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स्वर्णिम इतिहास

……जिन के बिना भारत अधूरा है

  610 ई0 में इस्लाम की स्थापना पैगंबर मोहम्मद साहब द्वारा की गई । इसके कुछ समय पश्चात ही इस्लाम के आक्रमणकारियों के भारत पर आक्रमण आरंभ हो गए ।638 ई0 से 712ई0 तक के 73वर्ष के कालखंड में 9 खलीफाओं ने 15 आक्रमण भारतवर्ष पर किए । यद्यपि यह सारे आक्रमण बहुत ही कम […]

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आओ कुछ जाने स्वर्णिम इतिहास

भारत के इतिहास के विषय में कितना प्रामाणिक है यूरोपियन लेखन

-प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भारत के इतिहास के विषय में 15 अगस्त 1947 ईस्वी के बाद सरकार द्वारा नियंत्रित शिक्षण संस्थाओं में केवल उसे ही प्रामाणिक तथ्य की तरह प्रस्तुत किया गया जो यूरोपीय लेखकों ने लिखा। महत्वपूर्ण यह है कि किसी भी यूरोपीय देश में उनका इतिहास इस आधार पर एक शब्द भी नहीं […]

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स्वर्णिम इतिहास

प्राचीन भारत में ज्योतिष विज्ञान

1000 वर्ष पूर्व और 1000 वर्ष बाद कौन सी तारीख को , कितने बज कर कितने बजे तक ( घड़ी , पल , विपल ) कैसा सूर्यग्रहण या चन्द्र ग्रहण लगेगा या होगा , यह हमारा ज्योतिष विज्ञान बिना किसी अरबों खरबों का संयत्र उपयोग में लाये हुए बता देता है ! क्या कभी नोटिस […]

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इतिहास के पन्नों से

श्रमिक हित को समर्पित रमण भाई शाह

31 दिसम्बर/जन्म-तिथि   श्रमिकों के हित के लिए प्रदर्शन और आन्दोलन तो कई लोग करते हैं; पर ऐसे व्यक्तित्व कम ही हैं, जिन्होंने इस हेतु अच्छे वेतन और सुख सुविधाओं वाली नौकरी ही छोड़ दी। रमण भाई शाह ऐसी ही एक महान विभूति थे। रमण भाई का जन्म पुणे के पास ग्राम तलेगाँव दाभाड़े में […]

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इतिहास के पन्नों से

संघ प्रवाह के समग्र साक्ष्य

प्रवीण गुगनानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रथम सरसंघचालक से लेकर अब तक के सभी यानि छहों संघ प्रमुखों के साथ जिन्होंने न केवल कार्य किया हो अपितु जीवंत संपर्क व तादात्म्य भी रखा हो ऐसे स्वयंसेवक संभवतः दो-पाँच भी नहीं होंगे। आदरणीय माधव गोविंद वैद्य ऐसे ही सौभाग्यशाली स्वयंसेवक थे। उनके देहांत पर अपने […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

समय सापेक्षता का सिद्धांत और भारतीय मनीषी

सापेक्षता का सिद्धांत और भारतीय मनीषि… हम न्यूटन को जानते हैं, स्वामी ज्येष्ठदेव को नहीं.. 👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻ये दो लेख एकसाथ संग्रहित कर रहा हूँ, भारतीय मनीषी नामक शीर्षक से.. भारतीय मनीषी =============== विश्व भर में कुछ वर्ष पहले अल्बर्ट आइंस्टीन की General Theory of Relativity (GTR) की सौंवी वर्षगांठ मनाई गई. इस सन्दर्भ में 25 नवम्बर […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

भारतीय गणित की प्राचीनता, ऐतिहासिकता और विशेषताएं

कुमार गंधर्व मिश्रा ( लेखक गणित के शोधार्थी हैं) ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि सभ्यताओं के विकास और विस्तार में गणित ने भी अमूर्त रूप से भूमिका निभाई है, वास्तव में किसी सभ्यता के विकास का अंदाजा वहां पर पनपी गणितीय संस्कृति से भी लगाया जा सकता है। लगभग 3000 ई. पू. की सिंधु […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू धर्म रक्षक महाराजा सूरजमल के बलिदान की अमर गाथा

  “दिल्ली के बादशाह नवाब नजीबुद्दौला के दरबार में एक सुखपाल नाम का ब्राह्मण काम करता था। एक दिन उसकी लड़की अपने पिता को खाना देने महल में चली गयी। मुग़ल बादशाह उसके रूप पर मोहित हो गया। और ब्राह्मण से अपनी लड़की कि शादी उससे करने को कहा और बदले में उसको जागीरदार बनाने […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी के उस अन्याय को नहीं देख पाए थे पंडित मदन मोहन मालवीय

असहयोग आंदोलन वापस लेने के साथ ही गाँधीजी ने 200 लोगों को अंग्रेजों के हाथों क्रूर मौत के लिए छोड़ दिया था। फिर उन्हें बचाने के लिए एक ऐसा व्यक्ति सामने आया, जिसने वकालत कब की छोड़ दी थी। चौरी चौरा कांड के बारे में सभी को पढ़ाया जाता है। ये जगह गोरखपुर में देवरिया […]

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आओ कुछ जाने स्वर्णिम इतिहास

प्राचीन काल में विष के चिकित्सक रहे हैं ऋषि कश्यप

  प्रस्तुति:- राकेश कुमार आर्य (बागपत) एक बार राजा परीक्षित आखेट हेतु वन में गये। वन्य पशुओं के पीछे दौडऩे के कारण वे प्यास से व्याकुल हो गये तथा जलाशय की खोज में इधर उधर घूमते घूमते वे शमीक ऋषि के आश्रम में पहुँच गये। वहाँ पर शमीक ऋषि नेत्र बंद किये हुये तथा शान्तभाव […]

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