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“अथर्ववेद भाष्यकार ऋषि दयानन्द भक्त पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी”

ओ३म् ========= अथर्ववेद भाष्यकार पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी जी से समस्त आर्यजगत परिचित है। उनका वेदभाष्य विगत एक शताब्दी से वैदिक धर्मियों द्वारा श्रद्धा से पढ़ा जा रहा है। पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी ऐसे विद्वान हैं जो ऋषि दयानन्द के समकालीन रहे और जिन्होंने आर्य विद्वान पं. जयदेव शर्मा, पं. विश्वनाथ वेदोपाध्याय विद्यामार्तण्ड तथा पं. […]

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“पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”

बिजनौर जनपद में साधारण से दिखने वाले निहाल सिंह सरकारी चौकीदार थे। आपकी अनेक स्थानों पर बदली होती रहती थी। एक बार एक बड़े कस्बे में आपका तबादला हुआ। रात को पहरा देते हुए आप कहते थे “पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”। आपकी आवाज सुनकर लोग आश्चर्य में पड़ गए क्योंकि उन्हें जागते […]

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ओ३म् “वैदिक साधन आश्रम तपोवन में पांच-दिवसीय वृहद गायत्री यज्ञ प्रगति पर”

ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून देश की आर्यसमाजों की योग साधना एवं वैदिक धर्म प्रचार की एक प्रमुख संस्था है। कोरोना काल में भी यहां नियमों का पालन करते हुए अर्धवार्षिक उत्सव एवं अन्य यज्ञ आदि के आयोजन होते रहे हैं। स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, पंडित सूरतराम शर्मा, श्री प्रेमप्रकाश शर्मा, श्री विजय कुमार […]

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*🙏प्रभु की प्राप्ति किसे होती है..🙏* .

. एक सुन्दर कथा एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने ठाकुर जी की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था। एक दिन ठाकुर जी ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा — “राजन् मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हैं। बोलो तुम्हारी कोई […]

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ऋग्वेद की अनूठी ऋषिका:

ऋग्वेद की अनूठी ऋषिका: रात्रि देवी को भी मान दिलाने वाली #रात्रिर्वा_भारद्वाजी वह रात्रि है,अपने साथ अन्धकार तो लाती ही है;परन्तु उस अंधकार में जीवन होता है।उसमें नित नवीनता होती है,उसमें दिन का समापन नहीं होता अपितु वह स्वयं से साक्षात्कार का अवसर देती है।यह रात्रि नष्ट होने वाली रात्रि नहीं है,बल्कि यह रात्रि हमें […]

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गायत्री मंत्र और महिलाएं

  प्रियांशु सेठ आज के युग में हिन्दू समाज में एक भ्रान्ति फैली हुई है कि गायत्री मन्त्र के जप का अधिकार स्त्रियों को नहीं है। ये हमारे शास्त्रों के विरुद्ध है। प्राचीन काल में सभी स्त्रियां व पुरुष नित्य गायत्री की उपासना करते थे किन्तु आज ये नहीं होता। आजकल पौराणिक गुरु अपने चेले […]

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💐 *भक्ति का प्रथम मार्ग है* *सरलता:*💐

एक आलसी लेकिन भोलाभाला युवक था आनंद। दिन भर कोई काम नहीं करता बस खाता ही रहता और सोता रहता। घर वालों ने कहा चलो जाओ निकलो घर से, कोई काम धाम करते नहीं हो बस पड़े रहते हो। वह से घर से निकल कर यूं ही भटकते हुए एक आश्रम पहुंचा। वहां उसने देखा […]

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क्या शिवजी को भांग पीते हुए चित्रित करना सही है?

#डॉ_विवेक_आर्य हिन्दू समाज में शिवजी भगवान को कैलाशपति, नीलकंठ आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। नीचे एक चित्र दिया गया है। जिसमें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी भांग का सेवन करते हुए दिखाए गए है। वेदों में शिव ईश्वर का एक नाम है जिसका अर्थ कल्याणकारी है एवं एक नाम रुद्र है जिसका अर्थ […]

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ईसाइयत से लोगों को बचाने की ऋषि दयानन्द की आर्यों को प्रेरणा

—————- सत्यार्थ प्रकाश के १३वें समुल्लास में एक स्थान पर ऋषि दयानन्द ने लिखा है – “यह भी विदित हुआ कि ईसा ने मनुष्यों के फसाने के लिये एक मत चलाया है कि जाल में मच्छी के समान मनुष्यों को स्वमत में फसाकर अपना प्रयोजन साधें । जब ईसा ही ऐसा था, तो आजकल के […]

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शिव, शिव की पूजा और महाशिवरात्रि का क्या है रहस्य ?

( महाशिवरात्रि पर विशेष आलेख) जो मूढ होते हैं वह गूढ़ को न समझ कर रूढ़ की बात करते हैं, ऐसे मूढ लोगों से क्षमा चाहते हुए विचारवान  विद्वान , सत्यान्वेषी, सत्यपारखी  ,सत्याग्रही, लोगों के समक्ष एक प्रकरण  उद्धत करना चाहूंगा।गूढ को यदि समझ लें तो मूढ़ता, अज्ञानता , अविद्या, अविवेकता,  मूर्खता समाप्त होती है। […]

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