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ईश्वर की आत्माओं तथा शरीरों से संबंधित कर्म फल व्यवस्था

ईश्वर ने इस विशाल किन्तु ससीम ब्रह्माण्ड की रचना केवल मानव शरीरधारी आत्माओं के लिए मानव शरीर रुपी साधन से किसी जाने वाले कर्मों के फल के भुगतान के लिए पुनः विभिन्न शरीरों को धारण कराने तथा सुख दुख की अनुभूति के लिए की है।सुख दुख की अनुभूति केवल शरीर रुपी साधन से ही आत्मा […]

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भारत की वर्ण व्यवस्था बनाम जाति व्यवस्था

अमैथुनी सृष्टि में चार ऋषि हुए जिन्होंने ब्रह्मा को ज्ञान दिया तत्पश्चात मैथुनी सृष्टि प्रारंभ हुई और ऋषियों की संतान होने के कारण सर्ग के प्रारंभिक काल में सभी ब्राह्मण थे क्योंकि ऋषियों की संतान थे। जैसे-जैसे ब्राह्मणों को अपनी तथा धर्म की रक्षा करने के लिए आवश्यकता हुई तो उन्होंने कुछ रक्षक (छत्रियां) बना […]

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*अक्ल की नकल के लिए मिला भौतिकी का नोबेल*

लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। आज स्वीडेन में वर्ष 2024 के भौतिक शास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई । जॉन हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को यह पुरस्कार मिला है । यह दोनों वैज्ञानिक वर्ष 1980 से आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहे थे। वैज्ञानिक बिरादरी में इन दोनों को […]

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*जीवन के संदेश वाहकों को समझने के लिए मिला नोबेल पुरस्कार*।

लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ वर्ष 2024 के मेडिसिन / फिजियोलॉजी के क्षेत्र में आज नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई है। विज्ञान जगत के लिए यह एक सुखद खबर है लेकिन भारत के लिए यह निराश करने वाली खबर प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी किसी भारतीय को जीव विज्ञान का नोबेल पुरस्कार […]

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राहुल गांधी ने गोहाना के मातूराम हलवाई की मार्केटिंग क्यों की

मातूराम हलवाई गोहाना का अडानी है, जिससे 2 करोड़ की फिरौती मांगी गई, उसे किसी लोन की क्या जरूरत होगी – राहुल गांधी अडानी / अंबानी से एक दिन पागल हो जाएगा – राहुल गांधी ने गोहाना के मातूराम हलवाई की मार्केटिंग क्यों की जबकि वह तो खुद एक पूरी तरह स्थापित (Established) व्यापारी है […]

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बहुत दर्दनाक सत्य*

* 😱🙏 पुस्तकों में खोजबीन करने पर पता चला कि, ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय’ (BHU) के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय ने 14 फरवरी 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी रुकवाने के लिए लॉर्ड इरविन के समक्ष दया याचिका दायर की थी, साथ ही सजा कम करने के लिए भी कहा था। तब […]

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वसिष्ठ मुनि की उत्पत्ति का आख्यान

डॉ डी के गर्ग वशिष्ठ एक नहीं अनेको है :-पौराणिक ग्रंथो में और उपलब्ध साहित्य के अनुसार वशिष्ठ एक नहीं अनेको है। एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकुवंशी त्रिशुंकी के काल में हुए जिन्हें वशिष्ठ देवराज कहते थे। तीसरे कार्तवीर्य सहस्रबाहु के समय में हुए जिन्हें वशिष्ठ अपव कहते थे। चौथे अयोध्या के […]

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महर्षि दयानन्द का यज्ञ विषयक् वैज्ञानिक पक्ष

लेखक- पं० वीरसेन वेदश्रमी प्रस्तोता- #डॉविवेकआर्य, प्रियांशु सेठ यज्ञ में मन्त्रोच्चारण कर्म के साथ आवश्यक है- महर्षि स्वामी दयानन्द जी ने यज्ञ की एक अत्यन्त लघु पद्धति या विधि हमें प्रदान की जो १० मिनट में पूर्ण हो जावे। उसमें मन्त्र के साथ कर्म और आहुति का योग किया। बिना मन्त्र के यज्ञ का कोई […]

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*आर्य समाज क्या है ?*

आर्य समाज एक क्रन्तिकारी आन्दोलन है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैले विभिन्न-प्रकार के पाखंड, मत-मतान्तर, जाति-पाति, सम्प्रदाय, मूर्ति-पूजा आदि अन्धविश्वास को दूर करने वाला एक विश्वव्यापी आन्दोलन है और इसके प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती हैं । लोगों के मध्य आर्यसमाज के विषय में भ्रान्तियां और समाधान :– आर्यसमाजी ईश्वर को नहीं मानते ? उत्तर:- […]

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भीड़ (भीड़) के पीछे ना चले

(सत्यार्थ प्रकाश से) कोई एक चोरी करता पकड़ा गया था। न्यायाधीश ने उस की नाक काट डालने का दण्ड किया। जब उस की नाक काटी गई तब वह धूर्त्त नाचने गाने और हंसने लगा। लोगों ने पूछा कि तू क्यों हंसता है? उस ने कहा कुछ कहने की बात नहीं है । लोगों ने पूछा-ऐसी […]

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