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भारतीय संस्कृति

वेदों के पारायण यज्ञ से राष्ट्र यज्ञ की ओर

आर्य जाति की अधोगति और आर्य समाज के सिकुड़ने के क्या कारण हैं ? जाति वही जीवित रहती है जो अपनी रक्षा स्वयं कर सकती है। जाति वही सुरक्षित है जिसमें बुद्धि भी है और बल भी है । बल और बुद्धि का सम्मिश्रण केवल मनुष्य जाति ही नहीं प्रत्युत प्रत्येक प्राणी के जीवित रहने […]

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शरीर अन्त में भस्म होने वाला होता है

परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा से हमें यह मानव का चोला मिला है ।जो लोग इस चोले को पाकर इतराते हैं और इसका दुरुपयोग करते हैं वे अंत में पछताते हैं । अच्छी बात यही है कि हम संसार से जाने से पहले सावधान हो जाएं। यजुर्वेद के इस मंत्र में ऐसी ही चेतावनी मनुष्य […]

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-दयानन्द सन्देश मासिक का वेदार्थ-समीक्षा विशेषांक- “पं. राजवीर शास्त्री द्वारा वर्णित महर्षि दयानन्द के वेदभाष्य की प्रमुख विशेषतायें”

ओ३म् ========= दयानन्द सन्देश मासिक पत्रिका आर्यजगत में सिद्धान्तों की पोषक एक प्रमुख पत्रिका है। हम इसके आरम्भ काल से ही पाठक व सदस्य रहे हैं। इस पत्रिका का नवम्बर-दिसम्बर, 1976 संयुक्तांक एक विशेषांक के रूप में प्रकाशित हुआ था जिसका शीर्षक था ‘वेदार्थ-समीक्षा’। यह भी बता दें कि इस पत्रिका का प्रकाशन महान ऋषिभक्त […]

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वैदिक जीवन स्वास्थ्य का आधार

पं. राजाराम प्रोफेसर (7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष ) उठने का समय और पहला कर्तव्य नाम नाम्ना जोहवीति पुरा सूर्यात् पुरोषस:। यदज: प्रथमं संबभृव स ह तत् स्वराज्य मियाय यस्मान्नन्यत् परमस्ति भृतम्।। -अथर्व० १०/७/३१ सूर्य से पहले और उषा से पहले नाम नाम से उसे बार-बार पुकारे, जो अजन्मा है, (अतएव इस जगत् […]

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केंद्र सरकार की पहल पर अब देश में एक जैसे कैलेंडर की हो रही है तैयारी

ओमप्रकाश सोणोवणे देशभर में एक समान तिथि, वार, त्योहार तय करने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर नेशनल कैलेंडर तय किया जाएगा। इसके लिए उज्जैन में दो दिन देशभर के ज्योतिषी, पंचांगकर्ता और खगोल विज्ञान से जुड़े विद्वान जुटेंगे। इसका फायदा यह होगा कि विभिन्न अंचलों से पंचांगों के कारण व्रत-त्योहार, तिथि आदि को […]

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भारतीय नववर्ष मनाने का उद्देश्य

उगता भारत ब्यूरो १. सृष्टि संवत्सर-सृष्टि की उत्पत्ति, वसन्त ऋतु चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हुई थी। अतः सृष्टि संवत्सर का शुभारम्भ इसी समय हुआ था। ज्योतिष के हिमाद्रि ग्रन्थ के अनुसार- चैत्रमासि जगद् ब्रह्म ससर्ज प्रथमेऽहनि। शुक्लपक्षे समग्रन्तु तदा सूर्योदये सति।। चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा को सृष्टि की उत्पत्ति के साथ ही प्रथम सूर्योदय […]

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नव संवत्सरोत्सव : हिंदू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

गर्व से कहो हम वैदिक धर्मी आर्य / हिंदू हैं संसार में भारत के ऋषियों का ज्ञान अनूठा और बेजोड़ है। जब सारा संसार ज्ञान – विज्ञान के क्षेत्र में क, ख, ग नहीं जानता था, तब हमारे ऋषियों का ज्ञान-विज्ञान अपनी ऊंचाइयों को छू रहा था। वैदिक सृष्टि संवत के अवसर पर यदि हम […]

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वैदिक संस्कृति में मन्वंतर और संवत्सर

    वैदिक संस्कृति पूर्णतया वैज्ञानिकता पर आधारित संस्कृति है । इसके प्रत्येक रीति – रिवाज, तीज- त्यौहार आदि के पीछे भी कोई न कोई वैज्ञानिक कारण होता है। परंपरा और रूढ़ि की विद्रूपता ने आज चाहे इन परंपराओं, रीति-रिवाजों व तीज त्योहारों को कितना ही विद्रूपित क्यों न कर दिया हो, परंतु ध्यान से देखने […]

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नवसंवत्सरोत्सव : भारतीय वैदिक /हिन्दू नववर्ष (प्रथम किस्त)

हिन्दू नववर्ष‘नवसंवत्सरोत्सव’ सृष्टि की उत्पत्ति का प्रकरण हर मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का विषय सृष्टि के प्रारंभ से ही रहा है। इसके लिए कोई भी ऐसा प्रामाणिक साक्ष्य वेदों के अतिरिक्त संसार में प्राप्त होना असंभव है जिससे इस जिज्ञासा की पूर्ण तृप्ति हो सके। वेद तो है ही सब सत्य विद्याओं की […]

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राजस्थान का कैला देवी मंदिर और बलि प्रथा

डॉ. विवेक आर्य राजस्थान के करौली जिले में कैला देवी मंदिर है। इस मंदिर में आज से कुछ दशक पहले धर्म के नाम पर भैंसे-बकरों की बलि दी जाती थी। अज्ञानियों द्वारा किया जाने वाला यह कृत्य न तो धर्म अनुकूल था न ही शास्त्रों के अनुकूल था। फिर भी परम्परा के नाम पर इस […]

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