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इतिहास के पन्नों से

रामायण में सीता जी की अग्नि परीक्षा

  रामायण महाकाव्य में सीता अग्निपरीक्षा एक विवादित प्रसंग के रूप में जाना जाता है। इस प्रसंग के अनुसार राम द्वारा रावण को युद्ध में हराने के पश्चात लंका में सीता को स्वीकार करने से पहले सीता की अग्निपरीक्षा ली। अग्नि में प्रवेश करने के पश्चात भी सीता का शरीर भस्म नहीं हुआ। इससे सीता […]

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द्रोपदी के पांच नहीं एक पति था

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जम्बूद्वीप – आर्यावर्त – भारतवर्ष – भारत या फिर अंग्रेजों का इंडिया…..क्या है इतिहास

इतिहास हमेशा विजित द्वारा लिखा जाता है और वह इतिहास नहीं विजित की गाथा होती है। भारत के साथ भी यही हुआ है पहले इस्लामिक आक्रमण और 800 वर्षों शासन और फिर अंग्रेज़ो के 200 वर्ष तक के शासन ने इस देश के इतिहास लेखन को इस तरह से प्रभावित किया कि आज भी लोगों […]

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उज्जैन और परमार वंश के बारे में कुछ जानकारी

महान सामाजिक कार्यकर्त्ता व धार्मिक प्रवृत्ति के धनी श्रद्धेय पिता श्री महाशय राजेंद्र सिंह आर्य का स्वर्गारोहण दिनांक 13 सितंबर में १९९१ को हुआ तो हम उनके अस्थि विसर्जन करने के लिए अपने गांव महावड़ से पूरी एक बस लेकर के हरिद्वार गए थे । जिसमें हमारे सभी परिजन , मित्र -संबंधी, गांव की कुछ […]

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पेरियार और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

  प्रस्तुति : ज्ञान प्रकाश वैदिक पेरियार और अम्बेडकर एक चुम्बक के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की तरह हैं जिन्हे कभी भी एक साथ नहीं रखा जा सकता। वे अम्बेडकरवादी जिन्होंने ना तो आदरणीय अम्बेडकर जी को पढ़ा है और ना ही कभी विचार किया है जबरदस्ती उनके के साथ पेरियार को जोड़ रहे हैं. […]

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रामायण में उत्तरकांड के प्रक्षिप्त होने के प्रमाण

  कौन ऐसा भारतीय है जो रामायण महाकाव्य और रचियता आदि कवि वाल्मीकि से परिचित न हो ? रामायण हम भारतियों के प्राण है। उसकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही व्यवहारिक है जितनी की प्राचीन काल में थी। उसमें जीवन की गहन और गम्भीर समस्यों का सुलझा हुआ स्वरुप दृष्टिगोचर होता है। एक ओर श्री […]

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गुरु तेगबहादुर जी और औरंगजेब

राकेश सैन औरंगजेब की बातें सुनकर श्री गुरु तेगबहादुर ने कहा कि अपने अतिप्रिय हिन्दू धर्म का निषेध हम कैसे करें? यह हमारा धर्म, लोक और परलोक दोनों में सुख देने वाला है। हिन्दू धर्म के समान कोई दूसरा धर्म नहीं दिखाई देता। ये वैसा ही दु:साहस था जैसे नरभक्षी को धर्मोपदेश देना या आज […]

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आर्य कौन है और इनका मूल स्थान कौन सा है ?

========== मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को ग्रहण करने से बनता है। विश्व में अनेक मत, सम्प्रदाय आदि हैं। इन मतों के अनुयायी ईसाई, मुसलमान, हिन्दू, आर्य, बौद्ध, जैन, सिख, यहूदी आदि अनेक नामों से जाने जाते हैं। मनुष्य जाति को अंग्रेजी में भ्नउंद कहा जाता है। यह जितने मत व सम्प्रदायों के लोग […]

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जब नेताजी सुभाष को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया था गांधी ने और चुन लिया था डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को : लोगों ने की थी डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ धक्का-मुक्की

1938 में हरिपुरा अधिवेशन के वार्षिक अधिवेशन के लिए सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था । हरिपुरा में कांग्रेस अधिवेशन के समय सुभाष बोस ने जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना की जिसके सदस्यों में बिङला,लाला श्रीराम, विश्वरैया शामिल थे। 1939 के त्रिपुरी कांग्रेस के वार्षिक […]

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रामजन्म रामनवमी 2 अप्रैल पर विशेष : राम का वनगमन से पूर्व अपने पिता दशरथ व माता से प्रशंसनीय संवाद

ओ३म् ========== राम को हमारे पौराणिक बन्धु ईश्वर मानकर उनकी मूर्तियों की पूजा अर्थात् उनको सिर नवाते हैं और यत्रतत्र समय-समय पर राम चरित मानस का पाठ भी आयोजित किया जाता है। वाल्मीकि रामायण ही राम के जीवन पर आद्य महाकाव्य एवं इतिहास होने सहित प्रामाणिक ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में परवर्ती काल में अनेक […]

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