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कृषि जगत

सूखे की मार के प्रति पूरी तरह उदासीन सरकार

धर्मेन्द्रपाल सिंह बीती तीस सितंबर की तारीख दो लिहाज से बहुत महत्त्वपूर्ण थी। पहला कारण है मौसम विभाग ने इस दिन मानसून के लौटने की अधिकृत घोषणा कर दी और मान लिया कि लगातार दूसरे साल देश सूखे की चपेट में है। दूसरा कारण है इसी दिन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी गई खाद्य […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

स्वच्छता अभियान में हरीश सरकार का संदेश

मयंक चतुर्वेदी राजनीति में रहकर राजनीतिक पार्टी से ऊपर उठकर देशहित में विचार करते हुए राजनीति के जरिए केंद्र में मोदी सरकार की देश को स्वच्छ बनाने और सभी घरों में आवश्यक रूप से शौचालयों के निर्माण को हकीकत में बदलने के लिए जिस प्रकार का अनोखा प्रयोग करने का निर्णय उत्तराखण्ड की हरीश रावत […]

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राजनीति

दिल्ली में सरकारों का छाया-युद्ध

विकास नारायण विज्ञापनों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही नहीं, पुलिस कमिश्नर बस्सी भी दिल्ली की जनता के प्रति सजग रहना चाहते हैं। यहां तक कि उपराज्यपाल नजीब जंग अपने कार्यकलापों में बेशक रीढ़-विहीन नजर आएं, संशय-विहीन नहीं कहे जा सकते। अन्यथा आरोप-प्रत्यारोप की वर्तमान कवायद में अबूझ क्या है? कौन नहीं जानता कि दिल्ली की […]

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राजनीति

एक्शन के मूड में दिख रही है अखिलेश सरकार

अतुल मोहन सिंह लखनऊ. सोशल साइट्स पर सरकार के खिलाफ मुहीम छेडऩे वाले आईएएस अधिकारियों पर अखिलेश सरकार की आंखें टेढ़ी हो गई है। इसके साथ ही बिना किसी अनुमति के केस की जांच के लिए निकलने वाले अधिकारियों पर भी सरकार एक्शन लेने के मूड में है। इसके लिए मुख्य सचिव बागी अधिकारियों से […]

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विशेष संपादकीय

सरकारों की गलत नीतियों  के कारण कर रहे हैं किसान आत्महत्या

देश में खराब मौसम के कारण रवि फसल में कृषि उत्पादन की स्थिति दयनीय होती देख किसानों की आत्महत्या करने का सिलसिला सा देश में चल गया है। इस विषय में देश की सरकार और प्रदेशों की सरकारों की ओर से भी बयान आये हैं कि किसानों को उनकी बर्बाद फसल का उचित मुआवजा दिया […]

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संपादकीय

सरकार व्यक्ति और व्यवस्था

किसी संस्कृत के कवि ने कितना सुंदर कहा है :- यन्मनसा ध्यायति तद्वाचा वदति,यद्वाचा वदति तत्कर्मणा करोति,यद्कर्मणा करोति तदभि सम्पद्यते। अर्थात मनुष्य जैसा विचारता है-ध्यान करता है, वैसा ही बोलता है, जैसा बोलता है-वैसा ही कर्म करता है और जैसा कर्म करता है वैसा फलोपभोग करता है।इसका अभिप्राय है कि संसार के सारे व्यवहार-व्यापार का […]

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राजनीति

सरकार के 100 दिनों की समीक्षा: ‘अच्छे दिनों’ की पहल

सिद्धार्थ शंकर गौतम पहली बार प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने 100 दिन पूरे कर लिए हैं।वैसे तो किसी भी नई-नवेली पार्टी की सरकार के कार्यों की समीक्षा हेतु 100 दिनों का समय काफी कम है, अत: समीक्षा नहीं ही होना चाहिए किन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली […]

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महत्वपूर्ण लेख

सरकार निर्णय में देर क्‍यों कर रही है

डॉ0 वेद प्रताप वैदिक संघ लोकसेवा आयोग की ‘सीसेट’ परीक्षा के विरुद्ध युवकों ने जबर्दस्त आंदोलन खड़ा कर दिया है। कुछ युवक अनशन पर बैठे हैं, सैकड़ों प्रदर्शन कर रहे हैं और एक ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की है। इस आंदोलन की अनुगूंज संसद में भी हुई है। केंद्र सरकार ने एक समिति […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

सरकार हनीमून पर

आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने संसद में बजट पर बहस के दौरान एक कविता पढ़ी, जो सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है. संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद की कविता, ‘अच्छे दिन कब आने वाले हैं’, यहाँ पढ़िए. पहले किराया बढ़ाया रेल काफिर नंबर आया तेल का ख़ुद ही दस […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

किसी भी सरकार ने किसानों के बारे में नही सोचा

पुण्‍य प्रसून वाजपेयी किसान जिन्दा रहे या ना रहे यह आजादी के बाद से कभी किसी सरकार ने नहीं सोचा । फिर ऐसा क्या है कि मोदी सरकार के सामने सबसे बडा राजनीतिक संकट किसान ही हो चला है। नेहरु से लेकर मनमोहन सरकार तक की नीतियों तले किसान हाशिए पर ही ढकेले गये। फिर […]

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