(27 जून को स्मृति दिवस पर प्रकाशित) पं. गणपति शर्मा जी का जन्म राजस्थान के चुरु नामक नगर में सन् 1873 में श्री भानीराम वैद्य जी के यहां हुआ था। आप पाराशर गोत्रीय पारीक ब्राह्मण थे। आपके पिता ईश्वर के सच्चे भक्त व उपासक थे। पिता का यही गुण उनके पुत्र गणपति शर्मा में भी […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
निधि अविनाश आज के युग की बात करें तो शरीर के अगल-अलग अंगों के ऑपरेशन के लिए अब कई अलग-अलग डॉक्टर हैं लेकिन 2600 साल पहले मेडिकल साइंस के आदि पुरुष सुश्रुत प्लास्टिक सर्जरी भी करते थे जिन्हें फादर ऑफ प्लास्टिक सर्जरी भी कहा जाता था। भारत ने प्राचीन काल में मेडिकल साइंस की ऐसी […]
अंकित सिंह हेडगेवार अपने बड़े भाई से प्रेरणा लेते थे। उनके बड़े भाई हमेशा उन्हें अच्छा और बुरा बतलाते रहते थे। हेडगेवार के बड़े भाई महादेव शास्त्रों के अच्छे ज्ञाता तो थे ही साथ ही साथ मल्लयुद्ध की कला से भी माहिर थे। हेडगेवार एक अच्छे वक्ता थे और यही कारण था कि धीरे-धीरे राष्ट्रीय […]
उगता भारत ब्यूरो इस विषय में जितना भी लिखा जाए थोड़ा है तथापि हम संक्षेप मेँ ठोस सामग्री देने का प्रयास करेगेँ। आधुनिक भारत के एक प्रसिद्ध इतिहासकार श्री ईश्वरीप्रसाद ने ‘सरस्वती’ मासिक के सन् 1929 के एक अंक मेँ अपने एक पठनीय लेख मेँ लिखा था- “हिन्दूसमाज मेँ स्वामीजी ने हलचल मचा दी। अदम्य […]
आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने मनुष्य समाज की सेवा में सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक की रचना करके मानव जाति को ढकोसला, मूर्ति पूजा, पाखंड व असत्य से बचाकर भारी उपकार किया था। सत्य का ग्रहण और असत्य का परित्याग करने के लिए स्वामी दयानंद जी ने अपने द्वारा निर्भीक रूप से […]
लक्ष्मीबाई बहुत ही अद्भुत और बहादुर महिला थी। बात 15 मार्च 1854 की है वो धुंधली सी शाम जब एक शाही सफेद हाथी घुड़सवार दस्तों के साथ राजमहल की तरफ बढ़ रहा था। यह शख्स थे मशहूर ऑस्ट्रेलियन वकील लैंग जॉन जो रियासत की कर्ता-धर्ता और महाराज गंगाधर राव की विधवा रानी लक्ष्मीबाई के विशेष […]
-प्रियांशु सेठ (आज 18 जून, महारानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर विशेष रूप से प्रकाशित) स्वराज्य की रक्षा में अपना सर्वस्व निछावर कर देने वाली महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन की स्मृतियों का स्मरण कर प्रत्येक देशप्रेमियों का मन पुलकित हो उठता है। उनकी जीवनी से हम इस बात की प्रेरणा ग्रहण करते हैं कि यदि स्वराज्य […]
जिनकी रक्तवाह्नियो में सनातन धर्म प्रवाहित होता है उनके समक्ष आयु सीमा का कोई बन्धन नही होता। हम बात कर रहे हैं भदरी रियासत के बड़े महाराज राजा उदय प्रताप सिंह जी की जिनकी आयु लगभग 89 वर्ष की हो चुकी है । इस आयु में ज्यादातर सनातनी अपने पारिवारीक व सामाजिक दायित्वों से दूर […]
उगता भारत ब्यूरो आज बन्दा बैरागी का बलिदान दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्योंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठ्यक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का बलिदान व्यर्थ जाएगा […]
राजिंदर सिंह (इतिहास निर्माण करने वाली घटना) गुरु गोविन्द सिंह एक ऐसे सामर्थ्यवान् व्यक्ति की खोज करने लगे जिसको वे भावी नेतृत्व सौंप सकें। अपने दीवानों और सभासदों से विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने नान्देड़ के एक आश्रम में वर्षों से रह रहे वैरागी माधोदास को नेतृत्व सौंपने का मन बना लिया। भट्ट स्वरूप सिंह […]