यद्वाचाऽनभ्युदितं, येन वागभ्युद्यते । तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि,नेदं यदिदमुपासते ।।-(केन० 1/4) जो वाणी द्वारा प्रकाशित नहीं होता,जिससे वाणी का प्रकाश होता है,उसी को तू ब्रह्म जान।जिसका वाणी से सेवन किया जाता जाता है,वह ब्रह्म नहीं है। यन्मनसा न मनुते,येनाहुर्मनो मतम् । तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि,नेदं यदिदमुपासते ।।-(केन० 1/5) जिसका मन से मनन नहीं किया जाता,जिसकी […]
Month: November 2024
विश्व वृद्ध की विदाई
अब से लगभग 2300 साल पहले यूनानी अध्येताओं का एक दल उस काल में ज्ञान वृद्ध भारत में आया…. भारत के आचार्यों से ज्ञान का अर्जन करने के लिए भारत से कुछ सीखने जानने के लिए । भारत वर्ष अपने ज्ञान को बांटता रहा है । वही जब मध्यकाल में इसकी 75 फीसदी आबादी जिसमें […]
शंका-१ यदि ईश्वर सब जगह है तो क्या वह मल मूत्र में, सूअर, कुत्ते,चौर-डाकू में भी है? फिर तो ईश्वर भी गंदा हो जाएगा। समाधान – जब हम चुम्बक के टुकड़े को मल में, गन्दगी में, डालते हैं तो चुम्बक का लोहा गंदा होता है, उसकी आकर्षण शक्ति गंदी नहीं होती। पृथ्वी पर मल मूत्र […]
कर तू, संधि कर
वेद धर्म के गीत सुनाकर, सबको राह दिखाता चल। जहां-जहां अंधकार मिले, पुरुषार्थ से उसे हटाता चल।। वेद ज्ञान का अमृत पीकर, हो जा, मन से मतवाला। खो जा शिव की मस्ती में, हृदय बना भक्ति वाला।। पारसमणि वेद को लेकर, मन के लोहे पर फेरा कर। आभास किया कर परिवर्तन का, वृत्तियों को तू […]
दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) कभी कभी लिखते हुए भी सोचना पड़ता है की समाज के दोहरे मापदंड पर क्या लिखें लेकिन लिखना पड़ता है लोगो को दर्पण दिखाना पड़ता है। सम्भल की घटना पर स्वयंभू घोषित बुद्धिजीवी और इस्लामिक समाज के कुछ ठेकेदार माननीय न्यायालय और पुलिस फोर्स को अप्रत्यक्ष रूप से दोषी करार […]
आदिवासी समाज और ईसाइयत
#डॉविवेकआर्य भारत जैसे बड़े देश में करोड़ों लोग वनक्षेत्र में सदियों से निवास करते है। कुछ लोग उन्हें आदिवासी कहते है क्योंकि उनका मानना है कि आदिकाल में सबसे प्रथम जनजाति इन्हीं के समान थी। कालांतर में लोग विकसित होकर शहरों में बसते गए जबकि आदिवासी वैसे के वैसे ही रहे। हम इसे भ्रान्ति मानते […]
आपका जन्म 26 नवम्बर सन 1892 ई० में हिसार शहर के निकटतम गांव सातरोड़ खुर्द के एक सर्व सम्पन्न अग्रवाल परिवार में ला. मुसद्दीलाल के यहां हुआ । आपका पालन – पोषण घर की सम्पन्नता के कारण बहुत अच्छे तथा अमीराना ढंग से हुआ । आपकी शिक्षा हिन्दी के माध्यम से हुई और उसके बाद […]
संसार में कितने लोगों ने अपने को ईश्वर का संदेशहर कहकर अपने नाम से पंथ चलाये और आज उनके लाखों-करोड़ों अनुयायी दृष्टिगोचर होते हैं। कितनों ने गुरु बनकर अपने चेले-चेलियों की बुद्धि की आंखों पर पट्टी बांधी और उनका तन, मन और धन हड़प लिया। कोई-कोई तो इतने बढ़े कि स्वयं परमेश्वर बन बैठे और […]
काल भैरव कथा
डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता : एक बार ब्रह्मा, बिष्णु में श्रेष्ठता को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद को सुलझाने के लिए ब्रह्मा, बिष्णु एवं सभी देवी-देवता और ऋषि मुनि भगवान शिव के पास आते हैं। भगवान शिव ने सभी देवी-देवता और ऋषि मुनियों ने से पूछा कि आप ही बताइए सबसे […]
दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) मजहबी उपद्रवियों की ताकत पर अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे लोगों का आतंक उत्तर प्रदेश ने देखा है। संभल में जिस तरह इस्लामिक भीड़ को कईं किलोमीटर तक से बुलाकर एकत्र कर उपद्रव काटा गया यदि पुलिस मोर्चा नहीं संभालती तो मजहबी भीड़ किस तरफ जाती यह कोई नहीं […]