आज राम नवमी का पर्व है। इस ऐतिहासिक पर्व की आप सबके लिए हार्दिक शुभकामनाएं। संपूर्ण भूमंडलवासियों के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है। क्योंकि इस दिन संपूर्ण भूमंडल से राक्षसवृत्तियों का विनाश करके अपने जीवन को आदर्श बनाने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था। संपूर्ण मंडल के संताप निवारक श्रीराम […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
महाराणा राज सिंह का औरंगजेब को पत्र महाराणा राज सिंह अपने समय में वैदिक हिंदू धर्म के रक्षक के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने हर उस असहाय भारतवासी की आवाज बनने का प्रयास किया जो उस समय क्रूर मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचारों का शिकार हो रहा था। अपने देश, धर्म व संस्कृति […]
महाराणा राज सिंह का राज्य विस्तार महाराणा ने टोडा, मालपुरा, टोंक, चाकसू, लालसोट को लूटा और मेवाड़ के खोये हुए भागों पर पुनः अधिकार कर लिया। जब इस प्रकार की सूचनाएं मुगल दरबार में पहुंची तो चित्तौड़ के विरुद्ध वहां पर फिर साजिश रची जाने लगी। वास्तव में महाराणा राज सिंह अपने खोए हुए राज्य […]
महाराणा राज सिंह के शासनकाल में मेवाड़ ने फिर अपने उत्थान और उत्कर्ष की ओर बढ़ना आरंभ किया। इनके शासनकाल के प्रारम्भिक 6 वर्षों में दिल्ली पर मुगल शासक शाहजहां का शासन था, जबकि उसके पश्चात के शेष शासनकाल में औरंगजेब का शासन रहा। महाराणा राजसिंह ने औरंगजेब जैसे क्रूर बादशाह मुगल शासक से लोहा […]
बप्पा रावल– अरबो, तुर्को को कई हराया ओर हिन्दू धरम रक्षक की उपाधि धारण की भीम देव सोलंकी द्वितीय – मोहम्मद गौरी को 1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे बंधी बनाये रखा पृथ्वीराज चौहान – गौरी को 16 बार हराया और और गोरी बार बार कुरान की कसम खा कर छूट जाता […]
महाराणा कर्ण सिंह और महाराणा जगत सिंह प्रथम महाराणा अमर सिंह की मृत्यु के पश्चात 26 जनवरी 1620 ई0 को उनके पुत्र महाराणा कर्ण सिंह ने मेवाड़ का सत्ता भार संभाला। महाराणा कर्ण सिंह का जन्म 7 जनवरी 1584 ई0 को हुआ था। हम पूर्व में ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि महाराणा अमर […]
जिन्होंने देश में आपातकाल लगाया, उस परिवार के वारिस लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे हैं सुमित राठौर मजेदार बात यह है कि लोकतंत्र की रक्षा की बात गांधी खानदान के वे वारिस कर रहे हैं, जिन्होंने भारत के लोकतंत्र को कई बार कुचलने का काम किया। इतिहास के कुछ पन्ने पलटते हैं तो कुछ […]
गांधीजी और डॉक्टर अम्बेडकर दोनों ही भारतीय इतिहास के महानायक हैं। इसके उपरांत भी इन दोनों में किन्हीं खास मुद्दों को लेकर गंभीर मतभेद थे। गांधीजी जहां कई मुद्दों पर तुष्टीकरण के खेल में लगे रहे या गोलमोल बात कह कर मुद्दों को टरकाते रहे या मुस्लिम लीग और अंग्रेजों का अनेक मुद्दों पर समर्थन […]
मेवाड़ पर फिर चढ़ आई मुगल सेना जहांगीर ने महावत ख़ां को यह सोचकर मेवाड़ भेजा था कि यदि वह मेवाड़ में जाकर हिंदुओं से युद्ध करते हुए मारा जाता है तो एक काफिर ही काफिर के हाथों मर जाएगा। इसके साथ ही वह यह भी देखना चाहता था कि महावत खान की उसके प्रति […]
महाराणा अमर सिंह की महानता महाराणा प्रताप के ज्येष्ठ पुत्र महाराणा अमरसिंह का जन्म 16 मार्च 1559 को हुआ था। अपने पिता की ही भांति देश भक्ति के भाव उनके भीतर भी कूट-कूट कर भरे हुए थे। यद्यपि इतिहास में महाराणा अमर सिंह को महाराणा प्रताप की अपेक्षा कम करके ही स्थान प्रदान किया गया […]