बहुत सारे साथियों को आज नारद जी को स्मरण करते हुए सुना है तथा उनके संदेश भी पढ़े हैं।ऐसा संदेश पढ़कर सुनकर मुझे ऐसी अनुभूति हो रही है कि मैं नारद जी के विषय में जो सत्य है उसका निरूपण करूं। वास्तव में नारद कौन हैं? क्या कोई मनुष्य है या कोई ऋषि है अथवा […]
श्रेणी: आज का चिंतन
ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के दिनांक 11-5-2022 से 15-5-2022 तक आयोजित पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के समापन आयोजन में आर्यजगत् के शीर्ष विद्वान डा. वागीश आर्य जी का सम्बोधन हुआ। उन्होंने अपना सम्बोधन एक वेदमन्त्र बोलकर आरम्भ किया। अपने सम्बोधन के आरम्भ में उन्होंने प्रश्न किया कि आर्य और हिन्दू शब्द में क्या […]
पूरे दिन स्वयं को जलाकर उच्चतम तपिश को झेलने के पश्चात अपने प्रकाश को पृथ्वी के भूभाग पर फैलाने के बाद और अंधेरे को दूर भगा कर अपनी यात्रा के अवसान पर सूर्य देव के मन में एक प्रश्न उठ रहा था, बार बार उसको परेशान और उद्वेलित कर रहा था प्रश्न कि मेरे अस्त […]
!!ओ३म्!! *लेखक:- डॉ. सोमदेव शास्त्री(मुम्बई)* 9869668130 आर्य समाज के नियमों का पाठ करते हुए आर्य जन अपने साप्ताहिक सत्संग में कहते हैं कि अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए। ईश्वर और धर्म के नाम पर प्रचलित सभी प्रकार के पाखंडों का पुरजोर खंडन आर्य समाज करता रहा है। चाहे वह पाखंडवाद,अंधविश्वास हिंदू […]
ओ३म् ========= वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के शरदुत्सव का आज तीसरा दिन था। प्रातः यज्ञशाला में चार यज्ञकुण्डों में आंशिक अथर्ववेद पारायण यज्ञ किया गया। यज्ञ में अथर्ववेद के मन्त्रों से घृत एवं हवन सामग्री की आहुतियां दी गईं। आहुतियां देते हुए सूक्त समाप्त होने पर दूसरे सूक्त का आरम्भ करने के बीच यज्ञ […]
“जब व्यक्ति को कोई उपलब्धि होती है, अर्थात उसे कहीं किसी कार्य में सफलता प्राप्त होती है, विद्या प्राप्त करने में, धन प्राप्ति में, बल प्राप्ति में, कोई पुरस्कार प्राप्ति में, कोई पद की प्राप्ति में इत्यादि, तो उस उपलब्धि से स्वाभाविक है, कि उसमें कुछ अभिमान उत्पन्न होता है। जिस का मूल कारण अविद्या […]
ओ३म् ======== वर्तमान समय में हिन्दू समाज में किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु होने पर तेरहवीं व बर्सी आदि की अनेक प्रथायें प्रचलित हैं। परिवार के वृद्ध व युवा सदस्य की मृत्यु होने पर पूर्व निर्धारित विवाह आदि अनेक कार्यक्रमों को रोक दिया जाता है। ऐसी भी प्रथा है कि तेरहवीं वा मृतक की मृत्यु […]
ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के ग्रीष्मोत्सव के दूसरे दिन आज प्रातः 6.30 बजे अथर्ववेद पारायण यज्ञ हुआ। यज्ञ चार वेदियों में किया गया। सभी वेदियों में अनेक यजमानों ने उपस्थित होकर घृत एवं साकल्य की आहुतियां दीं। यज्ञ के ब्रह्मा ऋषि भक्त विद्वान स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी थे। व्याख्यान वेदी स्वामी चित्तेश्वरानन्द […]
ओ३म् ========= वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के शरदुत्सव का आज तीसरा दिन था। प्रातः यज्ञशाला में चार यज्ञकुण्डों में आंशिक अथर्ववेद पारायण यज्ञ किया गया। यज्ञ में अथर्ववेद के मन्त्रों से घृत एवं हवन सामग्री की आहुतियां दी गईं। आहुतियां देते हुए सूक्त समाप्त होने पर दूसरे सूक्त का आरम्भ करने के बीच यज्ञ […]
ओ३म् का जाप स्मरण शक्ति को तीव्र करता है,इसलिए वेदाध्ययन में मन्त्रों के आदि तथा अन्त में ओ३म् शब्द का प्रयोग किया जाता है। मनुस्मृति में आया है कि ब्रह्मचारी को मन्त्रों के आदि तथा अन्त में ओ३म् शब्द का उच्चारण करना चाहिए। क्योंकि आदि में ओ३म् शब्द का उच्चारण न करने से अध्ययन धीरे […]