उगता भारत ब्यूरो 1949 में श्रीनगर के लाल चौक पर शेख अब्दुल्ला और जवाहरलाल नेहरू। (एक्सप्रेस आर्काइव) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ‘कश्मीर संकट’ के लिए जिम्मेदार ठहराया। इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में एक रैली को संबोधित करते हुए नेहरू […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
लाल किले पर लड़ा गया मुकदमा, जिसने अंग्रेजों की कब्र खोद दी अभय शर्मा लाल किले में उस दिन अदालत बुलाई गई थी। आजाद हिन्द फौज के तीन अफसरों पर मुक़दमा चल रहा था। मुकदमा जिसका हासिल सबको पता था. इन तीन अफसरों और फांसी के बीच खड़ा था एक वकील । जिसकी तबीयत नासाज […]
इंसान का चरित्र क्या होता है इसका एक सुंदर उदारहण आपको बताता हूँ। अल्लाउद्दीन खिलजी से बागी होकर मोहम्मद शाह नाम का एक मंगोल सैनिक ,रणथम्भौर के शासक हम्मीरदेव के पास शरण लेता। इसबात से नाराज खिलजी रणथम्भौर पर हमला करता है व किले पर घेरा डालता है जो कई महीनों तक चलता है। निराश […]
उगता भारत ब्यूरो कहा जाता है कि महाकाल मंदिर का निर्माण द्वापर युग से भी पहले हुआ था । कई पौराणिक और काव्य कथाओं में महाकाल मंदिर का उल्लेख मिलता है। इतिहास बताता है कि महाकाल मंदिर पर कई बार आक्रमण हुआ। 11वीं सदी में इल्तुतमिश ने मंदिर को नष्ट कर दिया था. बाद में […]
नितेश कुमार लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत के लिए उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने लाखों लोगों को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा दी। लोकतांत्रिक आदर्शों के […]
स्वामी भीष्म जी यूँ तो कभी किसी बारात-विवाह आदि में नहीं जाते थे मगर एक बहुत बड़े धनाढ्य सेठ जी जो उनका बहुत मान करते थे और उन्हें गुरु जी कहते थे, तो उनके बार-बार कहने पर उनके पुत्र के विवाह में बारात में मेरठ जाने के लिए तैयार हो गए । उस जमाने में […]
आचार्य डा. राधे श्याम द्विवेदी पुण्डरीकाक्ष का शाब्दिक विवेचना :- पुण्डरीकाक्ष का सामान्य अर्थ होता है -” जिसकी अक्ष रूपी इंद्रियां पुंडरीक बन गयी हों”। एक प्रकार की विशिष्टता को ही पुंडरीक कहा जाता है। सामान्य को कण्डरीक कहा जाता है और कण्डरीक का विपरीतार्थक पुण्डरीक होता है। संस्कृत में पुण्डरीकाक्ष का अर्थ “श्वेत पद्म […]
——- #विजयमनोहरतिवारी सन् 1235…तीन सौ सालों से इस इलाके पर परमार राजवंश के राजाओं की हुकूमत है। राजा भोज ने परमारों के वैभव में चार चांद लगा दिए थे। उनके बाद उदयादित्य और नरवर्मन जैसे सम्राटों ने भी भोज की शानदार परंपराओं को जारी रखा था। आसमान को चूमने वाले बेमिसाल मंदिर इन शहरों में […]
😥 वो समयकाल था ईसा के बाद की ग्यारहवीं सदी। भारत की अपनी पश्चिमोत्तर सीमा पर अभी-अभी ही राजा जयपाल की पराजय हुई थी। इस पराजय के तुरंत पश्चात का अफगानिस्तान के एक शहर गजनी का एक बाजार का दृश्य… ऊंचे से एक चबूतरे पर खड़ी कम उम्र की सैकड़ों हिन्दू स्त्रियों की भीड़ जिनके […]
आज 10 अक्टूबर का दिन है। आज के ही दिन 1946 में अविभाजित बंगाल के नोआखाली में 80% मुस्लिम बहुल जनसंख्या वाले प्रान्त में 20 % हिन्दू अल्पसंख्यक जनसंख्या पर मजहबी कहर बरपाना आरम्भ किया था। हिन्दुओं की घर संपत्ति लूट ली गई। हज़ारों की संख्या में उन्हें मार डाला गया। महिलाओं की इज्जत लूटी […]