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इतिहास के पन्नों से

श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के प्रयास किए

26 सितम्बर 2022 – श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी के जन्म दिन पर विशेष लेख श्री ईश्वरचंद्र बंद्योपाध्याय “विद्यासागर” का जन्म दिनांक 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल  (बंगाल प्रेसीडेंसी) के  जिला मेदिनीपुर के ग्राम बिरसिंह में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री हकुरदास बंद्योपाध्याय और आपकी माता का नाम श्रीमती भगवती देवी था। आप […]

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महाराणा प्रताप के पूर्वजों की शौर्यगाथा

-प्रियांशु सेठ सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी राजाओं की सन्तान ही राजपूत लोग हैं। मेवाड़ के शासनकर्त्ता सूर्यवंशी राजपूत हैं। ये लोग सिसोंदिया कहलाते हैं; जो श्रीरामचन्द्र जी के पुत्र लव की सन्तान हैं। वाल्मीकि रामायण में आया है कि श्रीराम जी ने अपने अन्तिम समय लव को दक्षिण कौशल और कुश को उत्तरीय कौशल का राज्य […]

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आदिऋषि या आदिमानव*

आज से 50 वर्ष पूर्व इंसान चांद पर पहुंच गया मंगल पर इंसान भेजने की तैयारी है … लेकिन इंसान इंसानों के विषय में बहुत कम जान पाया है… क्या इंसान केवल अन्य जीव-जंतुओं की भांति एक प्राणी है? ईश्वर, पुनर्जन्म ,कर्मफल व्यवस्था ,धर्म ,सदाचार को उसने अपनी कल्पना से सृजित कर लिया है? मनुष्य […]

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आजादी के बाद के 75 साल : कांग्रेस के अध्यक्ष और गांधी नेहरू परिवार

75 साल में 41 साल गांधी-नेहरू परिवार, सीताराम केसरी समेत 13 बाहरी अध्यक्ष… कुछ ऐसा रहा आजादी के बाद कांग्रेस का सफर उगता भारत ब्यूरो 1947: आजादी के बाद से कांग्रेस (Congress) देश में अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी । ऐसा समय भी रहा है, जब दशकों तक इस पार्टी को कोई टक्कर देने वाला […]

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आर्य समाज ही क्यूँ बनाई ऋषि ने ?

प्रायः लोगों को पता है 1875 में महाराष्ट्र प्रांत मुंबई गिरगांव मोहल्ला में डॉ. मणिकराव के घर ऋषि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी | आखिर आर्य समाज नाम ऋषि दयानंद ने क्यों रखा ? जवाब बड़ा सीधा है, ऋषि ने अपने गुरु विरजानंद के शरण में रहकर जाना | वेद, वैदिक धर्म […]

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चक्रवर्ती सम्राटअशोक का साम्राज्य और उनके के उत्तराधिकारी

उगता भारत ब्यूरो अशोक का विशाल साम्राज्य हिंदू-कुश के पैरों से लेकर चरम दक्षिण में तमिल देशों की सीमाओं तक फैला हुआ था, जो किसी भी कमजोर राजा द्वारा शासित होने में असमर्थ था। जब 236 ईसा पूर्व में अशोक का तीस साल के एक शक्तिशाली शासनकाल के बाद उनका राजदंड हो गया था जो […]

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हैदराबाद संग्राम काल में आर्य समाज द्वारा किया प्रखर आंदोलन

– (स्व. वसंत ब. पोतदार) #HyderabadLiberationDay #Aryasamaj_struggle_in_Hyderabad [आज हैदराबाद का ओवैसी मुस्लिम अधिकारों को लेकर संसद से लेकर सड़क पर शोर मचाता फिरता हैं। इतिहास उठाकर देखिये ओवैसी के पिता और उसके सहयोगियों द्वारा चलाई जाने वाली मजलिस नामक संस्था निज़ाम द्वारा संरक्षित रजाकारों की फौज के साथ मिलकर हिन्दुओं पर कैसे कैसे अत्याचार करती […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या कभी कोहिनूर हीरा वापस भी लाया जा सकता है ?

दीपक वर्मा कोहिनूर हीरा तो अभी ब्रिटेन में हैं मगर उसपर दावा भारत के साथ-साथ पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान भी करते हैं। दुनिया का सबसे मशहूर हीरा ब्रिटेन पहुंचने से पहले भारत के कई शाही खानदानों से होकर गुजरा। मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक, कोहिनूर जिसके हाथ लगा उसके लिए बदकिस्‍मती ही लेकर आया। इसे पाने […]

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इतिहास के पन्नों से

राजभाषा हिंदी और पंडित नेहरू

आज हम स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं। हमारी राज-भाषा हिंदी है, हिंदीभाषी विश्व में सबसे अधिक हैं। अंग्रेजी को ब्रिटेन के लगभग दो करोड़ लोग मातृभाषा के रूप में प्रयोग करते हैं, जबकि हिंदी को भारत में उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे प्रांतों में लगभग साठ- पैंसठ करोड़ लोग अपनी मातृभाषा के रूप में प्रयोग करते हैं। हिंदी संपर्क भाषा के रूप में […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्रांतिकारी मैना कुमारी और बिना खड़ग बिना ढाल का काला सच

उगता भारत ब्यूरो 11 सितम्बर 1857 आज का ही दिन था जब…बिठूर में एक पेड़ से बंधी 13 वर्ष की लड़की को, ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले किया, धूँ धूँ कर जलती वो लड़की, उफ़ तक न बोली और जिंदा लाश की तरह जलती हुई, राख में तब्दील हो गई। ये लड़की […]

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