कल्पना करें कि जब महात्मा गांधी की साजिश का शिकार होकर के 1939 में सुभाष चंद्र बोस को देश छोड़ने के लिए विवश कर दिया गया था। महात्मा गांधी ने तो यहां तक कह दिया था कि जब पट्टाभी सीतारामय्या कांग्रेस के अध्यक्ष पद हार गए ,यह सीतारामय्या की हार नहीं मेरी हार है। जबकि […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
तेरी शान हरजां समाई हूई है, ये दुनिया तुम्हारी बनाई हूई है। शशि में रवि और रवि में भी तुम हो, ये सब चमक तेरी फैलाई हूई है। यहां तू वहां तू इधर तू उधर तू, हर घट पट में ज्योति जगाई हूई है। निकट तू अलग तू तेरा मैं मेरा तू,मगर फिर भी […]
राष्ट्रीय पराक्रम दिवस* 23 जनवरी – नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को “राष्ट्रीय पराक्रम दिवस” के रूप में मनाये जाने की घोषणा करके हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को का बार-बार अभिनंदन। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी सुभाष जी के पराक्रम को स्मरण करने के साथ ही उन हज़ारों भूले-बिसरे क्रान्तिकारियों के […]
योगेश कुमार गोयल सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी का 354वां प्रकाश पर्व पटना में तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब में 20 जनवरी को मनाया जा रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 1667 ई. में पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1723 विक्रम संवत् को पटना […]
अजय कुमार पिक्चर गैलरी का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिमा गान करते हुए कहा कि सावरकर का व्यक्तित्व सभी देशवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस पर कांग्रेस की ओर से कड़ा एतराज जताया गया। किसी राष्ट्र का इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि देश को आजादी दिलाने […]
डॉ. अजय खेमरिया विवेकानंद एक संन्यासी समाजसुधारक तो थे ही वह सच्चे समाज सुधारक और सामाजिक न्याय के अद्वितीय अधिष्ठाता भी थे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि भारत का भविष्य कमजोर जातियों के हाथों में होगा वे अक्सर कहते थे कि मैं पुरातनपंथी और परम्परानिष्ठ हिन्दू नहीं हूँ। स्वामी विवेकानंद को लेकर वामपंथी बुद्धिजीवी […]
ललित गर्ग जवाहरलाल नेहरू के देहावसान के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमन्त्री का पद भार ग्रहण किया तब से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। भारतीय राजनैतिक जीवन […]
स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात कर लिया था यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि –‘यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद को संपूर्णतः पढ़ लीजिये’। नोबेल से सम्मानित फ्रांसीसी लेखक रोमां रोलां ने स्वामी जी […]
11 जनवरी जयंती पर विशेष – ललित गर्ग- भारतीय राजनैतिक जीवन में शुद्धता की, मूल्यों की, आदर्श की एवं सिद्धांतों पर अडिग रहकर न झुकने, न समझौता करने के आदर्श को जीने वाले महानायक एवं दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादूर शास़्त्री का निर्वाण दिवस 11 जनवरी 2021 को है। भारतीय राजनीति के महानायक, अजातशत्रु, स्वतंत्रता […]
अंकित सिंह अपनी बहुमुखी प्रतिभा से हिन्दी भाषा की अकल्पनीय सेवा कर गये भारतेंदु हरिश्चंद भारतेंदु हरिश्चंद्र ने उस दौर में हिंदी साहित्य के आयाम को नयी दिशा दी जब अंग्रेजों का शासन था और अपनी बात कह पाना कठिन था। उन्होंने एक ओर खड़ी बोली के विकास में मदद की वहीं अपनी भावना […]