जन्म: 4 अक्टूबर 1857, मांडवी, कच्छ, गुजरात स्वामी दयानंद सरस्वती का साहित्य पढ़ने के बाद श्यामजी कृष्ण वर्मा उनके राष्ट्रवाद और दर्शन से प्रभावित होकर पहले ही उनके अनुयायी बन चुके थे। स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रेरणा से ही उन्होंने लन्दन में ‘इंडिया हाउस’ की स्थापना की थी जिससे मैडम कामा, वीर सावरकर, वीरेन्द्रनाथ चटोपाध्याय, […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
दलित नेता जब बाबा साहब डाॅ अम्बेडकर पर भाषण देते है तब बड़ी धूर्तता से उस व्यक्ति का नाम ही नही लेते जिसने उन्हें “बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर” बनाया | महाराजा सयाजी गायकवाड़ ने उन्हें ब्रिटेन और अमेरिका पढने के लिए पूरा खर्चा दिया | यहाँ तक भी रहने का इंतजाम भी महाराजा ने […]
लेखक :- ब्र० महादेव पुस्तक :- देश भक्तों के बलिदान प्रस्तुति :- अमित सिवाहा भारतवर्ष के राष्ट्रीय इतिहास में वीरवर भगतसिंह का जीवन और बलिदान युग – युगान्तरों तक तथा कोटि – कोटि पुरुषों को सत्प्रेरणा देता रहेगा । आप किशोर अवस्था से ही क्रांतिकारी आन्दोलन के अत्यन्त सम्पर्क में थे । इसका कारण आपके […]
आज अमर शहीद भगत सिंह की जन्म जयंती है अधिकांश को इस विषय में इसलिए पता नहीं चल पाता क्योंकि आजादी से लेकर आज पर्यंत किसी भी सरकार द्वारा शहीद भगत सिंह की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है। ठीक आज से 4 दिन बाद 2अक्टूबर को गांधी की जयंती पर सरकारी […]
ओ३म् ========= वयोवृद्ध वैदिक विद्वान प्रा. राजेन्द्र जिज्ञासु जी की लघु पुस्तक ‘तपोवन महात्मा नारायण स्वामी’ का अध्ययन करते हुए इसके पृष्ठ 45 पर एक महत्वपूर्ण प्रसंग सम्मुख उपस्थित हुआ है। इसे हम पाठकों के अवलाकन हेतु प्रस्तुत कर रहे हैं। आगामी 15 अक्टूबर को महात्मा नारायण स्वामी जी की 75 वीं पुण्यतिथि है। इस […]
नवनीत कुमार गुप्ता गुलामी के दौर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया था सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने ईंट, पत्थर, लोहे और सीमेंट की इमारत बनाने वाला कोई इंजीनियर एक शिल्पकार ही माना जाता है। पर, उसकी इंजीनियरिंग में विशिष्ट तकनीकी कौशल के साथ-साथ सामाजिक सरोकार भी जुड़ जाएं तो वह महान बन जाता है। […]
उगता भारत ब्यूरो 11 सितम्बर 1857 आज का ही दिन था जब…बिठूर में एक पेड़ से बंधी 13 वर्ष की लड़की को, ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले किया, धूँ धूँ कर जलती वो लड़की, उफ़ तक न बोली और जिंदा लाश की तरह जलती हुई, राख में तब्दील हो गई। ये लड़की […]
मेरा जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जो आर्य समाजी था। मेरे पिता जी भी आर्य समाजी थे और माता जी तथा उनका परिवार भी आर्य समाजी था। हालांकि मैं यहां स्पष्ट कर दूं कि मेरे पिताजी के जीवन में कुछ विशेष परिवर्तन काफी लम्बे समय बाद घटित हुए। आर्यसमाज की विचारधारा के अनुरूप उनमें […]
ओ३म् =========== प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी ऋषि दयानन्द के विद्यागुरु थे। उन्होंने ही स्वामी दयानन्द को अष्टाध्यायी-महाभाष्य पद्धति से व्याकरण पढ़ाया था और शेष समय में उनसे शास्त्रीय चर्चायें करते थे जिससे स्वामी दयानन्द जी ने अनेक बातें सीखी थी। स्वामी विरजानन्द की एक प्रमुख बात यह थी कि वह ऋषि मुनियों के प्रशंसक […]
*भारत में वैदिक युग के सूत्रधार – स्वामी विरजानन्दजी दण्डी* (जन्म-१७७८ई. – निर्वाण १८६८ ई.) १.आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के विद्यादाता एवं पथ-प्रदर्शक महान गुरु विरजानन्द दण्डी (बचपन का नाम व्रजलाल) का जन्म पूज्य पिता श्रीनारायणदत्त के भरद्वाज गोत्र सारस्वत ब्राह्मणकुल में १७७८ ई. में करतापुर, जिला जालन्धर (पंजाब) में हुआ था। […]