु हमारी भारतीय चिकित्सा पध्दति में यह […]

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और भारत की संस्कृति

ओ3म्   ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत, वी एस एम संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में बोलते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी नें महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग की चर्चा की। उन्होनें कहा कि आज मानव मात्र योग साधना में या तो लीन है या लीन होना चाहता है। इस समय संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे […]

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आओ कुछ जाने विश्वगुरू के रूप में भारत

मल्लयुद्ध का विश्व रिकॉर्ड

हष्टपुष्टजनोपेतं चातुर्वण्रर्यसमाकुलम्| (महा0 सभा पर्व) स्फीतोत्सवमनाधृष्यमासेदुश्च गिरिव्रजम्|| कातिर्कस्य तु मासस्य प्रवृतं प्रथमेहनि| (महा0 सभा पर्व) अनाहारं दिवारात्रमविश्ररान्तमवर्तत|| “कुरुदेश से चलकर गंगा और सोनभद्र को पार करके गोरथ पर्वत पर पहुंचकर उन तीनों ने मगध की राजधानी को देखा| वहां से चलकर वे तीनों गिरीब्रज के निकट जा पहुंचे वह नगर चारों वर्णों के लोगों से […]

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आर्यों ने सारी दुनिया बसाई

  सहदेव समर्पित/राजेशार्य आट्टा राखी गढ़ी सिविलायजेशन के एक भाग की खुदाई से प्राप्त वस्तुओं के अध्ययन से प्राप्त रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह सिविलायजेशन विश्व इतिहास की सबसे प्राचीन ज्ञात सभ्यता है। रिपोर्ट्स के अनुसार हार्वर्ड युनिवर्सिटी, बीरबल साहनी इन्स्टीट्यूट, व हैदराबाद के सी सी एम डी की जांच को डेक्कन ने परिणाम तक […]

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‘सुतली’ बनाम ज्यॉमेट्री बाक्स, पश्चिम में पैदा नहीं हुआ है विज्ञान

चंद्रकांत राजू , वरिष्ठ वैज्ञानिक भारत का पहला सुपरकंप्यूटर परम को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चंद्रकांत राजू देश के प्रमुख वैज्ञानिक हस्ताक्षर हैं। वे भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् की जरनल के संपादक रह चुके हैं। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी, नई दिल्ली इत्यादि के फेलो रह चुके […]

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‘समरांगणसूत्रधार’ – महाराज भोज का अक्षय कीर्ति-स्तम्भ

विगत दो दशकों से गृह-निर्माण में ‘वास्तुशास्त्र’ का प्रचलन बढ़ा है। नया घर बनवाते समय अथवा मरम्मत करवाते समय या घर की इंटीरियर डिजायनिंग के समय पेशेवर वास्तुविद की मदद ली जा रही है. प्रयास यह रहता है कि घर वास्तुशास्त्र के अनुकूल हो। पेशेवर वास्तुविद यह दावा करते हैं कि उन्हें वास्तु की पूर्ण […]

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