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मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

ईश्वर ‘ड्रैगन’ को सद्बुद्घि दे

1962 में देश चीन के हाथों परास्त हुआ। तब हमारे तत्कालीन नेतृत्व ने अपनी भूलों पर प्रायश्चित किया और सारे देश को यह गीत गाकर रोने के लिए बाध्य किया-‘ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी।’….हम अपने उन शहीदों की पावन शहादत पर रो रहे थे-जिनके हाथों से बंदूक छीनकर हमने […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-4

भारत बनाम इण्डिया जिस प्रकार अंग्रेजों के आगमन से सदियों वर्ष पूर्व से इस देश को इंडिया कहा जाता था, उसी प्रकार मुस्लिमों के आगमन से सदियों पूर्व इसे हिंद भी कहा जाता था। हजरत मोहम्मद साहब से 1700 वर्ष पूर्व हुए प्रसिद्घ कवि ‘लबि बिन अखताब’ की कविताओं का सम्मेलन अब्बासी खलीफा हारून रशीद […]

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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

हम उस देश के वासी हैं

भारत के गौरव पर प्रकाश डालते हुए मैक्समूलर ने अपनी पुस्तक इंडिया व्हाट कैन इज टीच असष् में लिखा है. यदि मैं विश्वभर में से उस देश को ढूंढने के लिए चारों दिशाओं में आंखें उठाकर देखूं जिस पर प्रकृति देवी ने अपना संपूर्ण वैभवए पराक्रम तथा सौंदर्य खुले हाथों लुटाकर उसे पृथ्वी का स्वर्ग […]

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मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

इन घोटालों पर कौन सोचेगा?

भारत में ऐसी-ऐसी मूर्खताएं शासन स्तर पर की गयी हैं कि उनसे देश का भारी अहित हुआ है। आज जबकि मोदी सरकार देश में भ्रष्टाचार के विरूद्घ आंदोलन छेड़ रही है, और बिहार में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को भ्रष्टाचार के शिकंजे में लाकर देश के बड़े भ्रष्टाचारियों को जेल की हवा खिलाने […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-3

जब तक ये तथ्य हमारे सामने नहीं लाये जाएंगे-तब तक हमारे भीतर इस शब्द को अपनाने में हीन भाव बना रहेगा। वस्तुत: हिन्दू एक चुनौती का नाम है, जिसका पर्याय काला, काफिर आदि हो ही नहीं सकते। यह चुनौती वही है जो मध्यकाल में हमारे पूर्वजों द्वारा विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं को दी जाती रही, और […]

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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

‘गया नीतीश आया नीतीश’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू की भालू पार्टी से मुक्ति पाकर पुन: मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। यह त्यागपत्र प्रत्याशित था। जिस समय बिहार में महागठबंधन किया गया था, उसी समय अधिकांश राजनीतिक समीक्षकों की दृष्टि में यह निश्चित था कि यह ‘गठबंधन’ कुछ समय पश्चात ‘लठबंधन’ […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-2

आर्य ईश्वर पुत्र है। इस प्रकार आर्यत्व एक जीवनशैली है जो जीवन को उत्कृष्टता में ढालती है। उसमें नियमबद्घता, क्रमबद्घता, शुचिता, परोपकारिता, उद्यमशीलता आदि के भाव जागृत कर उसे उच्चता प्रदान करती है। इसीलिए ‘कल्पद्रुम’ में आर्य शब्द का अर्थ पूज्य, श्रेष्ठ, धार्मिक, उदार, कल्याणकारी और पुरूषार्थी कहा है तथा निरूक्त में-‘श्रेष्ठ सज्जन साधव:’ कहकर […]

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मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

कुछ नई पहल करें नये राष्ट्रपति

भारत के शीर्ष संवैधानिक पद अर्थात राष्ट्रपति के रूप में श्री रामनाथ कोविन्द ने 25 जुलाई को अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभालते समय देश के सवा अरब लोगों को संविधान की रक्षा का भरोसा दिलाया और बड़ी विनम्रता व सादगी का प्रदर्शन किया। नये राष्ट्रपति को संसद के केन्द्रीय हॉल में […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय

वेद उस घाट का नाम है जहां पूरा हिन्दू समाज जाकर अपनी ज्ञान की प्यास बुझाता है। इस घाट से कोई भी व्यक्ति बिना तृप्त हुए नहीं लौटता। सभी स्नातक होकर लौटते हैं, अर्थात स्नान कर लौटते हैं और यह स्नान आत्मिक ज्ञान का स्नान है। जिसमें आत्मा पूर्णानन्द की अनुभूति करता है। ऐसा स्नान […]

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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

प्रणव दा का अन्तिम सन्देश

प्रणव मुखर्जी अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति हो गये हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि उनका व्यक्तित्व असाधारण है और उन्हें अपने जीवन में राष्ट्रपति के रूप में नहीं अपितु प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र की सेवा करने का अवसर मिलना चाहिए था। परंतु कांग्रेस में जब तक एक ही परिवार की आरती उतारने […]

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