इतिहासकार डॉ गोपीनाथ शर्मा का मत इसी संदर्भ में इतिहासकार डा.गोपीनाथ शर्मा अपनी पुस्तक “राजस्थान का इतिहास” के पृष्ठ 233-34 पर लिखते हैं कि- “विपत्ति काल के संबंध में एक जनश्रुति और प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि जब महाराणा के पास सम्पत्ति का अभाव हो गया तो उसने देश छोड़कर रेगिस्तानी भाग में जाकर रहने […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
भामाशाह के दान का सच महाराणा वंश के इतिहास के साथ भामाशाह का नाम बड़े सम्मान के साथ जुड़ा है। जनसामान्य में धारणा है कि महान व्यक्तित्व के स्वामी भामाशाह ने जब महाराणा प्रताप के पास कुछ भी नहीं रहा था, तब उन्हें अपना सारा खजाना देकर उनकी आर्थिक सहायता की थी। आइए , इस […]
दलित उत्थान का प्रेरणादायक संस्मरण #डॉविवेकआर्य 1920 के दशक में स्वामी श्रद्धानन्द ने दलितोद्धार का संकल्प लिया। उस काल में दलित कहलाने वाली जनजातियों को सार्वजानिक कुओं से पानी भरने की अनुमति नहीं थी। इस अत्याचार के विरुद्ध आर्यसमाज के शीर्घ नेता स्वामी श्रद्धानन्द ने आंदोलन चलाया। उन्होंने पहले महात्मा गाँधी और कांग्रेस से दलितों […]
हल्दीघाटी युद्ध के रोमांचकारी दृश्य जब हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा जा रहा था तो उस समय महाराणा प्रताप की सेना के महानायक रामशाह का युद्ध कौशल शत्रु को बहुत ही दुखी करने वाला था। महाराणा प्रताप के प्रति अपनी निष्ठा को व्यक्त करते हुए उस देशभक्त सेनानायक ने युद्ध क्षेत्र को शत्रुओं से खाली कर […]
#डॉविवेकआर्य वीर शिवाजी के पुत्र वीर शम्भा जी का जन्म 14 मई 1657 को हुआ था। आप वीर शिवाजी के साथ अल्पायु में औरंगजेब की कैद में आगरे के किले में बंद भी रहे थे। आपने 11 मार्च 1689 को वीरगति प्राप्त की थी। इस लेख में वीर शम्भाजी जी के उस महान और प्रेरणादायक […]
जीवन का मोह छोड़कर लड़े हिंदू वीर हिंदू वीर योद्धा अपने इतिहास के महानायक महाराणा प्रताप के नेतृत्व में अपने प्राणों का मोह छोड़कर देश के लिए लड़ रहे थे। श्री केशव कुमार ठाकुर ने अपनी पुस्तक ‘भारत की प्रसिद्ध लड़ाइयां’ के पृष्ठ 277 पर लिखा है कि :- “जीवन का मोह छोड़कर राणा की […]
हल्दीघाटी के विजेता महाराणा प्रताप पूर्व में हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की मुट्ठी भर सेना ने ही मुगलों की विशाल सेना के पैर उखाड़ दिए थे। महाराणा प्रताप की सेना में सम्मिलित भीलों ने उस समय भारी – भारी पत्थरों के टुकड़े एकत्र कर ऊंचाई पर […]
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस अवसर पर हम अपने देश की अनेक महान नारियों को स्मरण कर रहे हैं। हम यहां पर वैदिक काल की अपाला ,घोषाल ,मदालसा ,अनुसूया आदि के बारे में बात न करके भारत के पिछले 1200 – 1300 वर्ष के इतिहास के कालखंड पर विचार करें तो हमें पता चलता […]
आर्य सागर खारी🖋️ अनादि काल से भारत माता वीरों की जननि रही है | यह एक काव्यात्मक अलंकारिक कथन है निसंदेह भारत मां वीरों को पैदा करती है लेकिन वीरों को जनने का यह पवित्र महान कार्य भारत माता अपनी पुत्रियों को सौंप देती है | ब्रिटिश साम्राज्यवादी भारत में ऐसी ही भारत माता की […]
इस शीर्षक को पढ़ कर आप अवश्य चौकेंगे, लेकिन सत्ता पिपासा के लिए जवाहरलाल नेहरू के ये कुछ व्यक्तिगत रहस्य भी जानने से यह स्पष्ट होता है कि स्वतंत्रता के उपरान्त भी भारत क्यों अपने गौरव को पुन: स्थापित न कर सका __ विनोद कुमार सर्वोदय श्री नरेन्द्र सिंह जी जो ‘सरीला’ रियासत (टीकमगढ़ के […]