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आज का चिंतन

ईश्वर सबसे महान और वैदिक ऋषि महान और संसार के आदर्श” ========

ओ३म् ========= इस संसार और पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे महान कौन है? इसका उत्तर है कि इस संसार को बनाने व चलाने वाला जगदीश्वर सबसे अधिक महान पुरुष है। ईश्वर के बाद संसार में सबसे महान पुरूष व मनुष्यों के आदर्श कौन हैं, इसका उत्तर है वेदों के अनुयायी व अनुमागी सभी ऋषि महान और […]

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स्वास्थ्य

ओमिक्रोन से कैसे करें अपना बचाव

ओमिक्रॉन से घबराएं नहीं। ज्यादातर मरीज 4-5 दिनों के अंदर घर पर ही ठीक हो रहे हैं। ओमिक्रॉन वाला कोरोना वायरस हमारी नाक और सांस नली के ऊपरी हिस्से में ही रहता है, इसीलिए ज्यादा संक्रामक भी है। डेल्टा वाला तो हमारे फेफड़ों में डेरा जमाकर उन्हें खराब कर देता था। इसीलिए ऑक्सिजन की जरूरत […]

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कविता

धर्म पुजारी है  प्रेम का  ……

कविता – 22 धर्म पुजारी है  प्रेम का  …… मजहब कारण विनाश का बात बांध लो गांठ। धर्म प्रतीक विकास का दे मानवता का पाठ।।1।। धर्म की दृष्टि दिव्य है दिव्य धर्म का तेज। मनुष्यता बिना धर्म के हो जाती निस्तेज।।2।। मजहबी अपराध से भरा पड़ा इतिहास। दानवता बनकर किया मानवता का नाश।।3।। मजहबी चिंतन […]

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इतिहास के पन्नों से

कामुक अकबर के रंगीन किस्से

भारत के ज्ञात इतिहास में कामुक वृत्ति के दो चरित्र मिलते हैं। एक मांडव का गयासुद्दीन और दूसरा अकबर। इनमें भी अकबर ने गयासुद्दीन को बहुत पीछे छोड़ दिया। गयासुद्दीन कामुक था किंतु अपनी काम-पिपासा के लिए वह अपने मालवा राज्य की हिन्दू प्रजा को ही सताता था। जहां कहीं किसी हिन्दू के घर में […]

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इतिहास के पन्नों से

संसार के जिस कोने में भी भारतीय गए – वहीं अपनी छाप छोड़ी

प्रह्लाद सबनानी आज पूरे विश्व में 3.2 करोड़ से अधिक अप्रवासी भारतीय निवास कर रहे हैं। करीब 25 लाख भारतीय प्रतिवर्ष भारत से अन्य देशों में प्रवास के लिए चले जाते हैं। विदेश में बस रहे भारतीयों ने भारतीय संस्कृति का झंडा बुलंद करते हुए भारत की साख को न केवल मजबूत किया है बल्कि […]

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इतिहास के पन्नों से

हरियाणा के सांस्कृतिक गौरव का इतिहास

स्वामी ओमानन्द सरस्वती भारत के पतनकाल के समय आज से दो सो वर्ष पूर्व भी हरयाणा स्वर्ग के समान ही था । इसकी वैदिकसंस्कृति ज्यों की त्यों अविकृतरूप में थी । केवल पौराणिक प्रभाव के कारण तीर्थ , मूर्तिपूजादि का प्रचलन होगया था । वही अश्वपति के काल का पवित्र चरित्र , शुद्ध , सात्त्विक […]

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इतिहास के पन्नों से

प्रकृति ने बहुत ही सहज और स्वाभाविक बनाया है भारत को

यह आज हमें पता है कि भारत का वर्तमान स्वरूप 15 अगस्त 1947 की देन है। आज अखंड भारत की कल्पना में हम केवल पाकिस्तान और बांग्लादेश को जोड़ते हैं। परंतु हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि बर्मा, श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि भी भारत के ही भाग रहे हैं। यदि हम केवल 15 अगस्त 1947 के […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के बारे में क्या लिखा है पुराणों में ?

पुराणों में भारतवर्ष की महिमा – ये पृथ्वी सप्तद्वीपा है । इनके नाम हैं – जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप, शाल्मलिद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, तथा पुष्करद्वीप । सातों द्वीपों के मध्य जम्बूद्वीप है । जम्बूद्वीप के अधिपति महाराज आग्नीध्र के नौ पुत्र हुए – जिनके नाम थे – नाभि, किम्पुरूष, हरिवर्ष, इलावृत, रम्यक, हिरण्मय, कुरू, भद्राश्व और केतुमाल […]

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इतिहास के पन्नों से

जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए थे सातरोड हिसार

लाला हरदेव सहाय स्वामी श्रद्धानन्द जी के शिष्य थे। आप मियांवाली जेल में स्वामी जी के साथ गुरु का बाग मोर्चा सत्याग्रह के अंतर्गत बंद रहे थे। यह मोर्चा सिखों को गुरु का बाग़ गुरूद्वारे को महंतों के चंगुल से मुक्त करवाने के लिए चलाया गया था। आर्यसमाज के शीर्घ नेता और प्रधान स्वामी श्रद्धानंद […]

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महत्वपूर्ण लेख

दिल्ली के तेल में नेताजी की गौरवपूर्ण वापसी

के विक्रम राव इतिहास का उतार—चढ़ाव देखें। साथ में वक्त की करवट भी। पांच दशक बीते, नयी दिल्ली के हृदय स्थल इंडिया गेट से अपने विशाल भारत साम्राज्य को निहारती रही ब्रिटिश बादशाह जॉर्ज पंचम की पथरीली मूर्ति। अब उसके हटने से रिक्त पटल पर कल (23 मार्च 2022) उनकी 125वीं जयंती पर अंग्रेज राज […]

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