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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महाड़ सत्याग्रह और बाबासाहेब आंबेडकर

सामाजिक क्रांति के इतिहास में के डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विलायत से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उच्च डिग्री प्राप्त करने के बाद बाबा साहब आम्बेडकर 1917 में भारत आये। अपने करार के अनुसार कुछ समय उन्होने बड़ौदा रियासत में अर्थ मंत्री के रूप में कार्य किया। लेकिन […]

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वास्को दी गामा: एक खोजी नाविक अथवा एक ईसाई समुद्री डाकू

#डॉविवेकआर्य हमारे देश में पढ़ाई जाने वाली किसी भी इतिहास पुस्तक को उठाकर देखिये। वास्को दी गामा को भारत की खोज करने का श्रेय देते हुए इतिहासकार उसके गुणगान करते दिखेंगे। उस काल में जब यूरोप से भारत के मध्य व्यापार केवल अरब के माध्यम से होता था। उस पर अरबवासियों का प्रभुत्व था। भारतीय […]

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गोवा का कुख्यात ‘हाथ कटारो खंभ’

#डॉविवेकआर्य यह चित्र देख रहे है आप। यह का गोवा का कुख्यात ‘हाथ कटारो खंभ’। आपने कभी नहीं सुना होगा। इस खंभ का नाम हाथ कटारो इसलिए पड़ा क्योंकि संत? नाम से जाने जाने वाले फ्रांसिस जेवियर यहाँ लाकर उन हिन्दुओं को बाँध देता था जो ईसाई बनने से मना कर देते थे। उन्हें तड़पा […]

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ईसाइयत से लोगों को बचाने की ऋषि दयानन्द की आर्यों को प्रेरणा

सत्यार्थ प्रकाश के 13वें समुल्लास में एक स्थान पर ऋषि दयानन्द ने लिखा है – “यह भी विदित हुआ कि ईसा ने मनुष्यों के फसाने के लिये एक मत चलाया है कि जाल में मच्छी के समान मनुष्यों को स्वमत में फसाकर अपना प्रयोजन साधें । जब ईसा ही ऐसा था, तो आजकल के पादरी […]

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सनातन शब्द की व्याख्या

================ पंडित गंगा प्रसाद उपाध्याय ‘सनातन’ शब्द का अर्थ है ‘सदा एक सा रहने वाला’। इसीलिये ईश्वर को भी ‘सनातन’ कहते हैं। सनातन धर्म का अर्थ है वह धर्म या नियम जो कभी बदलें नहीं, सदा एक से रहे। अथर्ववेद में ‘सनातन’ शब्द का यह अर्थ किया गया है :- “सनातनमेनमाहुरताद्य स्यात् पुनर्गवः । अहो […]

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महामानव कान्हा रावत जिन्होंने क्रूर औरंगजेब से सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था.

धर्म बलिदानी कान्हा रावत का जन्म दिल्ली से 60 मील बहीन गाँव में चौधरी बीरबल के घर माता लाल देवी की कोख से संवत 1697 (सन 1640) में हुआ. वह समय भारत में मुग़ल साम्राज्य के वैभव का था. हर तरफ मुल्ले मौलवियों की तूती बोलती थी. औरंगजेब ने 9अप्रेल 1669 को फरमान जारी किया- […]

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केजी बालकृष्ण आयोग: बाबासाहेब के दृष्टिकोण लागू करने का दायित्व 

 एक गोंडी मुहावरा है – बुच्च बुच्च आयाना कव्वीते पालकी रेंगिना अर्थात आगे आगे होना किंतु अपने मूल विषय पर कुछ भी ध्यान न देना। रंगनाथ मिश्र आयोग के संदर्भ में यह गोंडी कहावत सटीक लगती है। रंगनाथ मिश्र आयोग के बाद मोदी सरकार द्वारा केजी बालकृष्ण आयोग का गठन आरक्षण के दुरुपयोग को जांचने, […]

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भारत के एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्हें पाकिस्तान ने भी अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा था

अनन्या मिश्रा भारतीय राजनीति में उम्मीदवार और दावेदार शब्द के अर्थ बहुत अलग होते हैं। जैसे अगर हम पीएम पद के उम्मीदवार और दावेदारों की बात करें तो इसके लिए कई नाम आगे आएंगे। लेकिन भारतीय राजनीति में एक नाम ऐसा था जो सबसे ज्यादा लंबे समय तक पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बल्कि दावेदार […]

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कुछ स्मरण उनका भी कर लो।*

प्रतिवर्ष वैशाखी का पर्व हमारे उन अनेक वीर वीरांगनाओं, क्रांतिकारियों ,देशभक्तों का स्मरण दिलाता है जिन्होंने देश की स्वाधीनता के लिए अपना प्राण- उत्सर्ग किया था। इसी विषय पर श्री बृजेंद्र सिंह वत्स द्वारा लिखित यह लेख यहां पर प्रस्तुत है – डॉ राकेश कुमार आर्य बृजेन्द्र सिंह वत्स ‌ दिनांक १३ अप्रैल को समग्र […]

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अमरता की ओर बढ़े नेता **

भारतवर्ष में चरित्र निर्माण की एक लंबी परंपरा रही है। चरित्र के आधार पर सामान्य से भी सामान्य व्यक्ति ने भगवान का दर्जा प्राप्त किया है। असल में व्यक्ति का चरित्र सोंपे गए कठिन से कठिन कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायक होता है । वेदों में भी कहा गया है कि धन गया […]

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