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अच्छे दिन की कल्पना और सामाजिक विद्रूपताएं

घनश्याम भारतीय प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेन्द्र मोदी ने जिस अच्छे दिन की कल्पना की थी और देश वासियों को उसके सपने दिखाये थे उन्हें साकार होने में सामाजिक विदू्रपताएं बाधक बनी हुई है। जिन्हें दूर किये बिना अच्छे दिन की कल्पना बेमानी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्तियो की एक लम्बी श्रृंखला से बनने वाला […]

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सरकार के 100 दिनों की समीक्षा: ‘अच्छे दिनों’ की पहल

सिद्धार्थ शंकर गौतम पहली बार प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने 100 दिन पूरे कर लिए हैं।वैसे तो किसी भी नई-नवेली पार्टी की सरकार के कार्यों की समीक्षा हेतु 100 दिनों का समय काफी कम है, अत: समीक्षा नहीं ही होना चाहिए किन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली […]

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