जन्नत में मर्दों को तो हूरें मिल जाती हैं, औरतों को क्या मिलता है? परमादरणीय जनाब-ए-आला स्कॉलर श्री जाकिर नाइक साहब, इस्लाम और दुनिया के तमाम धर्मों के बारे में आपके ज्ञान को देखकर चकित हूँ, लेकिन […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
देश के इतिहास में जिन शासकों ने साम्प्रदायिकता के आधार पर ने बड़े – बड़े नरसंहार किए लूटपाट हत्या ,डकैती, बलात्कार और इन जैसे अनेकों जघन्य अपराध किए , वे सारे के सारे मानवता के हत्यारे गांधीजी और गांधीवादियों की दृष्टि में बहुत ही दयालु, उदार, सहिष्णु और मानवता के पुजारी कहे जाते हैं […]
कांग्रेस के विषय में यह कहने की आवश्यकता नहीं कि इस पार्टी ने प्रारम्भ से ही अंग्रेजों की कार्यशैली को अपने लिए आदर्श के रूप में स्वीकार किया था । स्वाधीन भारत में जब सत्ता कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के हाथों में रही तो इन्होंने अंग्रेजों की कार्यशैली को अपनाकर ही शासन करना आरम्भ किया। अंग्रेजों […]
गांधी , गांधीवाद और नेहरू डॉ राजेन्द्र प्रसाद जब भारत के पहले राष्ट्रपति बने तो वह वास्तव में उस भारत के प्रतिनिधि थे जिस भारत को स्वतन्त्र कराने के लिए देश ने दीर्घकालिक संघर्ष किया था । वह संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे। अपनी ऐश्वर्यपूर्ण जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध रहे देश के पहले […]
*🚩संविधान के सभी अनुच्छेद सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू क्यों नहीं हैं?* *🚩कुछ समय से देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा बार-बार हो रही है, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसी तरह हिंदू मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने की मांग भी अनुसनी बनी हुई है। छोटे-मोटे संगठन […]
इस्लाम को मानती है कांग्रेस शांति का धर्म कांग्रेस ने भारतवर्ष में करोड़ों लोगों के विरुद्ध अमानवीय अत्याचार करने वाले इस्लाम को प्रारम्भ से ही प्रगतिशील , उदार और ‘भाईचारे’ का प्रतीक मानकर शांति का ध्वजवाहक माना है , जबकि हिन्दू धर्म या वैदिक धर्म को इसने रूढ़िवादी माना है । ‘शांति का संदेश […]
गांधीवादी कांग्रेस के काले कारनामे 1885 में कॉन्ग्रेस का जन्म हिन्दू विरोध और राष्ट्रविरोध की भावना से प्रेरित होकर किया गया था। ए0ओ0 ह्यूम नाम के एक अंग्रेज ईसाई द्वारा जब इस संगठन की स्थापना की गई थी तो इसने प्रारम्भ से ही हिन्दू विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीति का अनुसरण किया । दुर्भाग्य से […]
सर सैयद अहमद खान का चिन्तन सर सैयद को अक्सर उदारवादी और हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। 1867से 1887 तक के बीच सर सैय्यद अक्सर कहा करते थे कि हिन्दू और मुस्लिम वधू की दो आँखों की तरह हैं। पहले वे हिन्दू और मुस्लिमों को दो कौमें बताते […]
सत्य को झुठलाने में गांधीवाद की भूमिका मुस्लिम नवाबों , सुल्तानों , नेताओं और तथाकथित विद्वानों का बचाव करना गांधीवाद, गांधीवादियों और कांग्रेस का मौलिक संस्कार है । यही कारण है कि इन लोगों ने भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार सर सैयद अहमद खान और उन जैसे अन्य मुस्लिम नेताओं को उत्तरदायी न मानकर […]
द्विराष्ट्रवाद और गांधीवाद 2019 में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा जब लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किया गया तो कुछ बरसाती मेंढक बाहर आकर टर्राने लगे थे। इन मेंढकों की टर्राहट गृहमंत्री अमितशाह के उस बयान को लेकर अधिक थी जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का धर्म के आधार पर यदि […]