भारतीय वामपंथी के मुंह से यह शब्द आपने भी सुने होंगे। तानाशाही, फासीवाद अभिव्यक्ति की आजादी लोकतन्त्र की हत्या सर्वाहारा, समानता और मानवता भगवान श्री राम से लेकर सावरकर तक हर महापुरुष पर अंगुली उठाने वाले कम्युनिस्टों के आदर्श माओ कैसे थे? हाँ वही चीनी माओ जिसने1962 मे भारत पर आक्रमण किया था। हाँ वही […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
लगभग सारे से इतिहासकार और उनसे दीक्षित बौद्धिक गुलाम आपको ये तर्क देते मिल जाएंगे कि अंग्रेज भारत के हित में रेल ले आये । बड़े बड़े कंस्ट्रक्शन किये । आदि आदि । 1929 में J Sunderland ने 33 साल की रिसर्च के बाद एक बुक लिखी #इंडिया_इन_बाँडेज ।उसी से प्रस्तुत है । ” अमेरिका […]
विपरीत शिक्षायें ….. . अंग्रेजी शासन काल में सभी विषयों में तथ्यों के विपरीत शिक्षा दी गयी। बचपन से वही पढ़ने के कारण सही बात समझना असम्भव हो जाता है। कुछ उदाहरण- (१) भारतीय पुराणों में इन्द्र को पूर्व दिशा का लोकपाल कहा गया है। पर पढ़ाया गया कि आर्य लोग पश्चिम से आये और […]
प्रो0 सुधांशु त्रिपाठी सबसे बड़ी समस्या ये है कि लगभग सभी राजनीतिक दल या दबाव समूह प्रत्येक राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक या धार्मिक मुद्दे का केवल संकीर्ण दलीय नजरिये से देखते हैं। उनके सामने राष्ट्रहित की रक्षा या जनहित की वास्तविक साधना का उद्देश्य हमेशा गौण रहता है। किसानों के नाम पर छद्म भेषधारी उपद्रवियों और […]
चांद मुहम्मद उर्फ साईँराम का संक्षिप्त जीवन परिचय जरुर पढ़ेँ… पिण्डारी डाकू साईं की असली कहानी और उसके द्वारा हिन्दुओ के खिलाफ जिहाद फैलाने के षड्यंत्र का भांडाफोड़ पिछले दिनों मेरे एक मित्र ने शिर्डी साईं के बारे में बहुत सी जानकारी इकठ्ठा की और मुझे बताया की साईं असल में क्या है कहा से […]
इतिहास के मर्मज्ञ विद्वानों का मानना है कि भारत में कभी ब्राह्मणों की एक पतित शाखा थी जिसको शैख के नाम से सम्बोधित किया जाता था । भारत के ब्राह्मणों की यही पतित शाखा ईरान और अरब में आज भी निवास करती है । संस्कृत के अर्व से ही अरब देश बना है, जिसका अर्थ […]
सभ्यताओं को गटक जाता है मजहब सारे संसार को इस्लाम अल्लाह की पार्टी और शैतान की पार्टी में बांट कर देखता है । इसी को दारुल- इस्लाम और दारुल हरब के नाम से भी जाना जाता है । जहाँ इस्लाम के व्याख्याकारों में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इस्लाम को भाईचारे और शान्ति का […]
अल्लाह के इस्लाम और मुल्ला के इस्लाम के बीच जब यह गुप्त समझौता हुआ तो उसके पश्चात इन गुंडों में से जो बादशाह ,सुल्तान या सेनापति बने उन्होंने संसार में कत्लेआम का ऐसा इतिहास लिखा जो केवल और केवल मजहबी जुनून, मजहबी उन्माद और कट्टर सांप्रदायिकता का वह इतिहास है जिसमें सर्वत्र मानवता की लाश […]
कुरान की काफिरों के प्रति शिक्षा गांधीजी ने चाहे कितना ही कह लिया कि: – ” ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान ।” पर उनके इस गीत का मुस्लिम साम्प्रदायिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा । वह अपने एजेंडा पर काम करती रही । गांधी जी के इस प्रकार के आलाप से वह […]
मजहब को कुछ लोगों ने ‘अफीम’ की संज्ञा दी है। इसका कारण है कि मजहब का नशा मानव को मानव बनने ही नहीं देता है। मजहब व्यक्ति को हिन्दू बनाता है, मुसलमान बनाता है, ईसाई बनाता है, सिक्ख बनाता है। और भी बहुत कुछ बनाता है, पर मानव नहीं बनाता। मजहबी दृष्टिकोण से यदि व्यक्ति […]