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इतिहास के पन्नों से

क्षत्रिय – राजपूतों के गोत्र और उनकी वंशावली

“दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण, चार हुतासन सों भये कुल छत्तिस वंश प्रमाण, भौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमान, चौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण.”क्षत्रिय- राजपूत के गोत्र और उनकी वंशावलीअर्थ: – दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय, बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तीस क्षत्रिय वंशों […]

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गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर राजपूतों का बेतुका विरोध

इस समय दादरी में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर गुर्जर और राजपूत जाति के लोग आमने-सामने हैं । गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को राजपूत जाति के कुछ लोग राजपूत वंशी मानकर उन पर अपना अधिकार जता रहे हैं। जबकि दशकों से विद्यालयों / कॉलेजों में निर्धारित पाठ्यक्रम में गुर्जर सम्राट […]

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लाला लाजपत राय और खिलाफत आंदोलन

लाला लाजपत राय भारतीय मुस्लिम आंदोलन ‘खिलाफत औऱ ‘स्वतंत्रता संग्राम’ दोनों की विख्यात नेता थे।उन्हें भारत में ब्रिटिश राज्य से इतनी घृणा थी कि सन १९२१ में उन्होंने अपने एक भाषण में यह तक कह डाला था कि- “किसी भी दूसरी कौम गुलामी से हिन्दुओ को मुसलमानों की गुलामी करना श्रेयस्कर होगी।” -(पी.सी.बैंमफोर्ड:हिस्ट्रीज ऑफ खिलाफत […]

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कितना उचित है गुर्जर व राजपूतों का राजाओं की जातियां निर्धारित करने का विवाद ?

आजकल राजपूत और गुर्जरों में एक अनावश्यक विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि कौन राजा किस जाति का है? अमुक राजा गुर्जर जाति का है अथवा राजपूत जाति का है? जैसे पृथ्वीराज चौहान, अनंग पाल तँवर, सम्राट मिहिर भोज आदि राजाओं को लेकर यह विवाद अधिक गहराता जा रहा है। इसको लेकर दोनों […]

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मातृभूमि_प्रेम_सर्वोपरि_जानिए_महाबलिदानी माता_पन्नाधाय_का_सम्पूर्ण_इतिहास

महाबलिदानी माता पन्नाधाय का जन्म चित्तौड़गढ़ के निकट माताजी की पांडोली नामक गांव में हुआ.. इनके पिता का नाम हरचंद सांखला था.. पन्नाधाय का विवाह आमेट के निकट स्थित कमेरी गांव में रहने वाले सूरजमल चौहान से हुआ…|| 1527 ई. में खानवा के युद्ध के बाद 1528 ई. में महाराणा सांगा का स्वर्गवास हो गया.. […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मालदेव राठौड़ और शेरशाह सूरी का कपट

राजस्थान के जोधपुर के राजवंश का विशेष महत्व है। इसमें कई ऐसे शासक हुए जिन्होंने अपने महान कार्यों से इतिहास में अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त किया। इन्हीं में से राव मालदेव राठौड़ भी एक रहे हैं। जिनका जीवनकाल 1511 से 1562 ई0 तक माना जाता है। इनके पिता का नाम गांगा था। इनका जन्म 5 […]

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इतिहास के पन्नों से

अमृतसर का है रोमांचकारी और गौरवशाली इतिहास

प्रीटी  अमृतसर स्थित सेंट्रल सिख म्यूजियम में धर्म के विरोध में किए गए सिखों के त्याग और बलिदान को पेंटिंगों के जरिए दर्शाया गया है। इसके साथ ही कुछ प्राचीन सिक्कों, शस्त्रों और हस्तनिर्मित पुस्तकों का भी संकलन इस म्यूजियम में है। अमृतसर पूरे विश्व में स्वर्ण मंदिर के कारण अपनी एक अलग पहचान बनाए […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी का पूरा हाथ था स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे अब्दुलराशिद पर

तारीख 23 दिसंबर 1926 । दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में दोपहर के समय स्वामी श्रद्धानंद अपने घर में आराम कर रहे थे। वो बेहद बीमार थे। तब वहां पहुंचा एक व्यक्ति। नाम अब्दुल रशीद। उसने स्वामी जी से मिलने का समय मांगा। स्वामी जी ने समय दे दिया। वो उनके पास पहुंचा उन्हें प्रणाम […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 9 (ग ) की गई भारत के योद्धाओं की हत्याएं

यही कारण था कि अरब के सैनिक बड़ी नृशंसता और निर्दयता के साथ भारतीय सैनिकों की हत्या करते जा रहे थे। नरसंहार को भी इस्लाम की सेवा मानने वाले इन राक्षसों के लिए सोते हुए सैनिकों की हत्या करना भी आनन्द का विषय बन चुका था। जब नीचतापूर्ण कृत्य आनन्द का विषय बन जाए तब […]

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मराठा शक्ति का पराक्रम और भारत का गौरव

भारतीय इतिहासकार मूलत विदेशी इतिहासकारों और मुग़लों के वेतनभोगी इतिहास लेखकों का अनुसरण करते दीखते हैं। पाठ्य पुस्तकों में हो या मिडिया में हर जगह हिन्दुत्व को नीचा दिखाने की कोशिश होती है. जावेद अख्तर राजपूतों को हारा हुआ राजा बताता है तो मुगलों को अपना अब्बाजान. मनोज मुन्तशिर के मुगलों पर कडवा सच कहने […]

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