डॉ विवेक आर्य पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरता के उदय और उसके प्रसार के लिए पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल ज़िया-उल-हक़ की सरकार और उसके बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों की ताक़त को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है. लेकिन पाकिस्तानी इतिहास के एक अहम किरदार, जोगिंदरनाथ मंडल ने 70 साल पहले ही तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को लिखे अपने त्यागपत्र […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
आप किसी भी मसले पर विरोध कर रहे मुस्लिम महिला प्रदर्शनकारी और हिंदू महिला प्रदर्शनकारियों को देखिए और दोनों में फर्क को आप समझिए। यह वामपंथ कितने शातिर और कितने धूर्त होते हैं कि यह हिंदुओं को तो यह समझाने में कामयाब हो जाते हैं धर्म अफीम है धर्म खराब है धर्म नफरत फैलाता […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार मुगलों का महिमामंडन मुख्यधारा की मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर उदारवादियों और वामपंथियों द्वारा अक्सर किया जाता है। यहाँ तक भी दावे किए जाते हैं कि औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भी भारत में रहते हुए मंदिरों की रक्षा […]
मजहब को कुछ लोगों ने ‘अफीम’ की संज्ञा दी है। यद्यपि ऐसा कहने वाले लोगों ने मजहब को धर्म का समानार्थक या पर्यायवाची मानकर अपनी ऐसी धारणा व्यक्त की है, परन्तु सत्य यह है कि मजहब और धर्म में जमीन आसमान का अन्तर है। मजहब सचमुच एक अफीम है और एक ऐसा नशा भी […]
पश्चिम एसिया और भारत-भारतीय इतिहास में अंग्रेजों द्वारा इतनी भयानक जालसाजी हुयी है कि कोई भी वर्णन पश्चिम या मध्य एसिया के इतिहास से नहीं मिलता है और पूर्व भाग के बारे में बिलकुल ही भूल गये। राजतरंगिणी के अनुसार गोनन्द वंश का ६२वां राजा हिरण्यकुल था जिसने लौकिकाब्द २२५२-२३१२ अर्थात् ८२४-७६४ ई.पू. तक शासन […]
– प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भारत पर अंग्रेजों की असली जीत 14 एवं 15 अगस्त 1947 ईस्वी को हुई है। क्योंकि उस दिन पहली बार वे भारत में अपने एक ऐसे उत्तराधिकारी समूह को अपनी सत्ता सौंप कर जाने में सफल हुये जो उनसे कई गुना बढ़कर अंग्रेजों का भक्त था और जिसे प्रत्येक भारतीय […]
लेखक:- प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज यूरो-ईसाई लेखन को कैसे पढ़े? पूर्व में हमने 19वीं शती ईस्वी के यूरोप की पृष्ठभूमि बताई है। इस पृष्ठभूमि की जानकारी के साथ हमें इन यूरोपीय ईसाई कथित इतिहास लेखकों के लेखन को पढ़ना चाहिये। इनके लिखने का प्रयोजन क्या है, यह सदा समझ लेना चाहिये। इसके लिये एक तो […]
वीर सावरकर के विरुद्ध सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र कर उनके विचारों को सांप्रदायिक बताया गया जबकि ऐसा कुछ नहीं था। वीर सावरकर के राष्ट्रवाद को समझने के लिए उन्हें पढ़ना और समझना बहुत जरूरी है उदय माहूरकर हमें सावरकर के कार्यों और उनके आदर्शों को छत्रपति शिवाजी और चाणक्य की कार्यविधियों से तोलना होगा, न […]
पाकिस्तान से समाचार मिला। सरकार द्वारा विभिन्न संस्थानों में नौकरियों हेतु विज्ञापन निकाला गया हैं। उन विज्ञापनों में सफाई कर्मचारी का स्थान आरक्षित किया गया हैं। आप अचंभित हो रहे होंगे कि पाकिस्तान इस्लामिक मुल्क है। उसमें आरक्षण का क्या काम। क्यूंकि आपने तो सुना होगा कि इस्लाम में कोई भेदभाव नहीं हैं। पर […]
आशीष कुमार ‘अंशु ‘ भारतीय धरोहर के प्रति सरकार कितनी गम्भीर है? यह सवाल पिछले दिनों जब जैसलमेर किले (सोनार किला) की दीवार गिरी तो और अधिक गम्भीरता से सामने आकर खड़ा हुआ क्योंकि दीवार गिरने की घटना अचानक नहीं हुई। आठ सौ साठ साल पुरानी इस दीवार के गिरने का खतरा पिछले सात […]