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इतिहास के पन्नों से

फ्रांस के खुफिया दस्तावेज और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत का सच!

विनय सुल्तान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत इतिहास की सबसे उलझाऊ गुत्थियों में से एक है. इतिहास के इस एक वाकये पर इतनी सारी कॉन्स्पिरेसी थ्योरी हैं कि कोई एक सिरा पकड़ पाना मुश्किल है. अक्सर नए-नए दावे आते रहते हैं. अब एक फ्रेंच इतिहासकार ने दावा किया है कि नेताजी जहाज दुर्घटना में […]

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इतिहास के पन्नों से

बाबू वीर कुंवर सिंह का राष्ट्रवादी नायकत्व

13 नवम्बर, बाबू वीर कुँवर सिंह की जयंती पर विशेष पावन त्याग और अतुलित बलिदान की यशोभूमि का नाम है  भारत वर्ष। शिशु अजय सिंह के बलिदान, साहिबजादा जोरावर सिंह व साहिबजादा फतेह सिंह का प्राणोत्सर्ग, शिशु ध्रुव के तप, शिशु प्रह्लाद की भक्ति, शिशु कृष्ण की बाललीला और वयोवृद्ध फौलादी बाबू वीर कुँवर सिंह […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया : अध्याय -10 रामायण , महाभारत और गांधीजी

  रामायण , महाभारत और गांधीजी हमारे देश के इतिहास में विकृतिकरण से अधिक इतिहास का विलोपीकरण किया गया है । इतिहास के विलोपीकरण की यह षड़यंत्रकारी योजना जानबूझकर यूरोपियन देशों के इतिहास लेखकों , मुस्लिम इतिहास लेखकों के साथ-साथ कम्युनिस्ट विचारधारा के लेखकों ने बनायी है । विलोपीकरण की इस प्रक्रिया को पूरा करने […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू धर्म छोड़ने के 21 वर्ष पश्चात ही क्यों बने थे बौद्ध डॉक्टर अंबेडकर

  डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 1935 में हिंदू धर्म छोड़ दिया था. लेकिन 21 साल बाद उन्होंने क्यों बौद्ध धर्म को अपनाया. आखिर उन्हें ये फैसला करने में इतने साल कैसे लग गए.   बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने सन 1956 में 14 अक्तूबर को हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया था भवेश […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू और हरि सिंह का वह पत्राचार जो बताता है कि कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के पीछे क्या थी रणनीति

पीयूष बबेले 1958 में जवाहर लाल नेहरू । ‘हम यह मामला संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा समिति के सामने प्रस्तुत करेंगे. उसके बाद सुरक्षा समिति शायद अपना एक कमीशन भारत भेजेगी. अलबत्ता, इस बीच हम आज की तरह (कश्मीर में) अपनी सैन्य कार्रवाई को जारी ही रखेंगे. बेशक इन कार्रवाइयों को हम अधिक जोरों से […]

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इतिहास के पन्नों से

जब महात्मा गांधी ने अपने बेटे मणिलाल से पूछा था : फातिमा से भी वह अधर्म है, तुम्हारे बच्चों का धर्म क्या होगा?

  तनिष्क के विवादित वीडियो ने लव-जिहाद, हिन्दू-मुस्लिम विवाह, इनके पीछे छुपे नैरेटिव आदि विषयों को बहस का विषय बना दिया। ऐसा शायद ही कभी हुआ हो कि देश के विचारकों ने किसी भी बहस के बीच महात्मा गाँधी का जिक्र न किया हो। इसी कड़ी में सेक्स और टीनएज कॉलेज रोमांस की फिक्शन कथाएँ लिखने वाले चेतन भगत […]

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इतिहास के पन्नों से

जब मनाया गया था बंग भंग के विरोध में अद्भुत रक्षाबंधन

16 अक्तूबर/इतिहास-स्मृति   भारतीय स्वतन्त्रता के इतिहास में बंग भंग विरोधी आन्दोलन का बहुत महत्व है। इसमें न केवल बंगाल, अपितु पूरे भारत के देशभक्त नागरिकों ने एकजुट होकर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर कर दिया था। उन दिनों देश के मुसलमान भी हिन्दुओं के साथ मिलकर स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे। अंग्रेज […]

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इतिहास के पन्नों से

‘पाकिस्तान’ की नींव बंगाल में ही पड़ी थी

शुशोभित 16 अगस्त, 1946 यानी भारत की स्वतंत्रता से ठीक एक साल पहले कलकत्ते में पहला दंगा भड़का और बंगाल के गांवों तक फैल गया. दंगों को मुस्लिम लीग द्वारा जानबूझकर भड़काया गया था. भारत के मजहबी बंटवारे की चर्चा के बीच मैं आपको बंगाल की ‘कलंक-कथा’ सुनाता हूं. वर्ष 1927 में मुस्लिम लीग के […]

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इतिहास के पन्नों से राजनीति संपादकीय

आचार्य चाणक्य की छः सूत्रीय विदेश नीति और मोदी सरकार

  ”अपनी नीति तो अपनाओ, लेकिन शत्रु की युद्ध नीति को समझना भी उतना ही आवश्यक है। युद्ध में अपने शत्रु की भान्ति सोचना भी आवश्यक है। जो भी नीति हो, उसे गुप्त रखो। उसे केवल अपने कुछ विश्वासपात्र सहयोगियों को बताओ। अच्छे के लिए सोचो, पर बुरे से बुरे के लिए भी उद्यत रहो।” […]

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इतिहास के पन्नों से

जोगेंद्र नाथ मंडल की एक गलती, लाखों हिंदुओं का नरसंहार और धर्म परिवर्तन का कारण बनी

अभिषेक सिंह राव भारत विभाजन अपने आप में असंख्य किस्से-कहानियां समेटे हुए है. बंटवारें के लिए जिन्ना की ज़िद हो या सत्ता के लिए नेहरू की जद्दोजहद, सबकी अपनी-अपनी कहानियां हैं और इन कहानियों में कुछ ऐसी भी हैं कि 70 साल बाद भी नए-नए किस्से-किरदार निकल आते हैं।कुछ किस्से ऐसे हैं कि उन्हें जितना […]

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