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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय

‘पत्थरबाजो! भारत छोड़ो,’ भाग-5

(50) कोच्चीन, त्रावणकोर- इन दोनों क्षेत्रों में मुस्लिम शासन एक दिन भी नहीं रहा। जबकि 1857 ई. से यहां अंग्रेजी राज्य अवश्य आ गया। इस प्रकार के परिश्रम साध्य विषय को समझकर और देखकर हमें ज्ञात होता है कि अंग्रेजों का भारत में विस्तार सामान्यता 1820 ई. से बाद का है। उसमें भी अधिकांश 1857 […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-6

बांग्लादेश से हो रही मुस्लिमों की घुसपैठ पर जब पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने यहां जाकर उनके कान ऐंठ दिये हैं, इसलिए तब से चुप है। साम्यवादियों को अंधे की भांति दो नैनों के रूप में मुस्लिम मतों की भूख रही है। इनके समक्ष उनके लिए राष्ट्रहित गौण है। यही स्थिति कांग्रेस की […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-5

सत्ता में लिप्त सभी दल हमने जनता पार्टी को सत्ता को सत्ता सौंपी, चरण सिंह के लोकदल को सत्ता सौंपी, वीपीसिंह के जनता दल को सत्ता सौंपी, राष्ट्रवाद की प्रहरी बनी भाजपा को सत्ता सौंपी और आज साम्यवादियों के सहयोग से चल रही कांग्रेसी सरकार को पुन: सत्ता सौंप दी है, लेकिन शासन का ढंग […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-4

‘अधिकतम’ का उपाय सोचें इस प्रकार यह ‘न्यूनतम’ शब्द नई समस्याओं को उत्पन्न करने वाला शब्द है। इसके स्थान पर ‘अधिकतम’ शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए। जिसका अर्थ हो कि सभी दल ऐसे उन सभी बिंदुओं पर कार्य करेंगे जिनके आधार पर उन्होंने जनता से मत मांगा था। जिस दल के जितने अधिक सांसद […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-3

विपक्षी नेताओं ने भी आदर्श छोड़े इसके पश्चात सन 1989 ई. में वी.पी. सिंह ने इसी गठबंधन के पूर्व परीक्षित प्रयोग का पुन: परीक्षण किया। किंतु इसका परिणाम भी न केवल वही हुआ अपितु शीघ्र ही वीपीसिंह को पद त्याग करना पड़ा। महाराजा वी.पी. सिंह 2 दिसंबर सन 1989 ई. से 10 नवंबर सन 1990 […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से राजनीति

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-2

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-2 आज कुछ असामाजिक तत्व मजहब के नाम पर एक होकर देश को तोड़ रहे हैं। 12 राज्यों में नक्सलियों को कम्युनिस्टों का सहयोग और संरक्षण प्राप्त है। देश की आर्थिक नीतियों पर और कश्मीर के प्रश्न पर हम अमेरिकी दबाव में कार्य करते हैं। शिक्षानीति और देश की न्याय व्यवस्था पर सरकार […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

मुस्लिम दलित किसी की बपौती नहीं

भारत का संविधान अपने मौलिक स्वरूप में पंथनिरपेक्ष संविधान है। यह पंथनिरपेक्षता शब्द अपने आप में प्रत्येक व्यक्ति के उन सभी अधिकारों की सुरक्षा करता है जिनकी कल्पना तक आज के मानवाधिकारवादी कर भी नहीं सकते। राज्य किसी के प्रति पक्षपाती नहीं होगा और देश के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुलभ […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हिन्दू शक्ति ने बढ़ाई दिल्ली की मुस्लिम राजनीति में रूचि

जब किसी मुस्लिम राजवंश का पतन होता था तो स्वाभाविक रूप से अंतिम समय के सुल्तानों का अपने शासन पर नियंत्रण शिथिल हो जाता था। शासन की इस शिथिलता का लाभ हमारे तत्कालीन हिंदू वीर अवश्य उठाते थे। यह क्रम 1206 ई. से लेकर अब तक (तुगलक वंश के अंतिम दिनों तक) यथावत चला आ […]

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राजनीति

मुस्लिम मतों के बल पर हिन्दू विरोध की राजनीति का औचित्य

 देश में मुस्लिमों की तेरह-चौदह प्रतिशत आबादी के मद्देनजर अभी हाल में संपन्न हुए चुनावों में लोकसभा में पहुंचे कुल 24 मुस्लिम सांसदों की संख्या पर कई लोगों ने सवालिया निशान उठाया है। इनका मानना है कि तेरह-चौदह प्रतिशत की आबादी वाले समुदाय के लिए इतनी सीटों का होना चिंता का विषय है, जबकि आबादी […]

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