कांग्रेस ने अपने हिंदू विरोधी चरित्र और आचरण का परिचय एक बिंदु पर नहीं, अनेकों बिंदुओं पर दिया है । आर्य समाज के महान स्तंभ और हिंदू नेता स्वामी श्रद्धानंद जी जैसे संन्यासियों की हत्या पर जहां कांग्रेस और कांग्रेस के नेता गांधीजी या तो मौन साध गए या ऐसी अशोभनीय भाषा बोलते रहे […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
“यह स्मरण रहे कि पंडित नेहरू कोई अपनी तरह के अकेले चरित्र नहीं थे; न ही नेहरूवाद कोई अपनी तरह की अकेली परिघटना है। जिन समाजों को पराजित होने का दुर्भाग्य सहना पड़ा और कुछ समय पराए शासन में रहना पड़ा, उन सभी समाजों में ऐसे कमजोर दिमाग लोग और दासवत चिंतन प्रक्रिया देखी गई […]
#डॉविवेकआर्य कश्मीर। कभी शैव विचारधारा की पवित्र भूमि कही जाने वाले कश्मीर में आज अजान और आतंकवादियों की गोलियां सुनाई देती हैं। कश्मीर के इस्लामी करण में सबसे पहला नाम बुलबुल शाह का आता है। बुलबुल शाह के बाद दूसरा बड़ा नाम मीर सैय्यद अली हमदानी का आता है। हमदानी कहने को सूफी संत था […]
गाहिरा गुरु पुण्य तिथि 21 नवम्बर_ मध्यप्रदेश के रायगढ़ और सरगुजा जिले में गोंड, कंवर, उरांव, कोरवा, नगेसिया, पंडो आदि वनवासी जातियां वर्षों से रहती हैं। ये स्वयं को घटोत्कच की संतान मानती हैं। मुगल आक्रमण के कारण उन्हें जंगलों में छिपना पड़ा। अतः वे मूल हिन्दू समाज से कट गये। गरीबी तथा अशिक्षा के […]
‘उगता भारत’ ब्यूरो प्राचीन भारत में माप की कई पद्धतियाँ प्रचलित थीं। अत्यंत प्राचीन काल के बटखरों का आनुपातिक संबंध दहाई पद्धति पर था। इसका अनुपात (कुछ अपवादों को छोड़कर) 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64, 160, 320, 640, 1600, 3200, 8000, 128000 का था। इन बाटों की सबसे छोटी इकाई 0.2565 ग्राम सिद्ध […]
भोपाल में बने भारत के सबसे हाईटेक रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन हो गया है, पहले इसका नाम हबीबगंज रेलवे स्टेशन हुआ करता था। आज यह रेलवे स्टेशन किसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी मात देता है। लेकिन हम स्टेशन की भव्यता की नहीं बल्कि उसकी दिव्यता की बात करेंगे, और दिव्यता इस […]
आज हम अपने साथियों को देव दीपावली की हृदय से शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। आज ही सिक्खों के प्रथम गुरु नानक जी का प्रकटउत्सव है। निश्चित रूप से गुरु नानक देव जी पूरे हिंदू समाज के लिए गौरव प्रदान करने वाले हैं। क्योंकि उनके शिष्यों ने आगे चलकर धर्म की रक्षा के लिए अप्रतिम कार्य […]
विवेक भटनागर आखिर प्रकृति में द्रष्टव्य क्या है। इसका अध्ययन कैसे किया जाए और आधुनिक विज्ञान, प्राचीन विज्ञान अर्थात् दर्शन और अध्यात्म में संबंध को कैसे विष्लेषित किया जाए। इसके बारे में हमारी सामान्य जानकारी ही हमारा विज्ञान और अध्यात्म है लेकिन इसका यथार्थ् कुछ और है। भारत में ऋग्वेद से ही सर्वमान्य और सर्वविदित […]
रवि शंकर महात्मा गाँधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के लिए दो ऐसे नाम हैं, जिनके बिना आज कोई भी राजनीतिक चर्चा न तो प्रारंभ होती है और न ही समाप्त। एक देश के राष्ट्रपिता कहे जाते हैं और दूसरे राष्ट्रचाचा। दोनों ही व्यक्तित्वों को लेकर भरपूर विवाद भी समाज में प्रचलित है। समस्या यह […]
रामचंद्र जी के विषय में जानबूझकर यह भ्रांति फैलाने का प्रयास किया गया कि वह एक काल्पनिक ग्रन्थ के काल्पनिक पात्र हैं । ऐसी मान्यता रखने वाले लोगों का कहना है कि रामायण भी अपने आप में एक काल्पनिक महाकाव्य है। जिसे किसी उपन्यास से अधिक कुछ नहीं माना जा सकता। ऐसा भ्रान्तिपूर्ण प्रचार इसलिए […]