चौधरी जयदीप सिह ‘नैन’ चौधरी तख्तमल जी पंजाब के मुक्तसर के पास मत्ते की सराय(सराय नागा) के 70 गांवों के स्वतंत्र जाट जागीरदार थे। उनका जन्म 4 मार्च 1465 के आस पास हुआ बताया जाता है। वे बहुत वीर और धनी पुरुष थे। द्वितीय सिख गुरु अंगद देव जी के पिता फेरूमल(खत्री)जी जब आर्थिक रूप […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
संकलनकर्ता- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ •आचार्य पं० रामचन्द्र शुक्ल (१८८४-१९४०) (आचार्य रामचन्द्र शुक्ल- हिन्दी समीक्षा को नवीन रूप देने वाले आचार्य शुक्ल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक थे। वे अपने मनोवैज्ञानिक निबंधों तथा सूर, तुलसी एवं जायसी पर लिखी समीक्षाओं के कारण विशेष ख्याति अर्जित कर सके। रसवादी समीक्षा शैली के […]
श्री वीरसेन वेदश्रमी वह मूलशंकर था, चैतन्य था, महाचैतन्य था, दयानन्द था। सरस्वती था, वेदरूपी सरस्वती को वह इस धरातल पर प्रवाहित कर गया। वह स्वामी था, वह सन्यासी था, परिव्राट था। दंडी था, योगी था, योगिराज था, महा तपस्वी था। योग सिद्धियों से संपन्न था-परन्तु उनसे अलिप्त था। मनीषी था, ऋषि था, महर्षि था, […]
भारत को अजेय शक्ति बनाने के लिए “हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है और राष्ट्रीयत्व ही हिंदुत्व है’ के उद्द्घोषक स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर आज तन से हमारे मध्य नहीं हैं। लेकिन उनकी संघर्षमय प्रेरणादायी अविस्मरणीय मातृभूमि के प्रति समर्पित गाथा युगों युगों तक भारतभक्तों का मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी। मुख्यतः हम उनकी पुण्य जन्म व […]
आज 27 फरवरी है । भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जिन देदीप्यमान सितारों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी तथा भारत मां को विदेशी आक्रांताओ के जुल्म जाल से छुड़वाया ,जिन वीर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया , ऐसे वीर शहीदों को इतिहास में वह स्थान नहीं मिल पाया जिसके कि […]
जयपुर 27 फरवरी। पथिक सेना संगठन द्वारा मंदिर श्री देवनारायण पुरानी बस्ती जयपुर में विजय सिंह पथिक की 141 वी जयंती के अवसर पर समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य रामफूल गुर्जर,राजस्थान गुर्जर महासभा प्रदेश महामंत्री मोहनलाल वर्मा, श्रीमती नीतू गुर्जर मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष चंद्रशेखर बसवा […]
(फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की दशमी की तिथि को स्वामी दयानंद की198 वी जयंती पर लेख की द्वितीय किस्त) ” स्वामीजी महाराज पहले महापुरूष थे जो पश्चिमी देशों के मनुष्यों के गुरू कहलाये।… जिस युग में स्वामीजी हुए उससे कई वर्ष पहले से आज तक ऐसा एक ही पुरूष हुआ है जो विदेशी भाषा नहीं […]
वास्तव में गुर्जरों का इतिहास इतना गौरवपूर्ण है यदि उसको एक जगह संकलित करके राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाए तो जनमानस में क्रांति उत्पन्न हो जाएगी। तथा जो लोग यह कहते हैं कि गुर्जरों का इतिहास क्या है? यह गुर्जर कौन होते हैं? उनको ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर सम्यक रूपेण प्राप्त हो […]
आज आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जयंती है। वैदिक तिथियों के अनुसार आज ही के दिन 1824 में उनका जन्म हुआ था । उनके क्रांतिकारी जीवन के अनेकों प्रसंग व प्रकरण हैं। जिन पर लिखते, सोचते और विचारते हुए अनेकों ग्रंथ तैयार हो सकते हैं। इसलिए उनके जीवन को किसी […]
मुझे यह जानकार दुःख हुआ कि अम्बेडकरवादी लगातार अपने लेखों में तिलक जी के लिए अत्यन्त अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि माँ भारती के इस सपूत ने कितना बड़ा कार्य किया था. आज अपनी ओर से कुछ भी ना लिखकर अन्य महापुरुषों के उदगार दे […]