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संपादकीय

आतंकवाद को लेकर अनिर्णय में फंसा विश्व समुदाय

पेरिस में एक ‘शार्ली अब्दो’ पत्रिका के कार्यालय में आतंकियों ने जिस प्रकार प्रैस की स्वतंत्रता पर आक्रमण कर अपनी क्रूरता का नंगा नाच किया है, उससे विश्व समाज पुन: कुछ सोचने पर बाध्य हो गया है। विगत 7 जनवरी को घटी इस घटना पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है। भावनात्मक बातें भी हो […]

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संपादकीय

विश्व-संगठन, विश्व-मानस और एक विश्व-धर्म

मानव के मानव पर अत्याचार करने की प्रवृत्ति ने विश्व के देशों को देशों पर अत्याचार करने के लिए प्रेरित किया,सम्प्रदाय को सम्प्रदायों पर अत्याचार करने के लिए प्रेरित किया। विश्व में उपनिवेशवादी व्यवस्था का जन्म मनुष्य की इसी भावना से हुआ। अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने और दूसरों के अधिकारों के प्रति असावधान […]

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संपादकीय

हाशिम अंसारी और इकबाल के ‘इमामे-हिन्द’ राम

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अधिवक्ता रहे 92 वर्षीय हाशिम अंसारी ने पिछले दिनों अचानक अपने आपको रामजन्म भूमि के विवाद से पीछे हटा लिया, और यह घोषणा भी कर दी कि वे रामलला को ‘आजाद’ देखना चाहते हैं। श्री अंसारी पिछले 64 वर्ष से इस प्रकरण से जुड़े रहे हैं। राम जन्म भूमि का […]

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संपादकीय

विश्वात्मा भाषा : संस्कृत

भारत जब-जब भी भारतीयता की और भारत केे आत्म गौरव को चिन्हित करने वाले प्रतिमानों की कहीं से आवाज उठती है, तो भारतीयता और भारत के आत्मगौरव के विरोधी लोगों को अनावश्यक ही उदरशूल की व्याधि घेर लेती है। अब मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहीं संस्कृत के लिए कुछ करना चाहा […]

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संपादकीय

आयु घट भी सकती है और बढ़ भी सकती है

सामान्यत: किसी भी दुर्घटना या चोट आदि के पश्चात जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो लोग उसे अकाल मृत्यु कहते हैं। लोग पीडि़त परिवार को सांत्वना देते हुए ऐसा भी कहते सुने जाते हैं कि ईश्वर ने ऐसा ही करना था, सो हो गया, इसलिए दु:ख किस बात का?ऐसी बातों के बीच […]

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संपादकीय

नेहरू काल में ही लग गया था लोकतंत्र पर दाग

बात पहले आमचुनावों की है। तब उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ मुस्लिम नेता मौलाना अबुल कलाम आजाद पार्टी के प्रत्याशी थे। मौलाना आजाद नेहरू के निकटतम मित्रों में से थे। नेहरू अपने मित्र को हृदय से चाहते थे। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पं. गोविन्द वल्लभ पंत थे। पंत एकसुलझे […]

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संपादकीय

गौभक्तों का हुतात्मा दिवस : 7 नवंबर

देश के गौभक्तों ने विगत 7 नवंबर को जंतर मंतर पर उन गौभक्त हुतात्माओं को बड़ी संख्या में पहुंचकर श्रद्घांजलि अर्पित की, जो 7 नवंबर 1966 को तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार के गृहमंत्री गुलजारी लाल नंदा की पुलिस की निर्दयी गोलियों के शिकार हो गये थे और असमय ही हमारे मध्य से चले गये […]

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संपादकीय

मनुष्य को अछूत मानने वाला स्वयं ‘अछूत’ है

अस्पृश्यता को लेकर पुन: एक बार चर्चा चली है। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने इस विषय में पुन: आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है और शूद्रों को मंदिर में प्रवेश पाने से निषिद्घ करने की बात कही है। जब विश्व मंगल ग्रह पर जाकर पृथ्वी के मंगल गीतों से मंगल पर मंगल मना रहा […]

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संपादकीय

राष्ट्र के वृत्त की परिधि का केन्द्र है हिंन्दुत्व

समाचार है कि मुजफ्फरनगर और सहारनपुर दंगों की आड़ में अलकायदा ने भारतीय मुसलमानों से जिहाद में सम्मिलित होकर अपनी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने की भावुक अपील की है। भारत में इस आतंकी संगठन का प्रमुख असीम उमर है। जिसके विषय में सुरक्षा एजेंसी का मानना है कि उसके तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय राजनीति विविधा संपादकीय

नई राजनीति के खिलाड़ी वरूण गांधी

सूखे पेड़ पर बैठा पक्षी भी बुरा लगता है। यहां तक कि यात्री भी सूखे पेड़ की अपेक्षा हरे-भरे पेड़ को तलाशता है, और अपनी थकान मिटाता है। इस घटना को समझने के दो पहलू हो सकते हैं, एक तो यह कि संसार स्वार्थी होता है, जहां तक आपके पास कुछ है, तब तक लोग […]

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